Allah Ke 99 Naam Hindi Me (Part-1) | अल्लाह के 99 नाम और फ़ायदे

Last updated on अगस्त 17th, 2022 at 10:21 अपराह्न

अल्लाह के 99 नाम ( Allah Ke 99 Naam) जिनको अस्माउल हुस्ना भी कहते हैं, ये अल्लाह के अच्छे अच्छे नाम हैं जिनके बारे में क़ुरान कहता है कि

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हिन्दी : – वलिल लाहिल अस्माउल हुस्ना फ़दऊहु बिहा
English : – Walil Laahil Asmaaul Husna, Fad Oohu Biha

Translation : अल्लाह के अच्छे अच्छे नाम हैं सो इन नामों से उसको पुकारा करो।

और अल्लाह के नामों के बारे में हदीस कहती है कि

हज़रत अबू हुरैरा रज़ियल लाहु अन्हु से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लललाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया : अल्लाह के 99 नाम हैं, जो शख्स इनको याद रखेगा वो जन्नत में दाखिल होगा, इसी हदीस के दुसरे लफ़्ज़ों में ये है कि जो शख्स इनको याद कर लेगा और बराबर पढ़ता रहेगा वो ज़रूर जन्नत में दाखिल होगा।

अगर आप अल्लाह के 99 नाम हिंदी में लिस्ट डाउनलोड करना चाहते है तो ये चेक करे: – अल्लाह के 99 नाम की हिंदी लिस्ट

अल्लाह के 99 नाम के फ़ायदे (Benefits Of Allah Names In Hindi)

अल्लाह | Allah
( उस जाते बारी तआला का नाम जिसके सिवा कोई इबादत के लाइक नहीं )

जो शख्स रोज़ाना 1000 बार या अल्लाह पढ़ेगा, तो इंशाअल्लाह उसके दिल से तमाम शक और शुबहे ख़त्म हो जायेंगे और मुकम्मल ईमान नसीब होगा।

एक ऐसा मरीज़ जिसका मर्ज़ ला इलाज हो चूका हो और डाक्टर्स ने जवाब दे दिया हो तो वो इस नाम को ख़ूब पढ़े अगर उसकी मौत का वक़्त नहीं आया तो इंशाअल्लाह उसे शिफ़ा मिलेगी।

1. अर रहमान | Ar Rahman
( बड़ा महेरबान )

जो शख्स हर नमाज़ के बाद “या रह्मानु पढ़ेगा उसके दिल से इंशाअल्लाह हर क़िस्म की सख्ती और गफ़लत दूर हो जाएगी।

अगर कोई चाहता है कि उसकी ज़रूरतें पूरी हों तो वो “या रह्मानद दुनिया वल आखिरह” को 41 बार रोज़ाना 41 दिन तक पढ़े।

2. अर रहीम | Ar Raheem
( बहुत रहम करने वाला )

अगर कोई चाहता है कि उसके दरख़्त से निकलने वाले फलों में बरकत हो तो इस नाम को लिखे और पानी से धुले और धुला हुआ पानी अपने दरख्त में डाले।

जो शख्स ये चाहता है कि अल्लाह की रहमत उसे हासिल हो और लोगों के दिल उसके लिए नर्म हों तो वो रोज़ाना इस नाम को 100 बार पढ़े।

3.अल मलिकु | Al Malik
( सारे जहाँ का बादशाह )

अगर आप चाहते हैं आपके मन की मुराद मिल जाये तो सुबह की नमाज़ के बाद इस नाम को 3000 बार रोज़ाना पढ़े।

4. अल-क़ुददूसु | Al Quddus
( बुराइयों से पाक ज़ात)

जो शख्स ये चाहता है कि सफ़र में उसको थकावट महसूस न हो तो सफ़र के दौरान इसको पढ़ता रहे।
जो शख्स ये चाहता है कि नाजायेज़ खावाहिशों और शहवतों से बेपरवा हो जाये उसे चाहिए कि इस नाम को रोज़ाना 1000 बार पढ़े।

5. अस-सलामु | As Salam
( तमाम आफ़तों और बुराइयों से महफ़ूज़, तमाम कमजोरियों से पाक बेऐब ज़ात )

जो अपने इल्म और (knowledge) में बढ़ोतरी चाहता है तो फ़ज्र की नमाज़ के बाद 1000 बार इसको पढ़ा करे।

अगर किसी मरीज़ पर इस नाम को और सलामुन क़ौलम मिर रब्बिर रहीम 121 बार पढ़े तो इंशाअल्लाह मरीज़ को शिफ़ा मिलेगी, नहीं तो कम से कम उसकी तकलीफ़ में कमी आ जाएगी।

6.अल-मुअ’मिन | Al Muamin
( अम्न देने वाला )

अगर कोई किसी खौफ़ या डर के वक़्त हर तरह के नुक़सान से महफूज़ रहना चाहता है तो इस नाम को 630 (छे सौ तीस) बार पढ़े।

कोई मुसाफिर अगर सफ़र के दौरान “या सलामु या मुअ’मिनु”को पढ़ता रहे तो अल्लाह तआला उसे हर तरह के खौफ़ और नुक़सान से सलामत रखेंगे।

7. अल-मुहैमिन | Al Muhaimin
( सब का निगेहबान )

अगर कोई ग़ुस्ल करके तवज्जो के साथ तन्हाई में दो रकात नमाज़ पढ़े और 100 बार या मुहैमिन पढ़े तो इंशाअल्लाह उसकी मुराद पूरी होगी और उसके दिल में नूर पैदा होगा।

8. अल-अज़ीज़ | Al Azeez
(जो सब पर ग़ालिब हो)

अगर कोई शख्स चालीस दिन तक चालीस बार या अजीज़ु पढ़ता है तो अल्लाह तआला उसे मुआज्ज़ज़ और मुस्तग्नी बना देंगे।
जो शख्स इक्तालीस (41) बार फ़ज्र की नमाज़ के बाद इस नाम को पढ़ेगा तो इंशाअल्लाह वो किसी का मोहताज नहीं होगा और ज़िल्लत के बाद इज्ज़त पायेगा।

9. अल-जब्बार | Al Jabbar
( सब से ज़बरदस्त )

जो शख्स “या जब्बारू”को हमेशा पढ़ता रहेगा तो वो लोगों की गीबत और बदगोई से महफूज़ रहेगा और इंशाअल्लाह हर ज़ालिम से उसकी हिफ़ाज़त होगी।

10. अल-मुताकब्बिर | Al Mutakabbir
( बड़ाई और बुज़ुर्गी वाला )

अगर इस नाम को किसी काम की शुरुआत में ख़ूब पढ़ा जाये तो इंशाअल्लाह उस काम में कामयाबी मिलेगी।

11. अल-खालिक़ | Al Khaliq
( पैदा करने वाला)

जो बेऔलाद हो और उसकी कोई औलाद न हो इस नाम को एक हज़ार बार पढ़ा करे तो इंशाअल्लाह उसे औलाद नसीब होगी।

12. अल-बारी | Al Baree
( जान डालने वाला )

अगर कोई औरत बाँझ हो उसके औलाद न होती हो तो वो सात रोज़े रखे और पानी से इफ़्तार करने बाद 21 बार “अल-बरिउल मुसव्विर” पढ़ा करे तो इंशाअल्लाह उसके यहाँ बेटे की विलादत होगी।

अगर इलाज करने वाला डाक्टर या हकीम इस नाम को पाबंदी से पढ़े तो अल्लाह तआला उसके हाथ में शिफ़ा रख देंगे।

13. अल-मुसव्विर | Al Musawwir
( सूरत देने वाला )

अगर कोई सात रोज़े रखे और इफ़्तार से पहले 21 बार इस नाम को पढ़ कर दम करे और वो पानी बाँझ औरत को पिलाये, इंशाअल्लाह उसका बाँझपन दूर हो जायेगा।

14. अल-गफ्फार | Al Gaffar
( बहुत ज़्यादा दरगुज़र और माफ़ करने वाला )

अगर इस नाम को 17 बार उस शख्स के सामने पढ़ दिया जाये जिसको कोई ज़रुरत हो तो इंशाअल्लाह उसकी ज़रुरत पूरी होगी।

अगर कोई इस नाम को पांच सौ पैतालीस बार ( 545 ) रोज़ाना पढ़ता है तो इंशाअल्लाह उसका रिज्क खोल दिया जायेगा और कोई दुश्वारी नहीं रहेगी।

15. अल-क़ह्हार | Al Qahhar
( वो ज़ात जो सब पर ग़ालिब हो और सब को काबू में रखने वाली हो )

जो शख्स अल्लाह से दूर हो और दुनिया की मुहब्बत में गिरफ़्तार हो वो इस नाम को खूब पढ़ा करे इंशाअल्लाह दुनिया की मुहब्बत जाती रहेगी और अल्लाह तआला से कुर्बत बढ़ेगी।

16. अल- वह्हाब | Al Wahhab
( सब कुछ अता करने वाला )

अगर किसी रोज़ी बहुत तंग हो और फ़क्र फ़ाके में गिरफ़्तार हो तो वो इस नाम को ख़ूब पढ़ा करे या इस नाम को लिख कर अपने पास रखे या चाश्त की नमाज़ पढ़े और उसके आख़िरी सजदे में इस नाम को 40 बार पढ़ ले इंशाअल्लाह इस हालत से हैरतअंगेज तरीक़े से नजात पायेगा।

17. अर-रज्ज़ाक़ | Ar Razzaq
( ख़ूब रोज़ी देने वाला )

जो शख्स ये चाहता है कि वो ज़हीन हो जाये और बारीक व मुश्किल चीज़ें उसकी समझ में आ जाएँ तो 20 बार नहार मुंह इस नाम को पढने का मामूल बना ले अल्लाह तआला उसे ऐसा मुश्किल से मुश्किल चीज़ समझ जाने वाला ज़हन अता फ़रमाएंगे।

जो ये चाहता हो कि अल्लाह त आला उसके रिज्क़ के दरवाज़े खोल दें तो फ़ज्र की नमाज़ से पहले अपने घर के चारों कोनों में दस दस बार “या रज्ज़ाक़ु” पढ़ कर दम करे तो इंशाअल्लाह बीमारी व तंगी से नजात मिलेगी और रिज्क के दरवाजी खुलेंगे। (जब ये अमल शुरू करें तो पहले दाहिने कोने से शुरू करें और मुंह किबले यानि काबा की तरफ रखें )

18. अल -फ़त्ताह | Al Fattah
( रहमतों और रिज्क के दरवाज़े खोलने वाला )

जो फ़ज्र की नमाज़ के बाद अपने दोनों हाथ सीने पर बाँध कर सत्तर बार “या फ़त्ताहू” पढ़ा करे तो इंशाअल्लाह उसका दिल ईमान से मुनव्वर हो जायेगा, रिज्क में बरकत होगी और तमाम कामों में आसानी होगी।

19. अल-अलीम | Al Aleemu
( बहुत ज़्यादा जानने वाला, इल्म वाला )

जो शख्स “या अलीमु” की तस्बीह ज़्यादातर पढ़ेगा, तो इंशाअल्लाह उसका हाफिज़ा मज़बूत होगा और अल्लाह त आला उसके लिए इल्म के दरवाज़े खोल देंगे।

अल्लाह अपने नामों की बरकत से हमारी मुश्किलें आसान करे

अल्लाह के नाम जो 1 से लेकर 20 तक पिछली पोस्ट में आप पढ़ चुके हैं यहाँ पर आगे के नामों को आप पढेंगे और सीखेंगे

20. अल-क़ाबिदु ( Al-Qabidu)
( रोज़ी तंग करने वाला )

जो शख्स इस नाम को चालीस दिनतक चालीस निवालों पर रोज़ाना बगैर नागा किये हुए लिख कर खायेगा तो वो इंशाअल्लाह भूक, प्यास, ज़ख्म और दर्द की तकलीफ़ से महफूज़ रहेगा

21. अल-बासितु ( Al-Basitu)
( रोज़ी कुशादा करने वाला )

कोई अगर मुश्किलों में घिरा हुआ हो और उन से नजात चाहता हो, तो हर नमाज़ के बाद 140 बार इस नाम को पढ़ा करे, इंशाअल्लाह बहुत फ़ायदा होगा

22. अल-खाफ़िदु ( Al-Khafidu)
( पस्त कर देने वाला )

अल्लाह के इस नाम को अगर कोई पांच सौ बारपढ़ा करे तो उसकी मुश्किलें आसान हो जाती है और ज़रूरतें पूरी हो जाती हैं और दुश्मन के दिए हुए सदमें से बच जाता है

23. अर- राफिउ (Ar-Rafiu)
( बलन्द करने वाला )

अगर कोई शख्स दोशम्बा के दिन या जुमा की रात मगरिब या ईशा की रात को चार सौ चालीस बारअल्लाह के इस नाम को पढ़े तो इंशाअल्लाह मख्लूक़ में वो वो मुअज्ज़ज़ और बा रौब होगा।

24. अल-मुइज़्ज़ु ( Al-Muizzu)
( इज्ज़त देने वाला )

क्या आप दुनिया और आख़िरत में इज्ज़त चाहते हैं तो अल्लाह के इस नाम को एक सौ चालीस दिन तक इक्तालीस बार रोज़ाना बगैर कोई नागा किये हुए पढ़ें, इंशाअल्लाह दुनिया और आख़िरत में इज्ज़त मिलेगी। ( इस अमल की शुरुआत दोशम्बा या जुमा की रात से शुरू करें )

25. अल-मुज़िल्लु (Al-Muzillu)
( ज़िल्लत देने वाला )

अगर आपका कोई हक़ किसी के जिम्मे अदा करना हो लेकिन वो अदा करने में टाल मटोल कर रहा हो तो इस नाम की तस्बीह ज़्यादा से ज़्यादा करें इंशाअल्लाह आपका हक़ आपको वापस मिल जायेगा।

26. अस- समीउ (As-Sameeu)
( खूब सुनने वाला )

जिनको कम सुनने का मर्ज़ हो वो लोग इस नाम को खूब पढ़ा करें क्यूंकि इस से बहरेपन के मर्ज़ से शिफ़ा मिलती है।

जो शख्स अगर इस नाम को जुमेरात के दिन चाश्त की नमाज़ पढ़ लेने के बाद पांच सौ बारपढ़े तो, तो इंशाअल्लाह उसकी दुआएं क़ुबूल होने लगेंगी।

27. अल- बसीरू (Al-Baseeru)
( सब कुछ देखने वाला )

कोई शख्स अगर जुमे की नमाज़ से पहले या बाद सौ बार या बसीरू पढने की आदत बना ले अल्लाह तआला उसकी निगाह में रौशनी और दिल में नूर अता फ़रमाएंगे और नेक कामों की तौफ़ीक़ अता फ़रमाएंगे।

अगर कोई अचानक मौत से बचना चाहता है तो उसे चाहिए कि रोज़ाना असर के वक़्त 7 बार इस नाम को पढ़ लिया करे इंशाअल्लाह वो अचानक हादसे से महफूज़ हो जायेगा।

28. अल-हकम
( हाकिम और फैसले करने वाला )

ये नाम अगर कोई हर नमाज़ के बाद अस्सी बारको पढ़ता है तो इंशाअल्लाह वो गनी हो जायेगा और किसी का मोहताज नहीं रहेगा।

29. अल-अद्लु (Al-Adlu)
( ख़ूब इन्साफ करने वाला )

हर नमाज़ के बाद इस नाम की तस्बीह जो पढ़ेगा वो गैब से रोज़ी पायेगा और नेक अमल की तौफ़ीक़ होगी।

30. अल-लतीफ़ु (Al-Lateefu)
( बन्दों पर बहुत ही नरमी करने वाला, बारीक बीं )

अल्लाह तआला के इस नाम “या लतीफु”को अगर 100 बार कोई पढ़े तो इंशाअल्लाह उसके रिज्क में बरकत होगी और सभी काम आसानी के साथ हो जायेंगे।

अगर कोई शख्स बीमारी, तन्हाई या किसी मुसीबत में गिरफ़्तार हो या फ़ाके की नौबत आ गयी हो तो उसे चाहिए कि खूब अच्छी तरह वुज़ू करे, दो रकात नमाज़ पढ़े और जो मक़सद अल्लाह तआला से चाहता हो उसे अपने दिल में रख कर सौ बार “या लतीफ़ु” पढ़े इंशाअल्लाह वो अपने मक़सद में कामयाब होगा।

31. अल खबीरू (Al-Khabeeru)
( हर बात की ख़बर रखने वाला )

रोज़ाना 7 दिन तक लगातार इस नाम को अगर पढ़ लिया जाये तो अल्लाह तआला की तरफ से उसे रोहानियत नसीब होगी और हर मामलात में रहनुमाई मिलेगी।

32. अल हलीम (Al-Haleemu)
(बड़ा बुरद्बार)

पौदा लगते वक़्त अगर इस अल्लाह के नाम को 28 बार पढ़ ले तो इंशाअल्लाह वो पौदा खूब लहलहाएगा।

कोई शख्स अगर अपनी लगायी गयी खेती की हर आफ़त से हिफ़ाज़त करना चाहता है तो उसे चाहिए कि इस नाम को कागज़ पर लिखे और फिर उस कागज़ को पानी से धोये, और उस धुले हुए पानी को अपनी खेती पर छिड़क दे, इंशाअल्लाह खेती महफूज़ रहेगी।

और अगर अल्लाह के इस नाम को कागज़ पर लिखे और पानी से धुले फिर उस धुले हुए पानी को अपने पेशे के अवजारों पर मले तो इंशाअल्लाह उस पेशे में खूब बरकत होगी।

33. अल अज़ीम (Al-Azeem)
( बड़ी अज़मत वाला )

कोई शख्स इस नाम को पानी पर सात बारपढ़ कर पी लिया करे तो इंशाअल्लाह उसके पेट में दर्द नहीं होगा।

34. अल ग़फूरू (Al-Gafooru)
( बहुत बख्शने वाला )

कोई भी आदमी अगर इस नाम की तस्बीह पढ़ता है तो इंशाअल्लाह रोहानी और जिस्मानी बीमारियों से और बुरे अखलाक़ से महफ़ूज़ रहेगा और माल औलाद में बरकत होगी।

35. अश शकूरू (Ash-Shakooru)
( बहुत कदरदान, थोड़े अमल पर ज़्यादा नवाज़ने वाला )

अगर कोई इस नाम को इक्तालीस बारपानी पर पढ़ कर दम करे और वो पानी आँखों पर छिडके तो इंशाअल्लाह उसकी नज़र तेज़ हो जाएगी।

36. अल अलिय्यु (Al-Aliyyu)
( बहुत बलन्द बरतर )

इस नाम को जिस्म में मौजूद कोई वरम यानि सूजन परतीन बारपढ़ कर दम कर दिया जाये तो इंशाअल्लाह राहत मिलेगी।

37. अल कबीरु (Al-Kabeeru)
( बहुत बड़ा )

ये नाम खाने की किसी चीज़ पर पढ़ कर दम कर दिया जाये और उसे मियां बीवी को खिलाया जाये तो इंशाअल्लाह आपस में मुहब्बत बढ़ेगी।

38. या हफीज़ु (Ya-Hafeezu)
( सब की हिफ़ाज़त करने वाला )

अल्लाह का ये नाम सफ़र में किसी भी तरह के खतरे से हिफ़ाज़त के लिए बहुत फ़ायदेमंद है अगर इस नाम को पढ़ कर किसी खतरनाक जगह सो भी गया तो इंशाअल्लाह नुक़सान से महफूज़ रहेगा बस इस नाम के ज़िक्र के बाद तीन बार या हफीज़ु इह्फिज्नी भी पढ़ ले।

अगर इस नाम को किसी बीमार पर 70 बार रोज़ाना 40 हफ्ते तक पढ़ कर दम किया जाये तो इंशाअल्लाह बीमार तंदुरुस्त हो जायेगा।

39. अल मुक़ीतु (Al-Muqeetu)
( सब को ख़ुराक और गिज़ा अता करने वाला )

किसी की आंख में दर्द हो, और आँख लाल भी हो तो वो अल्लाह के इस नाम दस बारपढ़ कर आँखों पर दम कर दे।

40. अल हसीबु (Al-Haseebu)
ख़ुद हिसाब लेने वाला

किसी के सामने कोई मुश्किल या रुकावट आ जाये तो वो इस नाम को एक सौ पैंतालीस बारएक हफ़्ते तक रोज़ाना बगैर नागा किये हुए पढ़े तो इंशाअल्लाह मुश्किलें आसान हो जाएँगी।

41. अल जलीलु (Al-Jaleelu)
( बड़ी शान वाला )

अगर कोई शख्स इस नाम को अपने घर की या दुकान की चीज़ों पर दस बारपढ़ कर दम करें इंशाअल्लाह चोरी से महफ़ूज़ हो जाएँगी।

42. अल करीमु (Al-Kareemu)
( बहुत करम और सख़ावत वाला )

किसी की कोई अहम् चीज़ गायब हो गयी हो तो इस नाम का ज़िक्र खूब करे इंशाअल्लाह वो चीज़ जल्द ही वापस मिल जाती है।

अपने घर वालों में से या अपनी आल औलाद में से कोई सफ़र पर जा रहा हो तो 7 बारउसकी गर्दन पर हाथ रख कर इस नाम को पढ़े इंशाअल्लाह हर क़िस्म के ख़तरे से महफूज़ हो जायेगा।

हामिला (Pregnant) औरत को अगर बच्चा गिर जाने का ख़तरा हो तो सात बार ये नाम पढ़ कर दम कर लिया करे तो इंशाअल्लाह हिफ़ाज़त रहेगी।

किसी को अपना माल या कोई चीज़ कहीं छोड़ना पड़ जाये ( जैसे गाड़ी वगैरा ) तो उसे चाहिए कि इस नाम को पढ़ ले तो इंशाअल्लाह वो चीज़ चोरी से महफ़ूज़ हो जाएगी।

अगर किसी को कोई फोड़ा या फुन्सी हो जाये तो इस नाम को तीन बारपढ़ कर फूंक दिया जाये तो इंशाअल्लाह तंदुरुस्ती मिल जाएगी।

43. अर रक़ीबु (Ar-Raqeebu)
( खूब निगेहबानी करने वाला )

अल्लाह के इस नाम को अपनी बीवी बच्चे या माल पर 70बार पढ़ कर दम करे तो इंशाअल्लाह जिन्नात दुश्मनों, और आफर्तों से महफ़ूज़ जायेंगे।

44. अल मुजीबु (Al-Mujeebu)
( दुआएं सुनने और क़ुबूल करने वाला )

कोई ये चाहता है कि अल्लाह की बारगाह में उसकी दुआएं क़ुबूल होने लगें तो “या मुजीबु”को खूब पढ़ा करे।

अगर किसी को सर दर्द की शिकायत हो तो इस नाम को तीन बार पढ़ कर दम कर दे इंशाअल्लाह दर्द से राहत मिलेगी
अल्लाह तआला अपने अपने नामों की बरकत और रहमत हमें नसीब फरमाए।

45. अल वासिउ (Al-Waasiu)
वुसअत वाला

अगर किसी को बिच्छू ने डंक मार दिया हो उसे चाहिए कि इस नाम को सत्तर बार पढ़ कर दम कर दे इंशाअल्लाह ज़हर असर नहीं करेगा।

46. अल हकीमु (Al-Hakeemu)
हिकमत वाला

जिसके हर काम में कोई न कोई रुकावट आ जाती हो तो वो इस नाम की तस्बीह पाबंदी से करे इंशाअल्लाह काम में रुकावट नहीं रहेगी।

जो शख्स “या हकीमु” की तस्बीह खूब पढ़ा करे तो अल्लाह त आला उस पर इल्म व हिकमत के दरवाज़े खोल देंगे।

47. अल वदूदु (Al-Wadoodu)
( बेहद मुहब्बत करने वाला )

अगर शौहर का बीवी से झगड़ा हो गया हो और आपस में नाचाकी चल रही हो तो एक 1000 बार “या वदूदु” पढ़ कर खाने पर दम कर दे और फिर खाना बीवी के साथ बैठ कर खाए, तो इंशाअल्लाह दोनों के दरमियान मुहब्बत पैदा होगी और झगड़ा ख़त्म हो जायेगा।

अगर किसी का बेटा बुरी संगत और बुराइयों में पड़ गया हो तो अल्लाह के इस नाम को जुमा के बाद 1001 बार किसी मीठी चीज़ या मिठाई पर पढ़ कर दम कर दे और फिर दो रकात नमाज़ अदा करे।

इसके बाद वो मिठाई अपने बेटे को खिलाये इंशाअल्लाह ग़लत आदतों को छोड़ कर नेक बन जायेगा।

48. अल मजीदु (Al-Majeedu)
( बड़ा बुज़ुर्ग )

अगर कोई ऐसे मर्ज़ में मुब्तिला हो जो बहत तकलीफ़ द ह हो तो उसे चाहिए कि चाँद की तेरह, चौदह और पन्द्रह तारीख़ के रोज़े रखे और इफ़्तार करने के बाद अल्लाह के इस नाम को खूब पढ़ा करे इंशाअल्लाह उस मर्ज़ शिफ़ा मिल जाएगी।

49. अल बाईस
( मुर्दों को ज़िन्दा करने वाला )

अगर कोई शख्स रोज़ाना सोते वक़्त सीने पर हाथ रखे और फिर एक सौ एक बार या बाइसु पढ़े इंशाअल्लाह उसका दिल इल्म और हिकमत से ज़िन्दा हो जायेगा।

50. अश शहीदु (Ash Shahidu)
( हाज़िर व नाज़िर )

अगर किसी कि औलाद या किसी की बीवी नाफरमान हो गयी हो उसे चाहिए कि सुबह के वक़्त उसके माथे पर (पेशानी) हाथ रख कर “या शहीदु” इक्कीस बार पढ़ कर उस पर दम कर दे इंशाअल्लाह दोनों फरमा बरदार हो जायेंगे।

अगर आपका कोई हक़ किसी के जिम्मे अदा करना हो लेकिन वो अदा करने में टाल मटोल कर रहा हो तो इस नाम की तस्बीह ज़्यादा से ज़्यादा करें इंशाअल्लाह आपका हक़ आपको वापस मिल जायेगा।

तो दोस्तों जैसा की हमने ऊपर अल्लाह के 50 नामों को उनके हिंदी मतलब के साथ पढ़ा, और साथ ही साथ यह भी जाना की अल्लाह के 99 नामों को रोजाना के अम्ल में लाने से क्या फायदा हासिल हो सकता है।

अल्लाह के आगे के 49 नामों का हिंदी मतलब उनके फ़ज़ाइल जानने के लिए पढ़ें: – Allah Ke 99 Naam Hindi Mein- Part 2

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