Ghusl Ki Dua Aur Tarika in Hindi | ग़ुस्ल की दुआ और तरीका हिंदी में

Last updated on दिसम्बर 15th, 2022 at 07:33 अपराह्न

Ghusl Ki Dua in Hindi: – प्यारे दीनी भाइयों और बहनों, क्या आप भी 🤲 गुस्ल की दुआ को जानना चाहते हो।

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इस पोस्ट में हमने आपके लिए Ghusl Ki Dua और गुस्ल के तरिके को पूरी डिटेल के साथ बताया है।

आपको इस्लाम की हर एक छोटी और बड़ी बात का पता होना बेहद जरूरी है।

हम आपको इस पोस्ट में Ghusl Karne ki Dua in Hindi, Ghusl ki Niyat, और Ghusl Karne ka Tarika Hindi Urdu English में क्या है, बताएँगे।

और साथ ही साथ इसके जुड़े बहुत सारे ❓ सवाल भी आपको बताएँगे, तो कोशिश करें कि पोस्ट को पूरा पढ़ें।

गुस्ल के बारे में जानने से पहले गुस्ल की दुआ को जान लेते हैं।

यह भी जरूर पढ़ें: – Qabar Par Mitti Dalne Ki Dua


ग़ुस्ल की दुआ हिंदी में | Ghusl Ki dua in Hindi

प्यारे साथियों, अक्सर लोग गुस्ल की दुआ को 🌎 इन्टरनेट पर खोजने की कोशिश करते हैं।

लेकिन उनको गुस्ल की दुआ कहीं मिलती नहीं है।

तो आपको बता दें कि Ghusl ki Dua होती ही नहीं है।

सिर्फ गुस्ल करने के फराइज़ और सुन्नते होती हैं, जिनको जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।

क्यूंकि गुस्ल के फराइज़ के बिना आपका गुस्ल मुकम्मल नहीं हो सकता है।

आप किसी के भी बातो में न आए बहुत सारे लोग ग़ुस्ल की गलत सही दुआ बताते है पर ऐसा कुछ है ही नहीं।

आप चाहे तो अपने मौलवी से जानकारी ले सकते हैं।


ग़ुस्ल क्या है? | What is Ghusl?

ग़ुस्ल शब्द, अरबी भाषा का है, जिसका मतलब होता है पुरे जिस्म को नहलाना या स्नान करना होता है।

अगर कोई वालिग़ इंसान नापाकी की हालत में है यानी अपनी पाकीज़गी खो चुका है।

चाहे वो किसी वजह से क्यूँ न हो।

तो इस्लामी अरकान जैसे नमाज और कुरान पढ़ने या अन्य इस्लामी अमल के समय सबसे पहले उसे ग़ुस्ल करना ज़रूरी होता है।

चंद बातें ये हैं जिनके होने से गुस्ल करना फ़र्ज़ हो जाता है।

📝 हमबिस्तरी कर चुका हो

📝 इन्तेकाल हो जाने पर (Death के time)

📝 जिस लड़की मासिक धर्म पूरा हो गया हो

📝 वीर्य निकलने पर (मनी निकलने पर)

अक्सर ग़ुस्ल करने को “पूर्ण स्नान” भी कहा जा सकता है, और वुजू करने को “आधा स्नान” भी कहा जाता है।

वुज़ु जिसे मुस्लिम छोटी नापाकी जैसे बैतूल खला या इस्तिंजा करने, रिहा खारिज़ होने पर, गहरी नींद सोने पर, ज़रा भी खून बहने पर किया जाता है।

और अधिक जानें: – वजू करने का तरीका, फराइज़ और टूटने की वजहबात

तो आपको Ghusl Karne Ki Dua को न जानकर गुस्ल करने के फराइज़ और तरीके को जानना चाहिए।

जिनको हमने नीचे डिटेल में बताया है।


गुस्ल करने के फराइज़ | Ghusl ke Farz kitne hain?

दोस्तों आपको बता दें कि गुस्ल करने के 3 फ़र्ज़ होते हैं।

अगर इनमे से एक भी फ़र्ज़ छूट जाता है तो आपका गुस्ल मुकम्मल नहीं होगा। ये गुस्ल के तीन फ़र्ज़ इस तरह हैं…

1. कुल्ली करना: – जब आप गुस्ल करने के लिए जायिंगे तो आपको गरारह के साथ कुल्ली करना है।

रोज़े की हालत में गरारह नहीं करना है, सिर्फ कुल्ली करना है।

ध्यान रहे अगर कोई बड़ी नापाकी हो तो आप पहले कमर के नीचे के हिस्से को अच्छे से धो लें।

2. नाक में पानी डालना: – दूसरा फ़र्ज़ ये है कि आपको अपनी नाक की नरम हड्डी तक पानी पहुंचाना है।

जैसा हमने वजू के तरीके में सीखा था।

3. पूरे जिस्म पर पानी बहाना: – अब तीसरे फ़र्ज़ को करते वक़्त आपको अपने पूरे बदन पर पानी बहाते हुए नहाना है

और पानी इस तरह बहाना है कि बदन की कोई भी जगह बाल बराबर भी सूखी न बचे।

तो ये तो गुस्ल करने के फराइज़ थे जिनके बिना गुस्ल हो ही नहीं सकता।

आईये अब गुस्ल का तरीका जान लेते हैं।


ग़ुस्ल करने का पूरा तरीका | Gusl ka Tarika in Hindi

तो चलिए दोस्तों अब हम इस्लामिक तरीके से Ghusl Karne ka Tarika जान लेते है।

और आप हमेशा कोशिश करें कि इसी तरीके से नहायें।

अगर आप किसी बजह से जल्दी में है तो आप सिर्फ फ़र्ज़ अदा करके गुस्ल कर सकते हैं, जो हमने ऊपर बताये हैं।

तो आईये जानते हैं गुस्ल करने का तरीका

सबसे पहले कोई भी नेक काम हो बिस्मिल्लाह जरूर पढ़ा करें।

ग़ुस्ल करने का तरीका तरतीब बार जानें

بِسْمِ اللّٰہِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیۡمِ

नोट: - जब भी नहाएं हमेशा बंद जगह में ही गुस्ल करें और शर्मगाह को किसी कपड़े या तैहबंद से ढक कर ही नहाएं।

✔️ 1. नीयत करना: – हमें चाहिए कि सबसे पहले हम गुस्ल की नियत करें।

यानि दिल में यह इरादा करना है कि हम निजासत से पाक होने, अल्लाह की रज़ा और सवाब के लिये नहा रहे हैं, न की बदन साफ़ करने के लिये।

✔️ 2. हाथ गट्टों तक धोना: – फिर हम अपने हांथो को गट्टों तक तीन बार अच्छे से धोयिंगे और गरारह के साथ कुल्ली करेंगे।

जिसमें एक फ़र्ज़ अदा हो जायेगा।

✔️ 3. शर्मगाह धोना: – अब हम अपने कमर के नीचे का हिस्सा अच्छी तरह धोयेंगे चाहे निजासत लगी हो या नहीं।

✔️ 4. बदन पर लगी निजासत धोना: – अब हम अपने बदन पर लगी निजासत धोयेंगे, अगर किसी बजह से लग गयी हो तो।

✔️ 5. नाक में पानी डालना: – अब हम नाक की नरम हड्डी तक पानी पहुंचाएंगे।

जिससे हमारा गुस्ल का दूसरा फ़र्ज़ अदा हो जायेगा।

✔️ 6. पूरे बदन पर पानी मलना: – उसके बाद हम पूरे बदन पर पानी को मलेंगे। जैसे: – तेल को मलते है उसी तरह पानी से भी मलें।

ख़ास कर सर्दियों के महीने में ऐसा जरूर करें।

✔️ 7. दाहिने कंधे पर पानी बहाना: – फिर हम अपने दाहिने कंधे पर तीन बार पानी डालेंगे।

✔️ 8. बायें कंधे पर पानी बहाना: – फिर हम अपने बाएँ कंधे पर तीन बार पानी डालेंगे।

✔️ 9. पूरे बदन पर पानी बहाना: – फिर हमें अपने पूरे बदन पर पानी डालना है और अच्छे से नहाना है।

✔️ 10. पाँव धोना: – हमें अपने पांव को अच्छे से धोना है।

✔️ 11. पूरे बदन पर हाथ फेरना: – फिर हमें पूरे बदन को अच्छे से मलना है।

ध्यान रखें बदन को इस तरह मलना है कि कोई भी जगह बाल बराबर भी सूखी न बचे।

इस तरह gusl ka tarika अपनाकर मुकम्मल पाकी हासिल हो जाती है।

लेकिन अगर ग़ुस्ल में कुछ मुस्तहब अमल भी किये जायें तो इसके सवाब को और बढ़ाया जा सकता है।

यह भी जरूर पढ़ें: – Pet Dard Ki Dua Hindi Me


ग़ुस्ल के मुस्ताहिबात | Ghusl Ki dua Mustahibat

✅ ज़ुबान से नीयत करना।

✅ नहाते में क़िबले की तरफ़ रुख़ न करना जबकि कपड़े पहने न हों।

✅ ऐसी जगह नहाना कि किसी की नज़र न पड़े।

✅ मर्द खुली जगह पर नहाए तो नाफ़ से घुटने तक का जिस्म पर कोई कपड़ा या तहबंद बाँधकर नहाए जबकि औरत का खुली जगह पर नहाना सही नहीं है।

✅ ग़ुस्ल में किसी तरह की बात न करना और न ही कोई दुआ पढ़ना।

✅ नहाने के बाद तौलिया या रूमाल से बदन पोंछना।

✅ सारे बदन पर तरतीब से पानी बहाना।


ग़ुस्ल कब ज़रूरी होता है? | Ghusl Ki Dua

आपको मालूम होना चाहिए कि 4 चीज़ों के बाद ग़ुस्ल ज़रूरी होता है जो इस तरह हैं

हमबिस्तरी(Sex) के बाद : – जब भी आप हमबिस्तरी यानि सेक्स करते हैं तो उसके बाद ग़ुस्ल ज़रूरी हो जाता है।

आप बगैर ग़ुस्ल के नमाज़ या क़ुरान नहीं पढ़ सकते।

मनी का निकलना या Nightfall के बाद: – किसी भी हालत में चाहे सोने की हालत में हो या कोई और बजह, अगर मनी निकल जाती है तो ग़ुस्ल ज़रूरी हो जाता है।

चाहे सो रहे हो या जाग रहे हो, मर्द और औरत दोने के लिए यही हुक्म है।

हैज़ के बाद (मासिक धर्म): – जिन चीज़ों से ग़ुस्ल वाजिब होता है उनमे से तीसरी चीज़ औरत का पीरियड (मासिक धर्म) है।

जब औरत अपने पीरियड से फ़ारिग़ हो जाए तो उसे ग़ुस्ल कर लेना चाहिए। फिर नमाज़ और क़ुरान की तिलावत शुरू करें।

निफ़ास के खत्म होने के बाद: – जब बच्चा पैदा होता है तो उसके बाद औरत को जितने दिन ब्लीडिंग होती है उसे निफ़ास कहते है।

रोज़ा, नमाज़, क़ुरान वगैरह के बारे में निफ़ास वाली औरत को वही मसाएल है जो पीरियड वाली औरत के लिए है।

निफ़ास के कम से कम time के बारे में कुछ कहना मुश्किल है।

क्युकी हो सकता है की किसी औरत को बच्चा पैदा हो और ब्लीडिंग बिलकुल भी न हो।

लेकिन उसका time ज्यादा से ज़्यादा 40 दिन होता है फिर उसके बाद औरत के लिए ग़ुस्ल करके नमाज़ पढ़ना ज़रूरी है।


गुस्ल से जुड़े कुछ सवाल और उनके जवाब

प्रश्न: 1- गुस्ल में कितने फ़र्ज़ होते हैं?

ग़ुस्ल में 3 फ़र्ज़ होते हैं: –

(1) कुल्ली करना।
(2) नाक में पानी डालना।
(3) पूरे बदन पर ऐसे पानी बहाना कि कोई भी जगह ख़ुश्क न रह जाये।

प्रश्न: 2- ग़ुस्ल के बाद बदन का कुछ हिस्सा बाकी रह जाए तो क्या करे?

ग़ुस्ल करने के बाद अगर आपको यह मालूम पड़े कि आपके जिस्म का कोई पार्ट अभी नहीं भीगा है तो ग़ुस्ल फिर से करना पड़ेगा।

प्रश्न: 3- ग़ुस्ल किसे कहते हैं?

ग़ुस्ल अरबी भाषा का शब्द है जिसका मतलब होता है: – स्नान या नहाना।

प्रश्न: 4- क्या गुस्ल के बाद वुजू की ज़रुरत है?

अगर आपने गुस्ल को सही तरीके से गुस्ल के फराइज़ के साथ किया है तो गुस्ल के बाद आप बिना वजू इबादत कर सकते हैं।

वजू करने की कोई जरूरत नहीं होती है।

प्रश्न: 5- गुस्ल खाने में पेशाब करना कैसा है?

गुस्ल खाना अगर कच्चा है और उसमें पानी जमा हो जाता है तो वहां पेशाब मकरूह तहरीमी ( हराम के क़रीब ) है।

और हदीस मुबारक में है कि अगर कोई गुस्ल खाने में पेशाब करता है तो उसे भूलने और वस्वसों का मर्ज़ हो सकता है।

इसलिए इससे बचना चाहिए।

प्रश्न: 6- नंगे गुस्ल करना कैसा है?

अगर ऐसी जगह गुस्ल कर रहे हैं जहाँ किसी की नज़र नहीं पड़ती है तो नंगे गुस्ल करना दुरुस्त है।

लेकिन फिर भी बेहतर यही है कि तहबन्द वगैरा बाँध कर ही गुस्ल करे।


आखिरी शब्द

हमें उम्मीद है कि आपको हमारा ghusl karne ka tarika और ghusl ki dua पोस्ट पसंद आई होगी।

फिर भी अगर हमसे लिखने में कोई गलती हुई हो या आपका कोई सवाल हो तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं।

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ताकि उनको भी गुस्ल के बारे में जानकारी हासिल हो सके।

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