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दोस्तों, जैसा कि हम सभी जानते हैं कि 5 वक़्त की नमाज़ पढ़नें की नियत होती है। ठीक उसी तरह Jumma Ki Namaz Ki Niyat होती है।

अगर आप नहीं जानते कि जुम्मा की नमाज़ के लिए नियत कैसे करते हैं, तो कोई बात नहीं है।
इस पोस्ट में हमने आपको जुम्मा की नमाज़ की नियत का तरीका हिंदी में बताया है।
जिससे आप आसानी से जुम्मा की नमाज़ की नियत का तरीका सीख सकेंगे।
आईये जानते हैं कि जुम्मा की नमाज़ की नियत कैसे करते हैं?
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जुम्मा की नमाज़ की नियत | Jumma Ki Namaz Ki Niyat
जैसा कि जुम्मा की नमाज़ में कुल 14 रकत नमाज़ पढ़ी जाती है।
जिसमें से 4 रकात सुन्नत, 2 रकात फ़र्ज, 4 रकात सुन्नत, 2 रकात सुन्नत और 2 रकात नफिल नमाज़ होती है।
आपको इन रकातों को पढ़नें के लिए कुछ इस तरह नियत करनी होती है
जुम्मा की चार रकात सुन्नत नमाज़ की नियत
दोस्तों जब आप सबसे पहले जुम्मा की नमाज़ में 4 सुन्नत नमाज़ पढ़ते हैं,
तो आपको 4 सुन्नत नमाज़ की नियत कुछ इस तरह करनी होती है,
“नियत की मैंने चार रकअत नमाज सुन्नत की वास्ते अल्लाह तआला के वक्त जुम्मे का मुंह मेरा काअबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।“

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दो रकात फ़र्ज नमाज़ की नियत | Jumma Ki Namaz Ki Niyat
4 सुन्नत नमाज़ के बाद आप 2 फ़र्ज नमाज़ पढ़ते हैं, जिसकी नियत कुछ इस तरह करते हैं,
“नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ फर्ज की वास्ते अल्लाह ताला के वक्त जुम्मे का पीछे इस इमाम के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।“

📌 नोट: - फ़र्ज नमाज़ की नियत में यह ध्यान रखें कि पीछे इस इमाम के जरूर बोलना है क्यूंकि जुमे की फ़र्ज नमाज़ इमाम के पीछे पढ़ी जाती है।
बाद जुम्मा चार रकात सुन्नत नमाज़ की नियत
जब आप जुमा की 2 फ़र्ज नमाज़ पढ़ लेते हैं, उसके बाद आपको 4 सुन्नत नमाज़ अदा करनी होती है,
जिसकी नियत कुछ इस तरह करनी होती है,
“नियत की मैंने चार रकअत नमाज़ सुन्नत की वास्ते अल्लाह ताला के वक़्त जुम्मा मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।“

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जुम्मा की दो रकात सुन्नत नमाज़ की नियत
जब आप जुमा की 4 रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ लेते हैं, उसके बाद आपको 2 रकात सुन्नत नमाज़ अदा करनी होती है,
जिसकी नियत कुछ इस तरह करनी होती है,
“नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ सुन्नत की वास्ते अल्लाह ताला के वक़्त जुम्मा का मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।“

जुम्मा की 2 रकात नफिल नमाज़ की नियत | Jumma Ki Namaz Ki Niyat
जब आप जुमा की 2 रकात सुन्नत नमाज़ पढ़ लेते हैं, उसके बाद आपको 2 रकात नफिल नमाज़ अदा करनी होती है,
जिसकी नियत कुछ इस तरह करनी होती है,
“नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ नफ्ल वास्ते अल्लाह तआला के वक़्त जुम्मा मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ अल्लाहू अकबर।“

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आखिरी शब्द
तो जैसा की 5 वक़्त की नमाज़ों के लिए, सभी नमाज़ों को पढ़ने के लिए नियत करना होता है।
ठीक उसी तरह जुम्मा की नमाज़ पढ़ने के लिए भी जुम्मा की नमाज़ की नियत करना होती है।
जिसको हमने इस पोस्ट में सीखा।
अगर इस पोस्ट को लिखने में हमसे कोई गलती हुई है या आपकी कोई राय है,
तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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