Maghrib Ki Namaz Ka Tarika Hindi Me | मगरिब की नमाज़ का तरीका

Last updated on अगस्त 14th, 2023 at 09:51 अपराह्न

दोस्तों, अगर आप नहीं जानते कि Maghrib Ki Namaz Ka Tarika क्या है? और न ही आप ये जानते हैं कि Magrib Ki Namaz Ka Time 🕗 क्या है? मगरिब की नमाज़ में कितनी रकात नामज़ पढ़ी जाती है?

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तो आप इस पोस्ट को पूरा पढ़ें। इंशाअल्लाह आप आसानी के साथ मगरिब की नमाज़ पढ़ने का तरीका सीख जायिंगे।


मग़रिब की नमाज़ का वक़्त | Maghrib Ki namaz ka time

magrib ki namaz ka tarika red and green text with black watch

मग़रिब की नमाज़ (magrib ki namaz) का वक़्त 🕗 सूरज डूबने (गुरूब आफताब) से शुरू होता है।

गर्मी के मौसम में यह वक़्त लगभग शाम के 🕦 7 बजे से शुरू होता है और सर्दी के मौसम में शाम के 🕦 5:15 से शुरू होता है।

अलग-अलग जगहों पर नमाज़ का वक़्त अलग-अलग होता है। तो आप मस्जिद जाकर पता कर सकते हैं।

Maghrib Ki Namaz Ka Tarika हिंदी में जानने से पहले मगरिब की नमाज़ से जुड़ी कुछ जानकारी जान लेते हैं।

▶️ क्या आप वजू का तरीका जानते हैं अगर नहीं तो पढ़ें: – Wazu Karne Ka Tarika Hindi Me


मग़रिब की नमाज़ की रकात | Magrib ki namaz ki rakat

अगर आप भी ढूंढ रहे हैं कि मगरिब की नमाज में कितनी रकात होती है?

तो आपको यहाँ हम बताते चलें कि Magrib Ki Namaz में कुल 7 Rakat होती हैं, जिनमें 3 फ़र्ज़, 2 सुन्नत और 2 नफ़्ल होती हैं।

मगरिब की नमाज़ में सबसे पहले 3 रकात फ़र्ज नमाज़ पढ़ी जाती है और उसके बाद 2 सुन्नत और 2 नफ्ल नमाज़ पढ़ी जाती है।


Magrib Ki Namaz Ki Rakat List

नमाज़फ़र्जसुन्नतनफिल
रकात322

मग़रिब की नमाज़ का तरीका | Maghrib ki namaz ka tarika

यहाँ भी सिर्फ नियत बदल जायेगी मगर नमाज़ पढ़ने का तरीका वही रहेगा, जो बाकी नमाज़ों का है।

आईये मगरिब की नमाज़ पढ़ने का तरीका जानते हैं…

मग़रिब की 3 फ़र्ज़ नमाज़ पढ़ने का तरीका

👉 1. नमाजे मग़रिब ( magrib ki namaz ) की तीन फ़र्ज़ नमाज़ की निय्यत: – “नियत की मैंने तीन रकअत नमाज़ फ़र्ज़ की, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त मग़रिब का, पीछे इस इमाम के, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ ! अल्लाहु-अकबर।”

नोट: - अगर आप इमाम साहब के पीछे फ़र्ज अदा नहीं कर रहे हैं यानी अकेले पढ़ रहे हैं तो पीछे इस इमाम के नहीं बोलिंगे।

👉 2. नियत करने के बाद जब इमाम साहब अल्लाहु-अकबर कहकर हाथ बांधेंगे, उस वक्त आप भी अल्लाहु-अकबर कहकर हाथ बाँध लेंगे।

👉 3. हाथ बांध लेने के बाद आप मन ही मन में सना पढेंगे। फिर बिस्मिल्लाह शरीफ पढ़कर ख़ामोशी के साथ इमाम साहब जो भी बुलंद आवाज़ में पढेंगे, आपको उसे दिल लगाकर सुन्ना है।

👉 4. इमाम साहब सूरह फातिहा की तिलावत करेंगे और उसके बाद कुरान शरीफ की कोई एक सूरह की तिलावत करेंगे और फिर अल्लाहु अकबर कहकर रुकू में जायिंगे, तब आपको भी रुकू में जाना है और रुकू की तस्बीह “सुब्हाना रब्बियल अज़ीम” को 3, 5, या 7 मर्तबा आहिस्ता से पढ़ना है।

👉 5. फिर इमाम साहब समी अल्लाह हुलिमान हमिदाह कहकर रुकू से सीधे खड़े होंगे, उनके पीछे आपको भी जबाब में अहिस्ता से रब्बना लकल हम्द कहकर सीधा हो जाना है।

सजदे का तरीका

👉 6. फिर इमाम साहब अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जायिंगे, तब उनके पीछे आपको भी सजदे में जाना है। (सजदे का तरीका बाकी नमाज़ों के जैसा ही है। अगर आपको नहीं मालूम तो आप हमारी दूसरी नमाज़ों की पोस्ट पढ़ सकते हैं।)

▶️ बाकी की नमाज़ों का तरीका जानें: – फजर की नमाज़ का तरीका | जुहर की नमाज़ का तरीका | असर की नमाज़ का तरीका

👉 7. पहली रकात में इमाम साहब 2 सजदे करेंगे, आपको भी उनके पीछे 2 सजदे करने है।

👉 8. दुसरे सजदे के बाद इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहकर सीधे खड़े होंगे, आपको भी उनके पीछे सीधे खड़े हो जाना है।

👉 9. अब इमाम साहब दूसरी रकत में भी सूरह फातिहा के साथ कुरआन की कोई भी सूरह की तिलावत करेंगे। आपको बस ख़ामोशी के साथ सुनना है।

👉 10. इस बार फिर पहली रकत के जैसे आपको इमाम साहब के पीछे रुकू और सजदा करना है। बस दूसरी रकात में इमाम साहब जब दूसरा सजदा करने के बाद अत्तहियात में बैठेंगे, तो आपको भी तशहुद में बैठकर अत्तहियात पढ़ना है।

अत्तहिय्यात दुआ हिंदी में

अत्ताहियातु लिल्लाहि वस्सलवातु वत्तैयिबातू अस्सलामु अलैका अय्युहन नबिय्यु व रहमतुल्लाही व बरकताहू अस्सलामु अलैना व अला इबादिल्लाहिस सालिहीन

और अशहदु अल्ला इलाहा इल्ललाहू व अशहदु अन्न मुहम्मदन अब्दुहु व रसुलहू *

📌 नोट:- अशहदु अल्ला {ला} पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली इस तरह उठाना है की अंगूठा और बिच की सबसे बड़ी वाली उंगली के पेट दोनों मिलाना है ! और शहादत की ऊँगली ऊपर करना है।

👉 11. इसके बाद इमाम साहब अल्लाहुअकबर कहकर तीसरी रकत के लिए खड़े हो जायेंगे, उनके पीछे आपको भी खड़े हो जाना है।

👉 12. तीसरी रक’अत में भी आपको सिर्फ खामोश रहना है और रुकू के बाद पहले की तरह दो सज्दे करके तशहुद में बैठ जाना है। तशहुद आपको उसी तरह पढ़ना है जैसा हमने ऊपर बताया है।

👉 13. अत्ताहियात पूरा पढ़ने के बाद आपको दरूद शरीफ और दुआ ए मसुरा पढ़ना है उसके इमाम साहब सलाम फेरेंगे, उनके पीछे आपको भी सलाम फेरना है।

इस तरह आपकी मग़रिब की तीन रक’आत मुकम्मल हो जायेगी।

📌 नोट: - यह ख्याल रहे इमाम के पीछे हर रकाअत में हमें खामोश रहना है। लेकिन अकेले पढ़ेंगे तो पहली दो रकाअत तो दूसरी नमाज़ो जैसी ही पढ़ेंगे और तीसरी नमाज़ में सिर्फ अल्हम्दु शरीफ़ ( सूरह फातिहा ) पढ़ेंगे।

2 सुन्नत नमाज़ पढ़ने का तरीका | maghrib ki sunnat namaz ka tarika

पहली रकत सुन्नत

👍 1. मग़रिब ( magrib ki namaz ) की दो सुन्नत नमाज़ की निय्यत: – “नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ सुन्नत की, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त मग़रिब का, मुँह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”

👍 2. अल्लाहु-अकबर कहकर हम हाँथ बाँध लेंगे और फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे। इसके बाद अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम. पढेंगे।

👍 3. इसके बाद सूरह फातिहा पढेंगे और कुरआन की कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढेंगे। जब सुरह पूरी हो जाए तब अल्लाहु-अकबर (Takbeer) कहते हुए रुकू में जायेंगे।

👍 4. रुकू में ही अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल अज़ीम 3 या 5 या 7 बार इत्मीनान के साथ पढेंगे। ख्याल रहे कि रुकू में निगाह पैरो के अंगूंठो पर रहे।

👍 5. इसके बाद *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहकर रुकू से खड़े हो जायेंगे और ‘रब्बना व लकल हम्द’ कहेंगे, उसके बाद फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे।

👍 6. सज्दे में फिर अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार इत्मीनान के साथ पढेंगे।

👍 7. फिर अल्लाहु-अकबर कहकर सजदे से उठकर सीधे बैठ जायेंगे।

👍 8. फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए दूसरा सजदा करेंगे।

👍 9. सज्दे में फिर से अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।

इस तरह आपकी एक (1 ) रकअत सुन्नत नमाज़ पूरी हो जायेगी।


दूसरी रकत सुन्नत

👍 10. अब आप दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए खड़े हो जाएंगे और अपने हाथ बांध लेंगे।

👍 11. फिर से अल्हम्दु शरीफ पढ़ेंगे उसके बाद कोई भी सूरत जो आपको याद हो वो पढ़ेंगे। फिर अल्लाहु अकबर कहकर रुकू में जाएंगे। फिर *समीअल्लाहु लिमन हमीदह * कहते हुए रुकू से खड़े हो जायेंगे। इसके बाद आप रब्बना व लकल हम्द कहेंगे और फिर अल्लाहु-अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे।

👍 12. सज्दे में फिर से अल्लाह की तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढ़ेगे।

👍 13. फिर अल्लाहु-अकबर कहकर सजदे से उठकर बैठ जायेंगे।

👍 14. फिर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए सज्दे में जायेंगे।

👍 15. सज्दे में फिर से अल्लाह की वही तस्बीह सुबहान रब्बी अल आला 3 या 5 या 7 बार पढेंगे।

👍 16. फिर अल्लाहुअक्बर कहते हुए बेठ जायेंगे। ( बैठने का तरीका पहली रकअत जैसा ही है।) अब बैठे हुए ही आपको अत्तहिय्यात पढ़ना है।

📌 नोट: - अशहदु अल्ला {ला} पर सीधे हाथ की शहादत की ऊँगली उठाना है।

👍 17. इसके बाद दरूदे इब्राहीम पढेंगे।

👍 18. इसके बाद दुआ ए मसुरा पढ़ेगे।

▶️ अगर दुआ ए मसुरा याद नहीं तो यहाँ से सीखें: – Dua E Masura Hindi Me

👍 19. दुआ मासुरा पढ़ने के बाद आप सलाम फेर लेंगे। ‘अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह’ कहकर आप सीधे और अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहकर उलटे जानिब सलाम फेरेंगे।

इस तरह मगरिब की 2 सुन्नत नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।


2 नफ़्ल नमाज़ पढ़ने का तरीका | Maghrib ki nafil namaz ka tarika

मग़रिब ( magrib ki namaz ) की दो नफ़्ल नमाज़ की नियत: – “नियत की मैंने दो रकअत नमाज़ निफ़्ल की, वास्ते अल्लाह तआला के, वक्त मग़रिब का, मुह मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़, अल्लाहु-अकबर।”

अल्लाहु-अकबर कहकर हमें हाथ बाँध लेना है और फिर सबसे पहले हम सना पढ़ेंगे, और जिस तरह मग़रिब की दो सुन्नत पढ़ी थी, ठीक वैसे ही दो रकअत नफ़्ल पूरी करेंगे।

और इस तरह मग़रिब की 7 रकआत नमाज़ मुकम्मल हो जाएगी।


आखिरी शब्द

तो दोस्तों आपने ऊपर, मग़रिब की नमाज़ पढ़ने का तरीका (Maghrib Ki Namaz Ka Tarika) क्या है, जाना। उम्मीद है आपको ये पोस्ट अच्छी लगी होगी।

अगर हमसे लिखने में कोई गलती हो गयी हो, तो आप हमें कमेंट के जरिये बता सकते हैं, जिससे की हम उस गलती को जल्द से जल्द ठीक कर सकें।

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