Quran Para 30 In Hindi Pdf – Read Online | क़ुरान पारा 30 हिंदी में

Last updated on नवम्बर 8th, 2023 at 05:59 अपराह्न

दोस्तों, जैसा कि आपने हमारी पिछली पोस्ट में क़ुरान के पारों को हिंदी में तो पढ़ा ही होगा। अगर नहीं पढ़ा है तो उसकी लिंक नीचे दी है वहाँ से पढ़ सकते हैं।

quran para 30 in hindi Amma

इस पोस्ट में हमने कुरान के पारा 30 को हिंदी में मौजूद कराया है। आप आसानी से Quran Para 30 को हिंदी में पढ़ सकते हैं।

▶️ यहाँ से पढ़ें: –

क़ुरान पारा 1क़ुरान पारा 2क़ुरान पारा 3
क़ुरान पारा 4क़ुरान पारा 5क़ुरान पारा 6
क़ुरान पारा 7क़ुरान पारा 8क़ुरान पारा 9
क़ुरान पारा 10क़ुरान पारा 11क़ुरान पारा 12
क़ुरान पारा 13क़ुरान पारा 14क़ुरान पारा 15
क़ुरान पारा 16क़ुरान पारा 17क़ुरान पारा 18
क़ुरान पारा 19क़ुरान पारा 20क़ुरान पारा 21
क़ुरान पारा 22क़ुरान पारा 23क़ुरान पारा 24
क़ुरान पारा 25क़ुरान पारा 26क़ुरान पारा 27
क़ुरान पारा 28क़ुरान पारा 29
📌 नोट: - हमें मालूम होना चाहिए कि क़ुरान को अरबी भाषा में ही पढ़ना बेहतर होता है क्यूंकि अरबी में पढ़ने से हमारे अलफ़ाज़ ठीक-ठीक निकलते हैं।
पारा नम्बर30
पारा नामअ़म्-म – Amma (عَمَّ)
कुल सूरह37 (सूरह अन-नबा, सूरह अन-नाज़िआत, सूरह अ-ब-स, सूरह अत-तकवीर, सूरह अल-इनफितार, सूरह अत-ततफी़फ़, सूरह अल-इनशिक़ाक़, सूरह अल-बुरूज, सूरह अत-तारिक, सूरह अल-आला, सूरह अल-गा़शिया, सूरह अल-फ़ज्र, सूरह अल-बलद, सूरह अश-शम्स, सूरह अल-लैल, सूरह अल-जु़हा, सूरह अल-इनशिराह, सूरह अत-तीन, सूरह अल-अलक़, सूरह अल-क़द्र, सूरह अल-बय्यिना, सूरह अज़-ज़िलज़ाल, सूरह अल-आदियात, सूरह अल-क़रिआ, सूरह अत-तकासुर, सूरह अल-अस्र, सूरह अल-हुमजा़, सूरह अल-फ़ील, सूरह अल-कुरैश, सूरह अल-माऊन, सूरह अल-कौसर, सूरह अल-काफ़िरून, सूरह अन-नस्र, सूरह अल-लहब, सूरह अल-इखलास, सूरह अल-फ़लक़, सूरह अन-नास)
कुल रुकू37

📌 नोट: – पारा में * का मतलब रुकू पूरा होने से है।


क़ुरान पारा 30 | Quran Para 30 In Hindi

📖 अ़म्-म – Amma (عَمَّ)

सूरह न० 78
(सूरह अन-नबा(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अ़म्-म य-तसा-अलून(1) अ़निन्-न-बइल्-अ़ज़ीम(2) अल्लज़ी हुम् फ़ीहि मुख़्तलिफून(3) कल्ला स-यअ्लमून(4) सुम्-म कल्ला स-यअ्लमून(5) अलम् नज्अ़लिल्-अर्-ज़ मिहादंव्(6)-वल्-जिबा-ल औतादंव्-(7)-व -ख़लक़्नाकुम् अज़्वाजंव्-(8) व जअ़ल्ना नौमकुम् सुबातंव्-(9)-व जअ़ल्लल्लै-ल लिबासंव्-(10)-व जअ़ल्नन्-नहा-र मआ़शा(11) व बनैना फौ़-क़कुम् सब्अन् शिदादंव्(12)-व जअ़ल्ना सिराजंव्-वह्हाजा(13) व अन्ज़ल्ना मिनल्-मुअ्सिराति मा-अन् सज्जाजल्-(14)-लिनुख़्रि-ज बिही हब्बंव्-व नबातंव्(15)-व जन्नातिन् अलफ़ाफ़ा(16) इन्-न यौमल्-फ़स्लि का-न मीकातंय्(17)-यौ-म युन्फ़खु फिस्सूरि फ़-तअ्तू-न अफ़्वाजा(18) व फुति-हतिस्-समा-उ फ़-कानत् अब्वाबंव्-(19)-व सुय्यि-रतिल्-जिबालु फ़-कानत् सराबा(20) इन्-न जहन्न-म कानत् मिरसादल्(21)-लित्तागी-न म-आबल्-(22)-लाबिसी-न फ़ीहा अह्क़ाबा(23) ला यजूकू-न फ़ीहा बर्दंव्-व ला शराबा(24) इल्ला हमीमंव्-व ग़स्साकन्(25) जज़ाअंव्-विफ़ाका़(26) इन्नहुम् कानू ला यरजू-न हिसाबा(27) व कज़्ज़बू बिआयातिना किज़्ज़ाबा(28) व कुल्-ल शैइन् अहसैनाहु किताबन्(29) फ़जूकू फ़-लन् नज़ी-दकुम् इल्ला अ़ज़ाबा(30) इन्-न लिल्मुत्तकी-न मफ़ाज़न्(31) हदाइ-क़ व अअ्नाबंव्-(32)-व कवाअि-ब अत्राबंव्-(33)-व कअ्सन् दिहाका(34) ला यस्मअू-न फ़ीहा लग्व्ं-व ला किज़्ज़ाबा(35) जज़ाअम्-मिर्रब्बि-क अ़ताअन् हिसाबा(36) रब्बिस्समावाति वल्अर्जि व मा बैनहुमर्रह्मानि ला यम्लिकू-न मिन्हु ख़िताबा(37) यौ-म यकूमुर्रूहु वल्मलाइ-कतु सफ्फ़ल् ला य-तकल्लमू-न इल्ला मन् अज़ि-न लहुर्रह्मानु व का़-ल सवाबा(38) ज़ालिकल् यौमुल्-हक़्कु फ़-मन् शाअत्त-ख़-ज़ इला रब्बिहि मआबा(39) इन्ना अन्ज़रनाकुम् अ़ज़ाबन् क़रीबंय्-यौ-म यन्जुरुल्-मरउ मा क़द्द-मत् यदाहु व यकूलुल्-काफ़िरु या लैतनी कुन्तु तुराबा(40)*

सूरह न० 79
(सूरह अन-नाज़िआत(मक्की) )
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वन्नाज़िआ़ति ग़रक़ंव्-(1)-वन्नाशिताति नश्तंव्-(2)-वस्साबिहाति सब्हन्(3) फ़स्साबिक़ाति सब्क़न्(4) फ़ल्मुदब्बिराति अरा •(5) यौ-म तर्जुफर्राजि-फ़तु(6) तत्बअुहर्-रादिफ़ह्(7) कुलूबुंय्-यौमइज़िंव्-वाजि-फ़तुन्(8) अब्सारुहा ख़ाशिअ़ह् •(9) यकूलू-न अ-इन्ना ल-मरदूदू-न फिल्-हाफ़िरह्(10) अ-इज़ा कुन्ना अिजा़मन्-नखिरह्(11) का़लू तिल्-क इज़न् कर्रतुन् ख़ासिरह् •(12) फ़-इन्नमा हि-य ज़ज्-रतुंव्-वाहि-दतुन्(13) फ़-इज़ा हुम् बिस्साहिरह्(14) हल् अता-क हदीसु मूसा •(15) इज् नादाहु रब्बुहू बिल्वादिला-मुक़द्दसि तुवा(16) इज़्हब् इला फ़िरऔ-न इन्नहू तग़ा(17) फ़कुल हल्-ल-क इला अन् तज़क्का(18) व अहदि-य-क इला रबि-क फ़-तख़्शा(19) फ-अराहुल आ-यतल्-कुब्रा(20) फ़-कज़्ज़-ब व अ़सा(21) सुम्-म अदब-र यस्आ(22) फ़-ह-श-र , फ़नादा(23) फ़का-ल अ-न रब्बुकुमुल्-अअ्ला(24) फ़-अ-ख़-ज़हुल्लाहु नकालल् आखिरति वल्-ऊला(25) इन्-न फ़ी ज़ालि-क ल-अिब्-रतल् लिमंय्यख़्शा(26) अ-अन्तुम् अशद्दु ख़ल्क़न् अमिस्समा-उ बनाहा(27) र-फ़-अ़ सम्कहा फ़-सव्वाहा(28) व अगत-श लैलहा व अख्र-ज जुहाहा(29) वल्अर्-ज़ बअ्-द ज़ालि-क दहाहा(30) अख़्र-ज मिन्हा मा-अहा व मरआ़हा(31) वल्-जिबा-ल अर्साहा(32 ) मताअ़ल्-लकुम् व लि-अन्आ़मिकुम(33) फ़-इज़ा जा-अतित्-ताम्मतुल्-कुब्रा(34) यौ-म य-तज़क्करुल्-इन्सानु मा सआ़(35) व बुर्रि-ज़तिल्-जहीमु लिमंय्यरा(36) फ़-अम्मा मन् तग़ा(37) व आ-सरल् हयातद्दुन्या(38) फ़-इन्नल्-जही-म हि-यल्-मअ्वा(39) व अम्मा मन् ख़ा-फ़ मका़-म रब्बिही व नहन्-नफ्-स अ़निल्-हवा(40) फ़-इन्नल् जन्न-त हि-यल्-मअ्वा(41) यस्अलू-न-क अ़निस्सा-अ़ति अय्या-न मुरसाहा(42) फ़ी-म अन्-त मिन् ज़िक्राहा(43) इला रब्बि-क मुन्तहाहा(44) इन्नमा अन्-त मुन्ज़िरु मंय्यख़्शाहा(45) क-अन्नहुम् यौ-म यरौनहा लम् यल्बसू इल्ला अ़शिय्य तन् जुहाहा(46)*

सूरह न० 80
(सूरह अ-ब-स(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अ़-ब-स व तवल्ला(1) अन् जा-अहुल् अअ्मा(2) व मा युद्री-क ल-अ़ल्लहू यज़्ज़क्का(3) औ यज़्ज़क्करु फ़-तन्फ़-अ़हुज़्ज़िक्रा(4) अम्मा मनिस्तग्ना(5) फ़-अन्-त लहू तसद्दा(6) व मा अ़लै-क अल्ला यज़्ज़क्का(7) व अम्मा मन् जा-अ-क यसआ़(8) व हु-व यख़्शा(9) फ़-अन्-त अ़न्हु त-लह्हा(10) कल्ला इन्नहा तज्कि-रतुन्(11) फ़-मन् शा-अ ज़-करह् •(12) फ़ी सुहुफ़िम्-मुकर्र-मतिम्-(13)-मरफू-अ़तिम् मुतह्ह-रतिम्(14) बिऐदी स-फ़-रतिन्(15) किरामिम् ब-र-रह्(16) कुतिलल्-इन्सानु मा अक्-फ़रह्(17) मिन् अय्यि शैइन् ख़-लक़ह्(18) मिन् नुत्फ़तिन् , ख़-ल-क़हू फ़-क़द्द-रहू(19) सुम्मस्सबी-ल यस्स-रहू(20) सुम्-म अमातहू फ़-अक़्ब-रहू(21) सुम्-म इज़ा शा-अ अन्श-रह्(22) कल्ला लम्मा यक्ज़ि मा अ-मरह्(23) फ़ल्यन्जुरिल्-इन्सानु इला तआ़मिही(24) अन्ना स-बब्नल्-मा-अ सब्बा(25) सुम्-म शक़क़्नल्-अर-ज़ शक़्का़(26) फ़-अम्बत्ना फ़ीहा हब्बंव्-(27) -व अि-नबंव्-व क़ज़्बंव-(28)-व जैतूनंव्-व नख़्लंव्-(29)-व हदाइ-क गुल्बंव्-(30) व फ़ाकि-हतंव्-व अब्बम्-(31)-मताअ़ल्-लकुम् व लि-अन्आ़मिकुम्(32) फ़-इज़ा जा-अतिस्साख़्ख़हू(33) यौ-म यफ़िर्रुल्-मरउ मिन् अख़ीहि(34) व उम्मिही व अबीहि(35) व साहि-बतिही व बनीह्(36) लि-कुल्लिम्-रिइम् मिन्हुम् यौमइज़िन् शअ्नुंय्-युग़्नीह्(37) वुजूहुंय्-यौमइज़िम् मुस्फ़ि-रतुन्(38) ज़ाहि-कतुम् मुस्तब्शि-रतुन्(39) व वुजूहुंय्-यौमइज़िन् अ़लैहा ग़-ब-रतुन्(40) तर्-हकुहा क़-तरह्(41) उलाइ-क हुमुल् क-फ़-रतुल् फ़-जरह्(42)*

सूरह न० 81
(सूरह अत-तकवीर(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इज़श्शम्सु कुव्विरत्(1) व इज़न्नुजूमुन्-क-दरत्(2) व इज़ल्-जिबालु सुय्यिरत्(3) व इज़ल्-अिशारु अत्तिलत्(4) व इज़ल्-वुहूशु हुशिरत्(5) व इज़ल्-बिहारु सुज्जिरत्(6) व इज़न्नुफूसु जुव्विजत्(7) व इज़ल्-मौऊ-दतु सुअिलत्(8) बिअय्यि ज़मबिन् कुतिलत्(9) व इज़स्सुहुफु नुशिरत्(10) व इज़स्समा-उ कुशितत्(11) व इज़ल्-जहीमु सुअ्अ़िरत्(12) व इज़ल्-जन्नतु उज़्लिफ़त्(13) अ़लिमत् नफ़्सुम्-मा अह्-ज़रत्(14) फ़ला उक्सिमु बिल्खुन्नसिल्-(15) -जवारिल-कुन्नस(16) वल्-लैलि इज़ा अ़स्-अ़-स(17) वस्सुब्हि इज़ा त-नफ़्फ़-स(18) इन्नहू ल-कौ़लु रसूलिन् करीम(19) ज़ी कुव्वतिन् अिन्-द ज़िल् अ़र्शि मकीन(20) मुताअिन् सम्-म अमीन(21) व मा साहिबुकुम् बिमज्नून(22) व ल-क़द् रआहु बिल्-उफुकिल मुबीन(23) व मा हु-व अ़लल्-गै़बि बि-ज़नीन(24) व मा हु-व बिकौ़लि शैतानिर्-रजीम(25) फ़ऐ-न तज़्हबून(26) इन् हु-व इल्ला ज़िक्रूल् लिल्-आ़लमीन(27) लिमन् शा-अ मिन्कुम् अंय्यस्तकीम(28) व मा तशाऊ-न इल्ला अंय्यशा-अल्लाहु रब्बुल्-आ़लमीन(29)*

सूरह न० 82
(सूरह अल-इनफितार(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इज़स्समा-उन्-फ़-तरत्(1) व इज़ल्-कवाकिबुन् त-सरत्(2) व इजल्-बिहारु फुज्जिरत्(3) व इज़ल्-कुबूरु बुअ्सिरत्(4) अ़लिमत् नफ़्सुम्-मा कद्द-मत् व अख़्ख़-रत्(5) या अय्युहल्-इन्सानु मा ग़र्-र-क बिरब्बिकल्-करीम(6) अल्लज़ी ख़-ल-क़-क फ़-सव्वा-क फ़-अ़-द-लक्(7) फ़ी अय्यि सू-रतिम् मा शा-अ रक्क-बक्(8) कल्ला बल तुकज़्ज़िबू-न बिद्दीनि(9) व इन्-न अ़लैकुम् लहाफिज़ीन(10) किरामन् कातिबीन(11) यअ्लमू-न मा तफ़अ़लून(12) इन्नल्-अब्रा-र लफ़ी नअ़ीम(13) व इन्नल् फुज्जा-र लफ़ी जहीम(14) यस्लौनहा यौमद्दीन(15) व मा हुम् अ़न्हा बिग़ा-इबीन(16) व मा अद्रा-क मा यौमुद्दीन(17) सुम्-म मा अदरा-क मा यौमुद्दीन(18) यौ-म ला तम्लिकु नफ़्सुल-लिनफ़्सिन् शैआ , वल्अम्रु यौमइज़िल्-लिल्लाहू •(19)*

सूरह न० 83
(सूरह अत-ततफी़फ़(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वैलुल्-लिल्-मुतफ़्फ़िफीन(1) अल्लज़ी-न इज़क्तालू अ़लन्नासि यस्तौफून(2) व इज़ा कालूहुम् अव्व-ज़नूहुम् युख़्सिरून(3) अला यजुन्नु उलाइ-क अन्नहुम् मब्अूसून(4) लियौमिन अ़ज़ीम(5) यौ-म यकूमुन्नासु लिरब्बिल्-आ़लमीन(6) कल्ला इन्-न किताबल्-फुज्जारि लफ़ी सिज्जीन(7) व मा अद्रा-क मा सिज्जीन(8) किताबुम्-मकूम(9) वैलुंय्यौमइज़िल्-लिल्-मुकज़्ज़िबीन(10) अल्लज़ी-न युकज़्ज़िबू-न बियौमिद्दीन(11) व मा युकज़्ज़िबु बिही इल्ला कुल्लु मुअ्-तदिन् असीम(12) इज़ा तुत्ला अ़लैहि आयातुना का़-ल असातीरुल्-अव्वलीन(13) कल्ला बल्-रा-न अ़ला कुलूबिहिम्-मा कानू यक्सिबून(14) कल्ला इन्नहुम् अ़र्रब्बिहिम् यौमइज़िल्-लमह्जूबून(15) सुम्-म इन्नहुम् लसालुल-जहीम(16) सुम्म युका़लु हाज़ल्लज़ी कुन्तुम् बिही तुकज़्ज़िबून(17) कल्ला इन्-न किताबल्-अबरारि लफ़ी अिल्लिय्यीन(18) व मा अद्रा-क मा अ़िल्लिय्यून(19) किताबुम् -मरकूम(20) यश्-हदुहुल्-मुक़र्रबून(21) इन्नल्-अब्रा-र लफ़ी नअ़ीम(22) अ़लल् अरा-इकि यन्जुरून(23) तअ्रिफु फ़ी वुजूहिहिम् नज्-रतन्-नअ़ीम(24) युस्कौ़-न मिर्रहीकिम्-मख़्तूम(25) खितामुहू मिस्क , व फ़ी ज़ालि-क फ़ल्य-तनाफ़सिल्-मु-तनाफ़िसून(26) व मिज़ाजुहू मिन् तस्नीम(27) अै़नंय्-यश्रबु बिहल्-मुकर्रबून(28) इन्नल्लज़ी-न अज्रम् कानू मिनल्लज़ी-न आमनू यज्-हकून(29) व इज़ा मररू बिहिम् य-तगा़-मजून(30) व इज़न्-क़-लबू इला अह़्लिहिमुन्क-लबू फ़किहीन(31) व इज़ा रऔहुम् का़लू इन्-न हा-उला-इ लज़ाल्लून(32) व मा उर्सिलू अ़लैहिम् हाफ़िज़ीन(33) फल्यौ मल्लज़ी-न आमनू मिनल्-कुफ़्फा़रि यज़्हकून(34) अ़लल्-अरा-इकि यन्जुरून(35) हल् सुव्विबल्-कुफ़्फा़रु मा कानू यफ़अ़लून(36)*

सूरह न० 84
(सूरह अल-इनशिक़ाक़(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इज़स्समाउन्-शक़्क़त्(1) व अज़िनत् लिरब्बिहा व हुक़्क़त्(2) व इज़ल्-अर्जु मुद्दत्(3) व अल्क़त् मा फ़ीहा व त-ख़ल्लत्(4) व अज़िनत् लिरब्बिहा व हुक़्क़त्(5) या अय्युहल्-इन्सानु इन्न-क कादिहुन् इला रब्बि-क कद्हन् फ़मुलाकीहि(6) फ़-अम्मा मन् ऊति-य किताबहू बि-यमीनिही(7) फ़सौ-फ़ युहा-सबु हिसाबंय्-यसीरा(8) व यन्क़लिबु इला अह़्लिही मसरूरा(9) व अम्मा मन् ऊति-य किताबहू वरा-अ ज़हरिही(10) फ़सौ-फ़ यद्अू सुबूरा(11) व यस्ला सअ़ीरा(12) इन्नहू का-न फ़ी अह़्लिही मसूरूरा(13) इन्नहू ज़न्-न अल्लंय्यहू-र(14) बला इन्-न रब्बहू का-न बिही बसीरा(15) फ़ला उक्सिमु बिश्श-फ़कि(16) वल्लैलि व मा व-स-क(17) वल्क़-मरि इज़त्त-स-क(18) ल-तरकबुन्-न त-बकन् अ़न् त-बक़(19) फ़मा लहुम् ला युअ्मिनून(20) व इज़ा कुरि-अ अ़लैहिमुल-कुरआनु ला यस्जुदून •(21) {{अल-सज़्दाः}} बलिल्लज़ी-न क-फ़रू युकज़्ज़िबून(22) वल्लाहु अअ्लमु बिमा यूअून(23) फ़-बश्शिरहुम् बि-अ़ज़ाबिन अलीम(24) इल्लल्लज़ी-न आमनू व अ़मिलुस्सालिहाति लहुम् अज्रुन् गै़रु मम्नून(25)*

सूरह न० 85
(सूरह अल-बुरूज(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वस्समा-इ ज़ातिल्-बुरूजि(1) वल्यौमिल्-मौअूदि(2) व शाहिदिंव्-व मशहूद(3) कुति-ल अस्हाबुल उख़दूदि-(4)-न्नारि जा़तिल-वकूदि(5) इज् हुम् अ़लैहा कुअूद(6) व हुम् अ़ला मा यफ़अ़लू-न बिल्-मुअ्मिनी-न शुहूद(7) व मा न-क़मू मिन्हुम् इल्ला अंय्युअ्मिनू बिल्लाहिल् अ़ज़ीज़िल्-हमीद(8) अल्लज़ी लहू मुल्कुस्समावाति वल्अर्जि , वल्लाहु अ़ला कुल्लि शैइन् शहीद(9) इन्नल्लज़ी-न फ़-तनुल्-मुअ्मिनी-न वल्-मुअ्मिनाति सुम्-म लम् यतूबू फ़-लहुम् अ़ज़ाबु जहन्न-म व लहुम् अ़ज़ाबुल्-हरीक़(10) इन्नल्लज़ी-न आमनू व अ़मिलुस्सालिहाति लहुम् जन्नातुन् तज्री मिन् तहतिहल्-अन्हारु , ज़ालिकल् फौ़जुल-कबीर(11) इन्-न बत्-श रब्बि-क ल-शदीद(12) इन्नहू हु-व युब्दिउ व युअ़ीद(13) व हुवल्-ग़फूरुल्-वदूद(14) जुल् -अरशिल् -मजीद(15) फ़अ्आ़लुल्-लिमा युरीद(16) हल् अता-क हदीसुल्-जुनूद(17) फिरऔ़-न व समूद(18) बलिल्लज़ी-न क-फ़रू फी़ तक्जीबिंव(19)-वल्लाहु मिंव्वरा-इहिम्-मुहीत(20) बल् हु-व कुरआनुम् मजीद(21) फ़ी लौहिम्-मह्फूज़(22)*

सूरह न० 86
(सूरह अत-तारिक(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वस्समा-इ वत्तारिकि(1) व मा अद्रा-क मत्तारिकु(2) अन्नज्मुस्-साक़िब(3) इन् कुल्लु नफ्सिल्-लम्मा अ़लैहा हाफ़िज़(4) फ़ल्यन्जुरिल्-इन्सानु मिम्-म खुलिक़(5) खुलि-क़ मिम्माइन् दाफ़िकिंय्-(6)-यख़्रुजु मिम्-बैनिस्सुल्बि वत्तरा-इब(7) इन्नहू अ़ला रज्अ़िही लक़ादिर(8) यौ-म तुब्लस्सरा-इरु(9) फ़मा लहू मिन् कुव्वतिंव्-व ला नासिर(10) वस्समा-इ ज़ातिर्-रजअि(11) वल्अर्ज़ि ज़ातिस्सद्अ़ि(12) इन्नहू ल-कौ़लुन् फ़स्लुंव्-(13)-व मा हु-व बिल्-हज़्लि(14) इन्नहुम् यकीदू-न कैदंव्-(15) व अकीदु कैदा(16) फ़-मह्हिलिल्-काफिरी-न अम्हिल्हुम् रुवैदा(17)*

सूरह न० 87
(सूरह अल-आला(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

सब्बिहिस्-म रब्बिकल्-अअ्ला(1) अल्लज़ी ख़-ल-क़ फ़-सव्वा(2) वल्लज़ी कद्द-र फ़-हदा(3) वल्लज़ी अख़र-जल्-मरआ(4) फ़-ज-अ़-लहू गुसाअन् अह़्वा(5) सनुक़्रिउ-क फ़ला तन्सा(6) इल्ला मा शा-अल्लाहु , इन्नहू यअ्लमुल्-जह-र व मा यख़्फा़(7) व नुयस्सिरु-क लिल्युसरा(8) फ़ज़क्किर् इन् न-फ़-अ़तिज्-ज़िक्रा(9) स-यज़्ज़क्करु मंय्यख़्शा(10) व य-तजन्नबुहल्-अश्क-(11)-ल्लज़ी यस्लन्-नारल्-कुब्रा(12) सुम्-म ला यमूतु फ़ीहा व ला यह्या(13) क़द् अफ़्ल-ह मन् तज़क्का(14) व ज़-करस्-म रब्बिही फ़-सल्ला(15) बल् तुअ्सिरूनल्-हयातद्-दुन्या(16) वल-आख़िरतु खै़रुंव-व अब्का़(17) इन्-न हाज़ा लफिस्-सुहुफ़िल्-ऊला(18) सुहुफि इब्राही-म व मूसा(19)*

सूरह न० 88
(सूरह अल-गा़शिया(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

हल् अता-क हदीसुल्-गा़शयह(1) वुजूहुंय्-यौमइज़िन् ख़ाशिअ़ह्(2) आ़मि-लतुन् नासि-बतुन्(3) तस्ला नारन् हामि-यतन्(4) तुस्का मिन् अै़निन् आनियह(5) लै-स लहुम् तआ़मुन् इल्ला मिन् ज़रीअिल्-(6)-ला युस्मिनु व ला युग्नी मिन् जूअ्(7) वुजूहुंय्-यौमइज़िन् नाअ़ि-मतुल-(8)-लिसअ्यिहा राज़ि-यतुन्(9) फ़ी जन्नतिन् आ़लियह्(10) ला तस्मअु फ़ीहा लागियह्(11) फ़ीहा अै़नुन् जारियह् •(12) फी़हा सुरुरुम्-मरफू-अ़तुंव-(13)-व अक्वाबुम्-मौजू-अ़तुंव-(14)-व नमारिकु मस्फू-फ़तुंव्-(15)-व ज़राबिय्यु मब्सूसह(16) अ-फ़ला यन्जुरू-न इलल्-इबिलि कै-फ़ खुलिकत्(17) व इलस्समा-इ कै-फ़ रुफ़िअ़त्(18) व इलल्-जिबालि कै-फ़ नुसिबत्(19) व इलल्-अर्ज़ि कै-फ़ सुतिहत्(20) फ़ज़क्किर , इन्नमा अन्-त मुज़क्किर(21) लस्-त अ़लैहिम् बि-मुसैतिरिन्(22) इल्ला मन् तवल्ला व क-फ़र(23) फ़युअ़ज़्ज़िबुहुल्लाहुल्-अ़ज़ाबल्-अक्बर(24) इन्-न इलैना इया-बहुम्(25) सुम्-म इन्-न अ़लैना हिसा-बहुम •(26)*

सूरह न० 89
(सूरह अल-फ़ज्र(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वल्-फ़ज़रि(1) व लयालिन् अ़शिंरव-(2)-वश्शफअ़ि वल्वत्रि(3) वल्लैलि इज़ा यसरि(4) हल फ़ी ज़ालि-क क़-समुल्लिज़ी हिज्र(5) अलम् त-र कै-फ़ फ़-अ-ल रब्बु-क बिआ़द(6) इर-म-ज़ातिल्-अिमादि-(7)-ल्लती लम् युख़्लक् मिस्लुहा फिल्-बिलाद(8) व समूदल्लज़ी-न जाबुस्सख़्-र बिल्वादि(9) व फिरऔ़-न ज़िल-औताद(10) अल्लज़ी-न तगौ़ फिल्-बिलाद(11) फ़-अक्सरू फ़ीहल्-फ़साद(12) फ़-सब्-ब अ़लैहिम् रब्बु-क सौ-त अ़ज़ाब(13) इन्-न रब्ब-क लबिल्-मिरसाद(14) फ़-अम्मल्-इन्सानु इज़ा मब्तलाहु रब्बुहू फ़-अक्र-महू व नअ्अ़-महू फ़-यकूलु रब्बी अक्र-मन्(15) व अम्मा इज़ा मब्तलाहु फ़-क़-द-र अ़लैहि रिज़्क़हू फ़-यकूलु रब्बी -अहानन्(16) कल्ला बल्-ला तुक्रिमूनल्-यती-म(17) व ला तहाज़्जू-न अ़ला तआमिल्-मिस्कीन(18) व तअ्कुलूनत्तुरा-स अक्लल् लम्मंव्(19) -व तुहिब्बूनल्-मा-ल हुब्बन् जम्मा(20) कल्ला इज़ा दुक्कतिल्-अर्जु दक्कन् दक्कंव्-(21)-व जा-अ रब्बु-क वल्म-लकु सफ़्फन सफ़्फा(22) व जी-अ यौमइज़िम्-बि-जहन्न-म यौमइज़िंय्य-तज़क्करुल्-इन्सानु व अन्ना लहुज्ज़िक्रा(23) यकूलु या लैतनी क़द्दम्तु लि-हयाती(24) फ़यौमइज़िल्-ला युअ़ज़्ज़िबु अ़ज़ाबहू अ-हदुंव-(25)-व ला यूसिकु व साक़हू अ-हद(26) या अय्यतुहन्-नफ़्सुल-मुत्मइन्नतु(27)-रजिअ़ी इला रब्बिकि राज़ि-यतम् मरज़िय्यह्(28) फ़द्खुली फी अिबादी(29) वद्खुली जन्नती(30)*

सूरह न० 90
(सूरह अल-बलद(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

ला उक्सिमु बिहाज़ल्-ब-लदि(1) व अन्-त हिल्लुम् बिहाज़ल्-ब-लदि(2) व वालिदिंव्-व मा व-लद्(3) ल-क़द् ख़लक़्नल्-इन्सा-न फ़ी क-बद्(4) अ-यह्सबु अल्लंय्यक्दि-र अ़लैहि अ-हद् •(5) यकूलु अह़्लक्तु मालल्-लु-बदा(6) अ-यहसबु अल्लम् य-रहू अ-हद्(7) अलम् नजअ़ल्-लहू अै़नैनि(8) व लिसानंव्-व श-फ़तैनि(9) व हदैनाहुन्-नज्दैन(10) फ़-लक्त-ह-मल् अ़-क़-ब-त(11) व मा अदरा-क मल्अ़-क़-बह्(12) फ़क्कु र-क-बतिन्(13) औ इत्आ़मुन् फी यौमिन् ज़ी मस्-ग़-बतिंय्-(14)-यतीमन् ज़ा मक़्र-बतिन्(15) औ मिस्कीनन् ज़ा मत्-र-बह्(16) सुम्-म का-न मिनल्लज़ी-न आमनू व तवासौ बिस्सब्रि व तवासौ बिल-मर्-ह-मह्(17) उलाइ-क अस्हाबुल् मै-म-नह्(18) वल्लज़ी-न क-फ़रू बिआयातिना हुम् अस्हाबुल् मश-अ-मह्(19) अ़लैहिम् नारुम् मुअ-स-दह्(20)*

सूरह न० 91
(सूरह अश-शम्स(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वश्शम्सि व जुहाहा(1) वल्क़-मरि इज़ा तलाहा(2) वन्नहारि इज़ा जल्लाहा(3) वल्लैलि इज़ा यग्शाहा(4) वस्समा-इ व मा बनाहा(5) वल्अर्जि व मा तहाहा(6) व नफ़्सिंव्-व मा सव्वाहा(7) फ़-अल्ह-महा फुजूरहा व तक़्वाहा(8) क़द् अफ़्ल-ह मन् ज़क्काहा(9) व क़द् ख़ा-ब मन् दस्साहा(10) कज़्ज़बत् समूदु बितग़्वाहा(11) इज़िम् ब-अ़-स अश्का़हा(12) फ़का़-ल लहुम् रसूलुल्लाहि ना-क़तल्लाहि व सुक़्याहा(13) फ़-कज़्ज़बूहु फ़-अ़-क़रूहा फ़-दम्-द-म अ़लैहिम् रब्बुहुम् बिज़म्बिहिम् फ़-सव्वाहा(14) व ला यख़ाफु अुक़्बाहा(15)*

सूरह न० 92
(सूरह अल-लैल(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वल्लैलि इज़ा यग्शा(1) वन्नहारि इज़ा त-जल्ला(2) व मा ख़-लक़ज़्ज़-क-र वलउन्सा(3) इन्-न सअ्-यकुम् लशत्ता(4) फ़-अम्मा मन् अअ्ता वत्तका़(5) व सद्द-क़ बिल्हुस्ना(6) फ़-सनुयस्सिरुहू लिल्युसरा(7) व अम्मा मम्-बखि-ल वस्तग्ना(8) व कज़्ज़-ब बिल्हुस्ना(9) फ़-सनुयस्सिरुहू लिल्-अुसरा(10) व मा युग्नी अ़न्हु मालुहू इज़ा त-रद्दा(11) इन्-न अ़लैना लल्हुदा(12) व इन्-न लना लल्-आखिर-त वल्ऊला(13) फ़-अन्ज़रतुकुम् नारन् त-लज़्ज़ा(14) ला यस्लाहा इल्लल् अश्क-(15)-ल्लज़ी कज़्ज़-ब व त-वल्ला(16) व स-युजन्नबुहल् अत्क़-(17)-ल्लज़ी युअ्ती मा-लहू य-तज़क्का(18) व मा लि-अ-हदिन् अिन्दहू मिन्-निअ्मतिन् तुज्जा़(19) इल्लब्तिगा़-अ वज्हि रब्बिहिल्-अअ्ला(20) व लसौ-फ़ यरजा़(21)*

सूरह न० 93
(सूरह अल-जु़हा(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वज़्जुहा(1) वल्लैलि इज़ा सजा(2) मा वद्द-अ़-क रब्बु-क व मा क़ला(3) व लल्-आखिरतु खै़रुल्-ल-क मिनल्-ऊला(4) व लसौ-फ़ युअ्ती-क रब्बु-क फ़-तरजा़(5) अलम् यजिद्-क यतीमन् फ़-आवा(6) व व-ज-द-क ज़ाल्लन् फ़-हदा(7) व व-ज-द-क आ़-इलन् फ़-अग्ना(8) फ़-अम्मल्-यती-म फ़ला तक़्हर्(9) व अम्मस्-सा-इ-ल फ़ला तन्हर्(10) व अम्मा बिनिअ्-मति रब्बि-क फ़-हद्दिस्(11)*

सूरह न० 94
(सूरह अल-इनशिराह(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अलम् नश्रह् ल-क सदर-क(1) व व-ज़अ्ना अ़न्-क विज्र-क(2)-ल्लज़ी अन्क़-ज़ ज़ह्-र-क(3) व र-फ़अ्ना ल-क ज़िक्रक्(4) फ़-इन्-न मअ़ल्-अुसरि युसरन्(5) इन्-न मअ़ल्-असरि युसरा(6) फ़-इज़ा फ़रग्-त फ़न्सब्(7) व इला रब्बि-क फ़रग़ब्(8)*

सूरह न० 95
(सूरह अत-तीन(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वत्तीनि वज़्जै़तूनि(1) व तूरि सीनी-न(2) व हाज़ल् ब-लदिल्-अमीन(3) ल-क़द् ख़लक़्नल्-इन्सा-न फ़ी अह्सनि तक़्वीम(4) सुम-म र-दद्नाहु अस्फ़-ल साफ़िलीन(5) इल्लल्लज़ी-न आमनू व अ़मिलुस्सालिहाति फ़-लहुम् अज्रुन् गै़रु मम्नून(6) फ़मा युकज़्ज़िबु-क बअ़दु बिद्दीन(7) अलैसल्लाहु बि-अह्कमिल्-हाकिमीन(8)*

सूरह न० 96
(सूरह अल-अलक़(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इक़्रअ् बिस्मि रब्बिकल्लज़ी ख़-लक़(1) ख़-लक़ल्-इन्सा-न मिन् अ़-लक़(2) इक़्रअ् व रब्बुकल् अक्रमु-(3)-ल्लजी अ़ल्ल-म बिल्क़-लमि(4) अ़ल्ल-मल्-इन्सा-न मा लम् यअ्लम्(5) कल्ला इन्नल्-इन्सा-न ल-यत्गा़(6) अर्-रआहुस्तग्ना(7) इन्-न इला रब्बिकर्-रुज्आ़(8) अ-रऐतल्लज़ी यन्हा(9) अ़ब्दन् इज़ा सल्ला(10) अ-रऐ-त इन् का-न अ़लल्-हुदा(11) औ अ-म-र बित्तक़्वा(12) अ-रऐ-त इन् कज़्ज़-ब व त-वल्ला(13) अलम् यअ्लम् बिअन्नल्ला-ह यरा(14) कल्ला ल-इल्लम् यन्तहि ल-नस्फ़-अ़म् बिन्नासि-यति(15) नासि-यतिन् काज़ि-बतिन ख़ाति-अह्(16) फ़ल्यद्अु नादि-यहू(17) स-नद्अुज्-ज़बानियह्(18) कल्ला , ला तुतिअ्हु वस्जुद् वक्तरिब् •(19)* {{अल-सज़्दाः}}

सूरह न० 97
(सूरह अल-क़द्र(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इन्ना अन्ज़ल्नाहु फी लैलतिल्-कद्रि(1) व मा अद्रा-क मा लैलतुल्-क़द्र(2) लैलतुल्-कद्रि खै़रुम-मिन् अल्फि शहर(3) त-नज़्ज़लुल्-मलाइ-कतु वर्रूहु फ़ीहा बि-इज्नि रब्बिहिम् मिन् कुल्लि अमरिन्(4) सलामुन् , हि-य हत्ता मत्-लअिल्-फ़ज़र •(5)*

सूरह न० 98
(सूरह अल-बय्यिना(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

लम् यकुनिल्लज़ी-न क-फ़रू मिन् अह़्लिल्-किताबि वल्मुश्रिकी-न मुन्फ़क्की-न हत्ता तअ्ति-यहुमुल्-बय्यिनह्(1) रसूलुम्-मिनल्लाहि यत्लू सुहुफ़म् मुतह्ह-रतुन्(2) फ़ीहा कुतुबुन् क़य्यिमह्(3) व मा त-फ़र्रक़ल्लज़ी-न ऊतुल्-किता-ब इल्ला मिम्-बअ्दि मा जाअत्हुमुल्-बय्यिनह्(4) व मा उमिरू इल्ला लियअ्बुदुल्ला-ह मुख़्लिसी-न लहुद्दी-न हु-नफा़-अ व युकीमुस्सला-त व युअ्तुज़्ज़का-त व ज़ालि-क दीनुल्-क़य्यिमह्(5) इन्नल्लज़ी-न क-फ़रू मिन् अह़्लिल्-किताबि वल्मुश्रिकी-न फ़ी नारि जहन्न-म ख़ालिदी-न फ़ीहा , उलाइ-क हुम् शर्रुल-बरिय्यह्(6) इन्नल्लज़ी-न आमनू व अ़मिलुस्सालिहाति उलाइ-क हुम् खै़रुल्-बरिय्यह्(7) जजा़उहुम् अिन्-द रब्बिहिम् जन्नातु अ़द्निन् तज्री मिन् तह्तिहल्-अन्हारु ख़ालिदी-न फ़ीहा अ-बदन् , रज़ियल्लाहु अ़न्हुम् व रजू अ़न्हु , ज़ालि-क लिमन् ख़शि-य रब्बह्(8)*

सूरह न० 99
(सूरह अज़-ज़िलज़ाल(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इज़ा जुल्ज़ि-लतिल्-अर्जु ज़िल्ज़ालहा(1) व अख़्र-जतिल्-अर्जु अस्का़लहा(2) व का़लल्-इन्सानु मा लहा(3) यौमइज़िन् तुहद्दिसु अख़्बारहा(4) बि-अन्-न रब्ब-क औहा लहा(5) यौ मइज़िंय्-यस्दुरुन्नासु अश्तातल्-लियुरौ अअ्मालहुम्(6) फ़-मंय्यअ्मल् मिस्का-ल ज़र्रतिन् खै़रंय्-यरह्(7) व मंय्-यअ्मल् मिस्का-ल ज़र्रतिन् शर्ररंय्-यरह्(8)*

सूरह न० 100
(सूरह अल-आदियात(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वल्-आ़दियाति ज़ब्हन्(1) फ़ल्मूरियाति क़द्हन्(2) फ़ल्-मुगी़राति सुब्हन्(3) फ़-असर्-न बिही नक़अ़न्(4) फ़-वसत्-न बिही जम्अ़न्(5) इन्नल्-इन्सा-न लिरब्बिही ल-कनूद(6) व इन्नहू अ़ला ज़ालि-क ल-शहीद(7) व इन्नहू लिहुब्बिल्-ख़ैरि ल-शदीद(8) अ-फ़ला यअ्लमु इज़ा बुअ्सि-र मा फिल्कुबूरि(9) व हुस्सि-ल मा फिस्सुदूरि(10) इन्-न रब्बहुम् बिहिम् यौमइज़िल् ल-ख़बीर(11)*

सूरह न० 101
(सूरह अल-क़रिआ(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अल्का़रि-अ़तु(1) मल्कारि-अ़तु(2) व मा अद्रा-क मल्का़रिअ़ह्(3) यौ-म यकूनुन्नासु कल्फ़राशिल्-मब्सूसि(4) व तकूनुल्-जिबालु कल्-अिह़्निल-मन्फूश(5) फ़-अम्मा मन् सकु़लत् मवाजी़नुहू(6) फ़हु-व फी़ अ़ी-शतिर्-राज़ियह्(7) व अम्मा मन् ख़फ़्फ़त् मवाज़ीनुहू(8) फ़-उम्मुहू हावियह्(9) व मा अद्रा-क मा हियह्(10) नारुन् हामियह्(11)*

सूरह न० 102
(सूरह अत-तकासुर(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अल्हाकुमुत्-तकासुरु(1) हत्ता जुरतुमुल्-मक़ाबिर(2) कल्ला सौ-फ़ तअ्लमून(3) सुम्-म कल्ला सौ-फ़ तअ्लमून(4) कल्ला लौ तअ्लमू-न अिल्मल्-यकी़न(5) ल-त-र-वुन्नल्-जहीम(6) सुम्-म ल-त-र-वुन्नहा अैनल्-यक़ीन(7) सुम्-म लतुस्-अलुन्-न यौमइज़िन् अ़निन्-नअ़ीम(8)*

सूरह न० 103
(सूरह अल-अस्र(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वल्-अ़सरि(1) इन्नल्-इन्सा-न लफ़ी खु़स्-र(2) इल्लल्लज़ी-न आमनू व अ़मिलुस्-सालिहाति व तवासौ बिल्हक़्कि व तवासौ बिस्सब्र(3)*

सूरह न० 104
(सूरह अल-हुमजा़(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

वैलुल्-लिकुल्लि हु-म-ज़तिल् लु-मज़ह(1) अल्लज़ी ज-म-अ़ मालंव्-व अ़द्-द-दहू(2) यह्सबु अन्-न मालहू अख़्ल-दह्(3) कल्ला लयुम्ब-ज़न्-न फ़िल्-हु-त-मति(4) व मा अद्रा-क मल्हु-त-मह्(5) नारूल्लाहिल् मू-क़-दतु-(6)-ल्लती तत्तलिअु़ अ़लल्-अफ़इदह्(7) इन्नहा अ़लैहिम् मुअ्-स-दतुन्(8) फ़ी अ़-मदिम्-मुमद्-द-दह्(9)*

सूरह न० 105
(सूरह अल-फ़ील(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अलम् त-र कै-फ़ फ़-अ़-ल रब्बु-क बि-अस्हाबिल्-फ़ील(1) अलम् यज्अल् कै-दहुम् फ़ी तज्लीलिंव-(2) व अर्स-ल अ़लैहिम् तैरन् अबाबील(3) तरमीहिम् बिहिजा-रतिम्-मिन् सिज्जील(4) फ़-ज-अ़-लहुम् क-अ़स्फिम् मअ्कूल(5)*

सूरह न० 106
(सूरह अल-कुरैश(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

लि-ईलाफ़ि कुरैशिन्(1) ईलाफ़िहिम् रिह्-ल-तश्शिता-इ वस्सैफ़(2) फ़ल्-यअ्बुदू रब्-ब हाज़ल्-बैति-(3)-ल्लज़ी अत्-अ़-म-हुम् मिन् जूअिंंव्-व आ-म-नहुम् मिन् ख़ौफ़(4)*

सूरह न० 107
(सूरह अल-माऊन(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

अ-रऐतल्लज़ी युकज़्ज़िबु बिद्दीन(1) फ़ज़ालिकल्लज़ी यदुअुल्-यतीम(2) व ला यहुज्जु अ़ला तआ़मिल्-मिस्कीन(3) फ़वैलुल लिल्-मुसल्लीन(4) अल्लज़ी-न हुम अ़न् सलातिहिम् साहून(5) अल्लज़ी-न हुम् युराऊ-न(6) व यम्-नअूनल्-माअून(7)*

सूरह न० 108
(सूरह अल-कौसर(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इन्ना अअ्तैनाकल्-कौ-सर्(1) फ़-सल्लि लिरब्बि-क वन्हर्(2) इन्-न शानि-अ-क हुवल्-अब्तर्(3)*

सूरह न० 109
(सूरह अल-काफ़िरून(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

कुल या अय्युहल्-काफ़िरून(1) ला अअ्बुदु मा तअ्बुदून(2) व ला अन्तुम् आ़बिदू-न मा अअ्बुद(3) व ला अ-न आ़बिदुम्-मा अ़बत्तुम्(4) व ला अन्तुम् आ़बिदू-न मा अअ्बुद(5) लकुम् दीनुकुम् व लि-य दीन(6)*

सूरह न० 110
(सूरह अन-नस्र(मदनी))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

इज़ा जा-अ नसरुल्लाहि वल्-फ़त्हु(1) व रऐतन्ना-स यद्ख़ुलू-न फ़ी दीनिल्लाहि अफ़्वाजा(2) फ़-सब्बिह् बिहम्दि रब्बि-क वस्तग्फ़िरहु , इन्नहू का-न तव्वाबा(3)*

सूरह न० 111
(सूरह अल-लहब(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

तब्बत् यदा अबी ल-हबिंव्-व तब्ब(1) मा अगना अ़न्हु मालुहू व मा क-सब्(2) स-यस्ला नारन् ज़ा-त ल-हबिंव्(3)-वम्-र-अतुहू हम्मा-लतल् ह-तब(4) फ़ी जीदिहा हब्लुम् मिम्-म-सद्(5)*

सूरह न० 112
(सूरह अल-इखलास(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

कुल् हुवल्लाहु अ-हद(1) अल्लाहुस्-समद्(2) लम् यलिद् व लम् यूलद्(3) व लम् यकुल्-लहू कुफुवन् अ-हद(4)*

सूरह न० 113
(सूरह अल-फ़लक़(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

कुल् अअूजु बिरब्बिल् फ़-लक़ि(1) मिन् शर्रि मा ख़-ल-क़(2) व मिन् शर्रि गा़सिकिन् इज़ा व-क़ब्(3) व मिन् शर्रिन्-नफ़्फ़ासाति फ़िल्-अु-क़द्(4) व मिन् शर्रि हासिदिन् इज़ा ह-सद्(5)*

सूरह न० 114
(सूरह अन-नास(मक्की))
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम

कुल अअूजु बिरब्बिन्नासि(1) मलिकिन्नासि(2) इलाहिन्नासि(3) मिन् शर्रिल् वस्वासिल्-ख़न्नास(4) अल्लज़ी युवस्विसु फ़ी सुदूरिन्नासि(5) मिनल्-जिन्नति वन्नास(6)*


क़ुरआन के पारा 30 की पीडीऍफ़

दोस्तों, आपने कुरान के पारा 30 को हिंदी में तो पढ़ ही लिया। अब अगर Quran Para 30 in Hindi Pdf सेव करना चाहते हैं

तो आप नीचे दिए डाउनलोड बटन से पारा 30 को सेव कर सकते हैं।


Quran Para 30 Mp3 फाइल

दोस्तों, अगर आप चाहते हैं कि कुरान के पारा 30 को Mp3 में सुन सकें, तो हमने नीचे Para 30 की ऑडियो मौजूद कराई है।

आप नीचे दिए गए बटन से इस ऑडियो फाइल को सेव करके आसानी के साथ सुन सकते हैं।


आखिरी शब्द

तो दोस्तों, जैसा की आपने हमारी इस वेबसाइट से कुरान के पारा 30 को हिंदी में (Quran Para 30 in Hindi) पढ़ा।

आगे भी आप हमारे साथ बने रहें, इंशाअल्लाह हम आपको पूरा कुरान हिंदी में मौजूद करायिंगे।

अगर हमसे लिखने में कोई गलती हुई हो तो आप हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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