Surah Asr in Hindi, Tarjuma, Pdf | सूरह अल-अस्र हिंदी में तर्जुमा के साथ

हमारे प्यारे दीनी भाइयों और बहनों, इस पोस्ट में हमने सूरह अस्र हिंदी में (Surah Asr in Hindi) और Surah Asr Ka Tarjuma Hindi Mein की पूरी जानकारी देने की कोशिश की है, फिर भी अगर कोई जानकारी अधूरी रह जाये तो आप हमें कमेंट के जरिये बता सकते हैं।

सूरह अस्र इन हिंदी, शुरू करने से पहले दोस्तों हम आपको Wal asrey innal insanaa सूरह के बारे में कुछ जरूरी बातें बता देना चाहते हैं, जिनका पता होना हर एक मुसलमान शख्स को जरूरी है।

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जब सारे मुल्क में जुल्म बरपा हुआ था तब ये सूरह अस्र मक्के के शुरुआती दौर में नाजिल हुई। उस वक़्त आखिरत का किसी को यकीन ही नहीं था और बुराइयां हर तरफ फैली हुई थीं।

सभी लोग बुराई के अंजाम से बेखबर थे, और अल्लाह की खुदाई में लोग किसी और को शरीक ठहराते थे, उस वक़्त ये सूरत surah Al Asr नाजिल हुई।

आपको बताते चलें Surah Asr Meaning in Hindi होता है :- “फ़तेह या मदद” और सूरह अस्र का इंग्लिश मतलब होता है: – “The Declining Day, Eventide, The Epoch, Time”

सूरह का नामसूरह अल-अस्र
पारा नंबर30
सूरह नंबर103
कुल आयतें3

सूरह अस्र हिंदी में (Surah Asr in Hindi)

हमारे प्यारे दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह अस्र को टेक्स्ट के रूप में मौजूद कराया है, जिसकी अप आसानी के साथ हिंदी में तिलावत कर सकते हैं।

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

1. वल अस् र

2. इन्नल इनसाना लफ़ी खुस् र

3. इल्लल लज़ीना आमनू वा आमिलुस सालीहाती वता वासौ बिल हक्क वता वासौ बिस सब्र

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सूरह अस्र हिंदी तर्जुमा (Surah Asr Ka hindi tarjuma)

दोस्तों आपने जैसा की ऊपर सूरह अस्र को हिंदी में पढ़ा ही है तो हमने यहाँ आपके लिए सूरह अस्र का तर्जुमा हिंदी में मौजूद कराया है, जिसको पढ़ कर आप आसानी के साथ सूरह अस्र के मतलब को समझ सकते हैं कि अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है?

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।

वल अस् र
गवाह है गुज़रता समय,

इन्नल इनसाना लफ़ी खुस् र
कि वेशक इंसान घाटे में है,

इल्लल लज़ीना आमनू वा आमिलुस सालीहाती वता वासौ बिल हक्क वता वासौ बिस सब्र
सिवाय उन लोगों के जो ईमान लाए और नेक अमल किए और एक-दूसरे को हक़ की ताकीद की, और एक-दूसरे को सब्र की ताकीद की

सूरह अस्र अरबी में (Surah Asr in Arabic Text)

بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

1. وَالْعَصْرِ
2. إِنَّ الْإِنسَانَ لَفِي خُسْرٍ
3. إِلَّا الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ وَتَوَاصَوْا بِالْحَقِّ وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ

सूरह अस्र की फोटो (Surah Al-Asr Printable Image)

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सूरह अस्र पीडीऍफ़ (Surah Asr Hindi Pdf Download)

प्यारे दीनी भाइयों और बहनों जैसा की आपने ऊपर सूरह अस्र को हिंदी में तर्जुमा के साथ पढ़ा ही है। साथ ही साथ आपने Surah Al-Asr की Hindi Image भी देखी होंगी।

यहाँ हमने Surah Al Asr Hindi Pdf उपलब्ध करायी है आप आसानी के साथ सूरह अस्र की पीडीऍफ़ को डाउनलोड कर सकते है।

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सूरह अस्र की तिलावत सुनें (Surah Asr Tilawat Mp3)

मेरे प्यारे भाइयों और बहनों जैसा की आपने इस पोस्ट में सूरह अस्र को सभी भाषाओं में टेक्स्ट और इमेजेज के जरिये पढ़ा ही होगा।

लेकिन अगर आप सूरह सुनना पसंद करते है, जिससे आपने दिल और दिमाग को आराम मिलता है।

उसके लिये हमने नीचे सूरह अस्र की Mp3 फाइल डाउनलोड करने का लिंक दिया है। यहाँ से आप आसानी के साथ Surah Asr Ki Mp3 को डाउनलोड कर सकते हो।

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सूरह अस्र की तफ़्सीर(Surah Asr Ki Tafseer)

सूरह अस्र ( Surah Wal Asri ) क़ुराने करीम की बहुत मुख़्तसर और छोटी सूरत है लेकिन इमाम शाफ़ई र.अ. ने फ़रमाया कि अगर लोग इसी सूरत को गौर व तदब्बुर के साथ पढ़ लें तो ये उनकी दीन और दुनिया की दुरुस्ती के लिए काफ़ी हो जाये।

इस में अल्लाह ने ज़माने की क़सम खा कर फ़रमाया कि तमाम इंसान घाटे में हैं सिर्फ वो लोग बचे हुए हैं जो इन चार चीज़ों के पाबंद हों ( ईमान, नेक आमाल, दूसरों को हक़ की नसीहत,और सब्र की वसिय्यत)।

सूरह अस्र में चार बहुत ज़रूरी बातों का हुक्म

इस सूरह में अल्लाह तआला ने फ़रमाया कि जिस इंसान की ज़िन्दगी चार बातों से खाली है वो बहुत ही नुकसान में है और इस नुकसान का मतलब आख़िरत का नुक़सान है यानि वो आखिरत में अल्लाह की रहमत से महरूम कर दिए जायेंगे।

1. ईमान: – अगर ईमान न लाये तो बज़ाहिर कितना भी अच्छा अमल कर ले आखिरत में इस का कोई फायदा नहीं |

2. अमले सालेह यानि नेक आमाल: – नेक अमल वो होते हैं जिस का हुक्म अल्लाह ने दिया हो और रसूल स.अ. का तरीका हो अल्लाह को राज़ी करने के लिए किया हो, इन में से एक चीज़ भी न पाई गयी तो चाहे वो देखने में अच्छा मालूम हो लेकिन अल्लाह के यहाँ कुबूल नहीं।

3. हक़ की वसिय्यत: – वसिय्यत के माने ताकीद के साथ किसी बात को ज़िक्र करना, मतलब ये है कि एक दुसरे को हक़ की तरफ़ दावत दी जाये, जो ईमान न लाये हों उनको ईमान की दावत दी जाये और जो नेक अमल न करते हों उनको नेक अमल की दावत दी जाये।

4. सब्र की वसिय्यत: – सब्र की ताकीद करना यानि अल्लाह के हुक्मों को बजा लाने में और अल्लाह की नाफ़रमानी से बचने में जो मुश्किलें और मशक्क़तें हों उनको बर्दाश्त करने की तलकीन करना।

सूरह अस्र के फायदे (Surah Asr Fazilat And Benefits)

1. जो शख्श अपनी रोजाना की नमाजों में सूरह अल-अस्र को पढ़ता है, क़यामत के दिन उसका चेहरा चमक रहा होगा।

2. इस सूरह अस्र की तिलाबत करने वाले मुसीबत मे सब्र करेंगे और अहले हक़ समझे जाएंगे।

3. लोगों के बीच प्यार और सद्भाव बढ़ाने के लिए यह सूरह सबसे अच्छी है सूरह अल-असर की तिलावत करने से सब्र और मजबूती बढ़ती है।

4. सूरह अल-अस्र की तिलावत करने बाला हमें सही काम करने के लिए प्रेरित करता है, धैर्य रखता है और दूसरों के साथ धैर्य रखने की भी सलाह देता है।

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