Surah Balad in Hindi Pdf, Tarjuma | सूरह अल-बलद हिंदी तर्जुमा के साथ

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह अल-बलद (Surah Balad in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है।

जैसे की सूरह बलद हिंदी में तिलावत, सूरह अल-बलद का हिंदी तर्जुमा और सूरह बलद की पीडीऍफ़।

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दोस्तों, सूरह अल-बलद हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम Surah Balad Hindi Mein, से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।

आपको बताते चलें की सूरह का हिंदी में मतलब (Surah Balad Meaning in Hindi) होता है: – “एक शहर“, जो की मक्का मुकर्रमा है।

इस शहर की कसम इस सूरह में ली गयी है और उसी के नाम पर इस सूरह का नाम सूरत अल-बलद है और इसका इंग्लिश में मतलब होता है: – “The City”.

सूरह बलद कुरान करीम के 30वें पारा में मौजूद 90वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।

सूरह का नामसूरह अल-बलद
पारा नंबर30
सूरह नंबर90
कुल आयतें20
कुल शब्द (अलफ़ाज़)82
कुल अक्षर (हर्फ़)342

सूरह अल-बलद हिंदी में | Surah Balad In Hindi Text

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Balad Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह की तिलावत कर सकते हैं।

अऊजुबिल्लाहिमिनशशैतानिररजीम
बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम

1. ला उक्सिमु बिहाज़ल बलद

2. व अंत हिल्लुम बिहाज़ल बलद

3. व वालिदिव वमा वलद

4. लक़द खलक्नल इन्सान फ़ी कबद

5. अयह सबु अल लैय यक्दिरा अलैहि अहद

6. यक़ूलु अहलकतु मालल लु बदा

7. अयह्सबू अल लम य रहू अहद

8. अलम नज अल लहू ऐनैन

9. व लिसानव व शफतैन

10. व हदैनाहून नज्दैन

11. फलक तहमल अ क़बह

12. वमा अद राका मल अ क़बह

13. फक्कु र क़बह

14. अव इत आमून फ़ी यौमिन ज़ी मस्गबह

15. यतीमन ज़ा मक़ रबह

16. अव मिस्कीनन ज़ा मतरबह

17. सुम्मा कान मिनल लज़ीना आमनू व वतवा सौ बिस सबरि व तवा सौ बिल मर हमह

18. उलाइका अस हाबुल मैमनह

19. वल लज़ीना कफरू बि आयातिना हुम असहाबुल मश अमह

20. अलैहिम नारुम मुअ सदह

जैसा की आपने ऊपर सूरह बलद को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Balad Translation in Hindi को भी पढ़ें।

क्यूंकि Surah Balad का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।

क्या आपने सूरह मुल्क की पीडीऍफ़ डाउनलोड की? अगर नहीं तो अभी करें : – सूरह मुल्क हिंदी में pdf

सूरह बलद तर्जुमे के साथ | Surah Balad Ka Tarjuma

बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान निहायत रहम वाला है।

ला उक्सिमु बिहाज़ल बलद
मैं क़सम खाता हूँ इस शहर ( मक्का ) की।

व अंत हिल्लुम बिहाज़ल बलद
कि आप ( हज़रत मुहम्मद सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम ) इसी शहर में रहते हैं।

व वालिदिव वमा वलद
और क़सम है वालिद और उसकी औलाद की।

लक़द खलक्नल इन्सान फ़ी कबद
यक़ीनन इन्सान को हम ने मशक्क़त में डाल कर पैदा किया है।

अयह सबु अल लैय यक्दिरा अलैहि अहद
वो क्या समझता है कि उस पर किसी का बस न चलेगा

यक़ूलु अहलकतु मालल लु बदा
वो कहता है : मैंने ढेरों माल ख़र्च कर डाला है।

अयह्सबू अल लम य रहू अहद
वो क्या समझता है कि उसको किसी ने देखा नहीं।

अलम नज अल लहू ऐनैन
क्या हम ने उसको दो आँखें।

व लिसानव व शफतैन
एक ज़ुबान और दो होंट नहीं दिए।

व हदैनाहून नज्दैन
और हमने उसको दोनों (खैरो शर) के रास्ते दिखा दिए।

फलक तहमल अ क़बह
मगर उस से ये न हो सका कि घाटी में दाख़िल हो।

वमा अद राका मल अ क़बह
और आपको मालूम है कि घाटी क्या है।

फक्कु र क़बह
किसी की गर्दन (गुलामी से) छुड़ाना।

अव इत आमून फ़ी यौमिन ज़ी मस्गबह
या भूक के दिनों में खाना खिलाना।

यतीमन ज़ा मक़ रबह
ऐसे यतीम को जो रिश्तेदार भी है।

अव मिस्कीनन ज़ा मतरबह
या ऐसे मिस्कीन को जो धुल में अटा हुआ हो।

सुम्मा कान मिनल लज़ीना आमनू व वतवा सौ बिस सबरि व तवा सौ बिल मर हमह
फिर वो उन लोगों में शामिल हुआ जो ईमान लाये हैं, और जिन्होंने एक दुसरे को साबित क़दमी की ताकीद की है और एक दुसरे को रहम खाने की ताकीद की है।

उलाइका अस हाबुल मैमनह
यही वो लोग हैं जो दाहिनी तरफ वाले (बड़े नसीबे वाले) हैं।

वल लज़ीना कफरू बि आयातिना हुम असहाबुल मश अमह
और जिन लोगों ने हमारी आयतों का इनकार किया वो दाहिनी तरफ़ वाले (नहूसत वाले लोग) हैं।

अलैहिम नारुम मुअ सदह
उन पर ऐसी आग मुसल्लत की जाएगी जो उन पर बंद कर दी जाएगी।

सूरह बलद इमेज | Surah Al-Balad Hindi Image

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सूरह अश-बलद पीडीऍफ़ | Surah Al-Balad Pdf

दोस्तों जैसा की आपने सूरह balad को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह बलद का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।

लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह बलद की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Balad Pdf Download कर सकते हैं।

सूरह अल-बलद अरबी में | Surah Balad In Arabic

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

1. لَا أُقْسِمُ بِهَٰذَا الْبَلَدِ

2. وَأَنْتَ حِلٌّ بِهَٰذَا الْبَلَدِ

3. وَوَالِدٍ وَمَا وَلَدَ

4. لَقَدْ خَلَقْنَا الْإِنْسَانَ فِي كَبَدٍ

5. أَيَحْسَبُ أَنْ لَنْ يَقْدِرَ عَلَيْهِ أَحَدٌ

6. يَقُولُ أَهْلَكْتُ مَالًا لُبَدًا

7. أَيَحْسَبُ أَنْ لَمْ يَرَهُ أَحَدٌ

8. أَلَمْ نَجْعَلْ لَهُ عَيْنَيْنِ

9. وَلِسَانًا وَشَفَتَيْنِ

10. وَهَدَيْنَاهُ النَّجْدَيْنِ

11. فَلَا اقْتَحَمَ الْعَقَبَةَ

12. وَمَا أَدْرَاكَ مَا الْعَقَبَةُ

13. فَكُّ رَقَبَةٍ

14. أَوْ إِطْعَامٌ فِي يَوْمٍ ذِي مَسْغَبَةٍ

15. يَتِيمًا ذَا مَقْرَبَةٍ

16. أَوْ مِسْكِينًا ذَا مَتْرَبَةٍ

17. ثُمَّ كَانَ مِنَ الَّذِينَ آمَنُوا وَتَوَاصَوْا بِالصَّبْرِ وَتَوَاصَوْا بِالْمَرْحَمَةِ

18. أُولَٰئِكَ أَصْحَابُ الْمَيْمَنَةِ

19. وَالَّذِينَ كَفَرُوا بِآيَاتِنَا هُمْ أَصْحَابُ الْمَشْأَمَةِ

20. عَلَيْهِمْ نَارٌ مُؤْصَدَةٌ

सूरह ला उक्सिमु बिहाज़ल बलद अरबी इमेज

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सूरह अल-बलद की ऑडियो | Surah Balad Mp3

दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह बलद को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह अल-बलद की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।

अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah Al-Balad Mp3 में डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

सूरह अल-बलद की मुख़्तसर तफसीर

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह बलद की मुख़्तसर तफसीर हिंदी में मौजूद करायी है, आप इसे जरूर पढ़ें।

ये सूरह कब नाज़िल हुई?

ये सूरह मक्का मुकर्रमा में, जब हज़रत मुहम्मद (सल्लल लाहु अलैहि वसल्लम) वहां मौजूद थे तब नाज़िल हुई और ईमान वाले उस वक़्त बहुत ही मशक्क़त और मुश्किल के साथ ज़िन्दगी गुज़ार रहे थे।

📜 आयत न. 1 से 3 : – अल्लाह तआला ने इन आयतों में एक शहर यानि मक्का मुकर्रमा की क़सम खायी है और साथ ही साथ वालिद व औलाद की भी क़सम खायी है जिस में वालिद से मतलब हज़रत आदम (अलैहिस सलाम) और औलाद का मतलब तमाम इन्सान से है।

📜 आयत न. 4 से 5 : – इन आयतों में अल्लाह ने क़सम खाने के बाद फ़रमाया है कि इन्सान को अपनी ज़िन्दगी में तकलीफों और मश्क्क़तों का सामना और उनको बर्दाश्त करना ही पड़ता है।

इंसानों को कमाने की दुशवारियां, हादसे और बीमारियाँ, फिर आख़िर में मौत की तकलीफ़ से गुज़रना होता है, लेकिन फिर भी इंसानों की ग़लतफ़हमी का ये हाल है कि वो समझता है कि उस पर किसी का ज़ोर नहीं चलेगा, वो आज़ाद है और अल्लाह की क़ुदरत से बाहर है।

📜 आयत न. 6 : – मक्का में कुछ काफिर ऐसे थे जो आपस में दिखावे के तौर पर कहते थे कि हमने ढेर सारी दौलत ख़र्च कर रखी है और ये उस दौलत के बारे में कहते थे जो उन्होंने नबी मुहम्मद स.अ. कि मुखालिफ़त में ख़र्च की थी।

📜 आयत न. 7 : – इस आयत में फरमाया है की जो कुछ ख़र्च किया दिखावे के लिए किया फिर उस पर फ़ख्र कैसा? क्या अल्लाह त आला देख नहीं रहे थे कि दौलत किस मक़सद के लिए ख़र्च कर रहा है।

📜 आयत न. 8 और 9 : – इन आयातों में इरशाद फ़रमाया है कि बड़ी ताक़त वाले घमंड से कहते थे कि क्या हमारा कोई कुछ बिगाड़ सकता है बल्कि अल्लाह तआला फरमाते है कि जिस ने आँखें, होंट दिए क्या वो ख़ुद नहीं देखेगा।

📜 आयत न. 10 : – इन्सान को अल्लाह ने नेकी और बदी दोनों रास्ते दिखाए हैं और इख्तियार दिया है कि अपनी मर्ज़ी से जो चाहो पसंद कर सकते हो लेकिन बदी का रास्ता चुनोगे तो सज़ा मिलकर रहेगी।

📜 आयत न. 11 : – घाटी दो पहाड़ों के दरमियान रास्ते को कहते हैं और ऐसे रास्ते को आम तौर पर जंग के दौरान दुश्मन से बचने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

और यहाँ घाटी में दाखिल होने का मतलब सवाब के काम करना है, उन को घाटी में दाखिल होना इसलिए कहा गया है कि ये इन्सान को अल्लाह तआला के अज़ाब से बचाने में मदद करते हैं।

📜 आयत न. 12 से 16 : – फिर घाटी का मतलब बताया जा रहा कि घाटी क्या है यानि वो तरीक़ा क्या है जो अल्लाह के अज़ाब से बचने में मदद करते हैं।

(1) गर्दनों को छुड़ाना यानि गुलाम आज़ाद कराना इस में मुसलमान और ग़ैर मुसलमान दोनों शामिल हैं, आज कल बेक़सूर क़ैदियों को रिहा कराना भी इसमें शामिल है।

(2) रिश्तेदार यतीम और भूके को खाना खिलाना, किसी यतीम की ज़रुरत पूरी करना वैसे ही अफज़ल काम है, और अगर वो रिश्तेदार हो तो उसके साथ हुस्ने सुलूक और भी ज़्यादा ज़रूरी है।

(3) ऐसा ग़रीब शख्स जो धुल और मिटटी में अटा हो का मतलब है कि वो इतना ग़रीब हो कि उसके पास रहने के लिए घर तक न हो उसकी मदद करना।

जिस ने ऐसा किया वो घाटी में दाखिल हो गया यानि अल्लाह के अज़ाब से बच गया

📜 आयत न. 17 : – ग़रीबों के साथ अच्छा सुलूक आख़िरत में तभी बचा सकेगा जब तू ईमान आये और एक दुसरे को सब्र करने और शफ़क़त करने की तलकीन करे

📜 आयत न. 18 : – दाहिनी तरफ वालों का मतलब जन्नत वाले हैं और वो लोग हैं जिनका आमालनामा दायें हाथ में दिया जायेगा।

📜 आयत न. 19 : – बाएं तरफ वाले से मुराद दोज़खी हैं जिनका आमालनामा बाएं हाथ में दिया जायेगा।

📜 आयत न. 20 : – यानि उन्हें दोज़ख़ में झोंक कर दरवाज़ा बंद कर दिया जायेगा।

अल्लाह हम सबकी हिफ़ाज़त फरमाए।

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