Surah Bayyinah in Hindi Pdf | सूरह अल-बय्यिनह हिंदी में तर्जुमा के साथ

प्यारे साथियों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह अल-बय्यिना से जुड़ी सारी जानकारी हिंदी में मौजूद करायी है।

जैसे की सूरह बय्यिनाह हिंदी में तिलावत (Surah Bayyinah in Hindi), सूरह बय्यिना का तर्जुमा और सूरह बय्यिना की हिंदी पीडीऍफ़। उम्मीद है आपको पोस्ट पसंद आएगी।

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दोस्तों Surah Al-Bayyinah Hindi Mein शुरू करने से पहले हम सूरह बय्यिना के बारे में कुछ बातें जान लेते है।

Surah Al-Bayyinah, मदनी सूरह है और इसमें 8 आयतें हैं। कुरान में यह सूरह बय्यिनाह के नाम से 30वें पारा में मौजूद है। यह Surah Bayyinah 98वीं सूरह है।

सूरह bayyinah का हिंदी मतलब होता है: – “सबूत, बाजह निशानी और सच्चाई का सबूत” और इस सूरह का इंग्लिश मतलब होता है: – “Evidence, The Proof, The Clear Sign, The Evidence of the Truth.”

सूरह का नामसूरह अल-बय्यिनाह
पारा नंबर30
सूरह नंबर98
कुल आयतें8

सूरह बय्यिनह हिंदी में (Surah Bayyinah in Hindi Text)

दोस्तों हमने आपके लिए सूरह बय्यिनह को हिंदी में नीचे मौजूद कराया है, जिसे पढ़कर आप इस सूरह की तिलावत हिंदी में आसानी के साथ कर सकते हैं।

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम

1. लम यकुनिल लज़ीना कफरू मिन अहलिल किताबि वल मुशरिकीना मुन्फक कीना हत्ता तअ’ति यहुमुल बय्यिनह

2. रसूलुम मिनल लाहि यत्लू सुहुफ़म मुतह हरह

3. फ़ीहा कुतुबुन क़य्यिमह

4. वमा तफर रक़ल लज़ीना ऊतुल किताबा इल्ला मिम ब’अदि मा जा अत्हुमुल बय्यिनह

5. वमा उमिरू इल्ला लियअ’बुदुल लाहा मुखलिसीना लहुद दीन हुनाफ़ा अ वयुक़ीमुस सलाता व युअ’तुज़ ज़काता व ज़ालिका दीनुल क़य्यिमह

6. इन्नल लज़ीना कफरू मिन अहलिल किताबि वल मुशरिकीना फ़ी नारि जहन्नमा खालिदीना फ़ीहा उलाइका हुम शररुल बरिय्यह

7. इन्नल लज़ीना आमनू अमिलुस सालिहाति उलाइका हुम खैरुल बरिय्यह

8. जज़ाउहुम इन्दा रब्बिहिम जन्नातु अदनिन तजरी मिन तहतिहल अन्हारु खालिदीना फ़ीहा अबदा रज़ियल लाहू अन्हुम वरजू अन्ह ज़ालिका लिमन खशिया रब्बह

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तो ये थी हमारी Surah Bayyinah Hindi Mein. आपको इस सूरह का तर्जुमा भी जरूर पढ़ना चाहिए, जिससे की आप अल्लाह के पैगाम को समझ सकें।

नीचे हमने आपके लिए सूरह बय्यिना का हिंदी तर्जुमा मौजूद कराया है। जरूर पढ़ें।

सूरह बय्यिना हिंदी तर्जुमा (Surah Bayyinah ka Hindi Tarjuma)

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।

लम यकुनिल लज़ीना कफरू मिन अहलिल किताबि वल मुशरिकीना मुन्फक कीना हत्ता तअ’ति यहुमुल बय्यिनह
मुशरिकीन और अहले किताब में जो काफ़िर थे और उस वक़्त वो अपने दिन को छोड़ने वाले नहीं थे जब तक उन के पास कोई खुली दलील न आ जाती।

वह अल्लाह के आखिरी नबी हमारे आका हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैही व आलीही वसल्लम का इंतजार कर रहे थे, कि वो आयें और वह लोग दिन लायें ।

रसूलुम मिनल लाहि यत्लू सुहुफ़म मुतह हरह
काफिर और मुशरीक अल्लाह पाक की तरफ़ से एक ऐसे रसूल के इन्तजार में थे, जो पाक सहीफे पढ़ कर सुनाये।

फ़ीहा कुतुबुन क़य्यिमह
वो आसमानी किताब जिसमें दुरुस्त और अच्छे अहकाम लिखे हुए हों।

वमा तफर रक़ल लज़ीना ऊतुल किताबा इल्ला मिम ब’अदि मा जा अत्हुमुल बय्यिनह
अहले किताब तो बिना किसी दलील के बात ही नहीं करते थे, और उन्होंने अलग रास्ता उसके बाद ही इख्तियार किया जब उनके पास खुली दलील आ गयी।

वमा उमिरू इल्ला लियअ’बुदुल लाहा मुखलिसीना लहुद दीन हुनाफ़ा अ वयुक़ीमुस सलाता व युअ’तुज़ ज़काता व ज़ालिका दीनुल क़य्यिमह
जब कि अहले किताब को सिर्फ यहि हुक्म दिया गया था कि वो एक अल्लाह की बंदगी करें और दिन (इस्लाम) को उसके लिए खालिस करके करें और नमाज़ क़ायम करें और ज़कात अदा करें और सही मिल्लत का यही दीन है।

इन्नल लज़ीना कफरू मिन अहलिल किताबि वल मुशरिकीना फ़ी नारि जहन्नमा खालिदीना फ़ीहा उलाइका हुम शररुल बरिय्यह
अहले किताब और मुशरिकीन में से जो ईमान नहीं लाये है, वो हमेशा हमेशा जहन्नुम की आग में जलते रहेंगे यही लोग सब से बदतर मख्लूक़ माने जायेंगे।

इन्नल लज़ीना आमनू अमिलुस सालिहाति उलाइका हुम खैरुल बरिय्यह
और हाँ बेशक जो लोग ईमान लाये है और उन्होंने नेक काम नेक अमल किये, वही सब से बेहतर मख्लूक़ हैं।

जज़ाउहुम इन्दा रब्बिहिम जन्नातु अदनिन तजरी मिन तहतिहल अन्हारु खालिदीना फ़ीहा अबदा रज़ियल लाहू अन्हुम वरजू अन्ह ज़ालिका लिमन खशिया रब्बह
उनका इनाम अल्लाह के पास है, वो जन्नत में हमेशा बसे रहेंगे, जहां खूबसूरत बगीचे है, जिसके नीचे नदियां बहती है।
ये सब उनको इसलिए मिला क्यूंकि अल्लाह उनसे खुश हैं और वो अल्लाह से खुश रहेंगे, लेकिन ये सब उसी के लिए है, जो अपने रब से डरता है।

सूरह बय्यिना पीडीऍफ़ (Surah Bayyinah in Hindi Pdf)

मेरे प्यारे दीनी भाइयों और बहनों जैसा की आपने ऊपर सूरह बय्यिनाह को हिंदी में तर्जुमा के साथ पढ़ा ही होगा। साथ ही साथ आपने Surah Al-Bayyinah की Hindi Image भी देखी होंगी।

यहाँ हमने Surah Al-Bayyinah Pdf in Hindi उपलब्ध करायी है आप आसानी के साथ सूरह बय्यिनाह की पीडीऍफ़ को डाउनलोड कर सकते है।

सूरह बय्यिनह अरबी में

بِسْمِ ٱللَّهِ ٱلرَّحْمَٰنِ ٱلرَّحِيمِ‎

لَمْ يَكُنِ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ مِنْ أَهْلِ ٱلْكِتَٰبِ وَٱلْمُشْرِكِينَ مُنفَكِّينَ حَتَّىٰ تَأْتِيَهُمُ ٱلْبَيِّنَةُ

رَسُولٌ مِّنَ ٱللَّهِ يَتْلُوا۟ صُحُفًا مُّطَهَّرَةً

فِيهَا كُتُبٌ قَيِّمَةٌ

وَمَا تَفَرَّقَ ٱلَّذِينَ أُوتُوا۟ ٱلْكِتَٰبَ إِلَّا مِنۢ بَعْدِ مَا جَآءَتْهُمُ ٱلْبَيِّنَةُ

وَمَآ أُمِرُوٓا۟ إِلَّا لِيَعْبُدُوا۟ ٱللَّهَ مُخْلِصِينَ لَهُ ٱلدِّينَ حُنَفَآءَ وَيُقِيمُوا۟ ٱلصَّلَوٰةَ وَيُؤْتُوا۟ ٱلزَّكَوٰةَ وَذَٰلِكَ دِينُ ٱلْقَيِّمَةِ

إِنَّ ٱلَّذِينَ كَفَرُوا۟ مِنْ أَهْلِ ٱلْكِتَٰبِ وَٱلْمُشْرِكِينَ فِى نَارِ جَهَنَّمَ خَٰلِدِينَ فِيهَآ أُو۟لَٰٓئِكَ هُمْ شَرُّ ٱلْبَرِيَّةِ

إِنَّ ٱلَّذِينَ ءَامَنُوا۟ وَعَمِلُوا۟ ٱلصَّٰلِحَٰتِ أُو۟لَٰٓئِكَ هُمْ خَيْرُ ٱلْبَرِيَّةِ

جَزَآؤُهُمْ عِندَ رَبِّهِمْ جَنَّٰتُ عَدْنٍ تَجْرِى مِن تَحْتِهَا ٱلْأَنْهَٰرُ خَٰلِدِينَ فِيهَآ أَبَدًا رَّضِىَ ٱللَّهُ عَنْهُمْ وَرَضُوا۟ عَنْهُ ذَٰلِكَ لِمَنْ خَشِىَ رَبَّهُۥ

Surah Al-Bayyinah Mp3 File Download

मेरे प्यारे भाइयों और बहनों जैसा की आपने इस पोस्ट में सूरह बय्यिनाह को सभी भाषाओं में टेक्स्ट और इमेजेज के जरिये पढ़ा ही होगा।

लेकिन अगर आप सूरह सुनना पसंद करते है, जिससे आपने दिल और दिमाग को आराम मिलता है।

उसके लिये हमने नीचे सूरह बय्यिनाह की Mp3 फाइल डाउनलोड करने का लिंक दिया है। यहाँ से आप आसानी के साथ Surah Bayyinah Ki Mp3 को डाउनलोड कर सकते हो।

सूरह बय्यिनाह की मुख़्तसर तफसीर

1 से 4 आयतों में हुज़ूर स.अ. को पैग़म्बर बना कर भेजने की वजह बताई जा रही है और वो ये कि जाहिलियत के ज़माने में जो लोग काफ़िर थे, चाहे वो अहले किताब में से हों या बुत परस्तों में से, वो उस वक़्त तक अपने कुफ्र से बाज़ नहीं आ सकते थे।

जब तक नबी स.अ. की शक्ल में एक रौशन दलील उनके सामने न आ जाती, तो ये देखकर जिन लोगों ने प्यारे नबीरसुल्लुल्लाह सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम की बातों पर खुले दिल से गौर किया वो वाक़ई अपने कुफ्र से तौबा करके ईमान ले आये।

लेकिन जिन की तबियत में ज़िद और खुदगर्जी थी वो इस नेअमत से महरूम रहे।

सुहुफ़ का मतलब :- क़ुरआन मजीद है।

मुतह हरह का मतलब: – यानि जो शक शुबहा और ग़लत बयानी से पाक हो यानि एक अल्लाह का रसूल जो पाक सहीफे पढ़ कर सुनाये।

5 नंबर आयत: – नमाज़ कायम करें और ज़कात दें यही अस्ल दीन है जो शुरू से चला आ रहा है और इसी बात की तालीम मुहम्मद स.अ. भी देते हैं। ये बात इस हकीकत को समझाने के लिए काफ़ी थी कि आप स.अ. का नबी होना बरहक़ है।

6 नंबर आयत: – यक़ीनन अहले किताब और और मुशरिकीन में से जिन्होंने अपना कुफ्र अपना लिया वो जहन्नम की आग में जायेंगे जहाँ वो हमेशा रहेंगे, और ये लोग सारी मख्लूक़ में सब से बुरे क़रार दिए गए हैं।

7 नंबर आयत: – और नेक अमल करने वालों को सब से बेहतर मख्लूक़ बताया गया, इस से पता चला कि इंसान को अपनी अस्ल के एतबार से फरिश्तों पर भी फ़ज़ीलत है।

8 नंबर आयत: – अल्लाह तआला बन्दों के आमाल से खुश होंगे और बन्दे अल्लाह तआला के अता किये गए अजरो सवाब से खुश होंगे।

सूरह अल-बय्यिनह फायदे (Surah Bayyinah ki Fazilat)

जैसा कि हम जानते हैं कि कुरान मजीद में मौजूद हर हर्फ़ के माने और फायदे हैं, कुरान मजीद में हर बीमारी का इलाज है, हर मुश्किल की वजह और उससे बाहर निकलने का तरीका मौजूद हैं।

इसी तरह Surah bayyinah की भी फज़ीलतें हैं, आइए अब हम Surah bayyinah ki fazilat देख लेते हैं।

🤲 No 1. अगर किसी शख्स को पीलिया हो गया है, तो रोज Surah al bayyinah को सात मर्तबा पढ़ कर पानी में दम करके पी ले तो उसका पीलिया खत्म हो जाएगा।

🤲 No 2. हाजत कुबूल होगी – अगर कोई काम आपका नहीं हो पा रहा या कोई परेशानी से आप मुकतला है, तो आप 21 मर्तबा surah bayyinah की तीलावत करें और अल्लाह से दुआ मांगे इंशाअल्लाह आपकी हाजत पूरी होगी।

🤲 No 3. जो शख्स रोज़ाना 21 मर्तबा सूरह बय्यिना पढ़ेगा और अल्लाह से अपनी इलाके में या खानदान में इज्जत मिले इसकी दुआ करेगा तो उसकी इज्जत बढ़ जाएगी।

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