Surah Buruj in Hindi Tarjuma, Pdf | सूरह अल-बुरूज हिंदी में तर्जुमा संग

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह अल-बुरूज (Surah Burooj in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है,

जैसे की सूरह बुरूज हिंदी में, सूरह अल-बुरूज का हिंदी तर्जुमा और सूरह बुरूज की पीडीऍफ़।

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दोस्तों, सूरह अल-बुरूज हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।

आपको बताते चलें की Surah Burooj का हिंदी मतलब है: – “तारा” और इसका इंग्लिश में मतलब होता है: – “The Great Star”.

सूरह बुरूज कुरान करीम के 30वें पारा में मौजूद 85वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।

सूरह का नामसूरह अल-बुरूज
पारा नंबर30
सूरह नंबर85
कुल आयतें22
कुल शब्द (अलफ़ाज़)109
कुल अक्षर (हर्फ़)469

सूरह बुरूज हिंदी में | Surah Burooj In Hindi Text

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह बुरूज को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Burooj Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह बुरूज की तिलावत कर सकते हैं।

अऊजुबिल्लाहिमिनशशैतानिररजीम
बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम

1. वस समाइ ज़ातिल बुरूज

2. वल यौमिल मौऊद

3. वशा हिदिव व मशहूद

4. क़ुतिला अस हाबुल उख्दूद

5. अन्नारि ज़ातिल वक़ूद

6. इज़ हुम अलैहा क़ुऊद

7. वहुम अला मा यफ़ अलूना बिल मुअ’मिनीना शुहूद

8. वमा नक़मू मिन्हुम इल्ला अय युअ’मिनू बिल लाहिल अज़ीज़िल हमीद

9. अल्लज़ी लहू मुल्कुस सामावति वल अर्द, वल लाहु अला कुल्लि शैइन शहीद

10. इन्नल लज़ीना फ़-तनुल मुअ’मिनीन वल मुअ’मिनाति सुम्म लम यतूबू फ़ लहुम अज़ाबू जहान्नमा व लहुम अजाबुल हरीक़

11. इन्नल लज़ीना आमनू व अमिलुस सलिहाति लहुम जन्नातुन तजरी मिन तहतिहल अन्हार, ज़ालिकल फौज़ुल कबीर

12. इन्ना बत्शा रब्बिका ल-शदीद

13. इन्नहू हुवा युब्दिउ व युईद

14. व हुवल ग़फूरुल वदूद

15. जुल अरशिल मजीद

16. फ़अ आलुल लिमा युरीद

17. हल अताका हदीसुल जुनूद

18. फ़िरऔना व समूद

19. बलिल लज़ीना कफ़रू फ़ी तकज़ीब

20. वल लाहु मिव वराइहिम मुहीत

21. बल हुवा क़ुरआनुम मजीद

22. फ़ी लौहिम महफूज़

जैसा की आपने ऊपर सूरह बुरूज को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Burooj Translation in Hindi को भी पढ़ें।

क्यूंकि Surah Burooj का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।

सूरह बुरूज का तर्जुमा | Surah Buruj Ka Tarjuma

बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान निहायत रहम वाला है।

वस समाइ ज़ातिल बुरूज
क़सम है बुर्जों वाले आसमान की

वल यौमिल मौऊद
और उस दिन की, जिस दिन का वादा किया गया है

वशा हिदिव व मशहूद
और मुशाहदा करने वाले की, और उसकी जिसका मुशाहदा किया जायेगा

क़ुतिला अस हाबुल उख्दूद
कि ख़ुदा की मार हो उन खंदक खोदने वालों पर

अन्नारि ज़ातिल वक़ूद
उस आग वालों पर जो ईंधन से भरी हुई थी

इज़ हुम अलैहा क़ुऊद
जब वो उस के पास बैठे हुए थे

वहुम अला मा यफ़ अलूना बिल मुअ’मिनीना शुहूद
और जो कुछ वो मुसलमानों के साथ कर रहे थे, वो उस को देख भी रहे थे

वमा नक़मू मिन्हुम इल्ला अय युअ’मिनू बिल लाहिल अज़ीज़िल हमीद
वो मुसलमानों को किसी और बात की नहीं, सिर्फ़ इस बात की सज़ा दे रहे थे कि वो उस अल्लाह पर ईमान रखते थे जो ग़ालिब और बड़ी ख़ूबियों वाले हैं

अल्लज़ी लहू मुल्कुस सामावति वल अर्द, वल लाहु अला कुल्लि शैइन शहीद
जिस के क़ब्ज़े में सारे आसमान और ज़मीन की सल्तनत है और अल्लाह हर चीज़ को देख रहा है

इन्नल लज़ीना फ़-तनुल मुअ’मिनीन वल मुअ’मिनाति सुम्म लम यतूबू फ़ लहुम अज़ाबू जहान्नमा व लहुम अजाबुल हरीक़
इस में कोई शक नहीं कि जिन लोगों ने मुसलमान मर्दों और औरतों को तकलीफ़ें दीं फिर तौबा नहीं की, तो उन लोगों के लिए जहन्नम का अज़ाब और जलने की सज़ा है

इन्नल लज़ीना आमनू व अमिलुस सलिहाति लहुम जन्नातुन तजरी मिन तहतिहल अन्हार, ज़ालिकल फौज़ुल कबीर
यक़ीनन जो लोग ईमान लाये और उन्होंने नेक अमल किये, उन के लिए (जन्नत में ) ऐसे बाग़ात हैं जिन के नीचे नहरें जारी होंगी, यही है बड़ी कामयाबी

इन्ना बत्शा रब्बिका ल-शदीद
हक़ीक़त ये है कि तुम्हारे परवरदिगार की पकड़ बहुत सख्त है

इन्नहू हुवा युब्दिउ व युईद
वही पहली मर्तबा पैदा करता है और वही दोबारा पैदा करेगा

व हुवल ग़फूरुल वदूद
और वो बहुत बख्शने वाला बहुत मुहब्बत करने वाला है

जुल अरशिल मजीद
अर्श का मालिक है बुज़ुर्गी वाला है

फ़अ आलुल लिमा युरीद
जो कुछ इरादा करता है कर गुज़रता है

हल अताका हदीसुल जुनूद
क्या तुम्हारे पास उन लश्करों की ख़बर पहुंची है

फ़िरऔना व समूद
फ़िर औन और समूद के ( लश्करों ) की ?

बलिल लज़ीना कफ़रू फ़ी तकज़ीब
इसके बावुजूद काफ़िर लोग हक़ को झुटलाने में लगे हुए हैं

वल लाहु मिव वराइहिम मुहीत
जबकि अल्लाह ने उनको घेरे में लिया हुआ है

बल हुवा क़ुरआनुम मजीद
(उनके झुटलाने से क़ुरान पर कोई असर नहीं पड़ता) बल्कि ये बड़ी अज़मत वाला क़ुरान है

फ़ी लौहिम महफूज़
जो लौहे महफूज़ में दर्ज है

सूरह अल-बुरूज इमेज | Surah Al-Buruj Hindi Image

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सूरह बुरूज पीडीऍफ़ | Surah Burooj Hindi Pdf

दोस्तों जैसा की आपने सूरह बुरूज को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह बुरूज का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।

लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह बुरूज की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का बटन दिया है।

आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Burooj in Hindi Pdf Download कर सकते हैं।

सूरह अल-बुरूज अरबी में | Surah Burooj In Arabic

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

(1) وَالسَّمَاءِ ذَاتِ الْبُرُوجِ
(2) وَالْيَوْمِ الْمَوْعُودِ
(3) وَشَاهِدٍ وَمَشْهُودٍ
(4) قُتِلَ أَصْحَابُ الْأُخْدُودِ
(5) النَّارِ ذَاتِ الْوَقُودِ
(6) إِذْ هُمْ عَلَيْهَا قُعُودٌ
(7) وَهُمْ عَلَىٰ مَا يَفْعَلُونَ بِالْمُؤْمِنِينَ شُهُودٌ
(8) وَمَا نَقَمُوا مِنْهُمْ إِلَّا أَنْ يُؤْمِنُوا بِاللَّهِ الْعَزِيزِ الْحَمِيدِ
(9) الَّذِي لَهُ مُلْكُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ وَاللَّهُ عَلَىٰ كُلِّ شَيْءٍ شَهِيدٌ
(10) إِنَّ الَّذِينَ فَتَنُوا الْمُؤْمِنِينَ وَالْمُؤْمِنَاتِ ثُمَّ لَمْ يَتُوبُوا فَلَهُمْ عَذَابُ جَهَنَّمَ وَلَهُمْ عَذَابُ الْحَرِيقِ
(11) إِنَّ الَّذِينَ آمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ لَهُمْ جَنَّاتٌ تَجْرِي مِنْ تَحْتِهَا الْأَنْهَارُ ۚ ذَٰلِكَ الْفَوْزُ الْكَبِيرُ
(12) إِنَّ بَطْشَ رَبِّكَ لَشَدِيدٌ
(13) إِنَّهُ هُوَ يُبْدِئُ وَيُعِيدُ
(14) وَهُوَ الْغَفُورُ الْوَدُودُ
(15) ذُو الْعَرْشِ الْمَجِيدُ
(16) فَعَّالٌ لِمَا يُرِيدُ
(17) هَلْ أَتَاكَ حَدِيثُ الْجُنُودِ
(18) فِرْعَوْنَ وَثَمُودَ
(19) بَلِ الَّذِينَ كَفَرُوا فِي تَكْذِيبٍ
(20) وَاللَّهُ مِنْ وَرَائِهِمْ مُحِيطٌ
(21) بَلْ هُوَ قُرْآنٌ مَجِيدٌ
(22) فِي لَوْحٍ مَحْفُوظٍ

वस समाइ ज़ातिल बुरूज सूरह अरबी इमेज

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सूरह बुरूज की ऑडियो | Surah Al-Burooj Mp3

दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह बुरूज को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह बुरूज की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।

अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah At-Burooj Mp3 डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

सूरह बुरूज की तफसीर | Surah Burooj Hindi Tafseer

आयत न. 1:- इस आयत में अल्लाह ने बुर्जों वाले आसमान की क़सम खायी है।

आयत न. 2:- यानि क़यामत का दिन।

आयत न. 3:- वोह रोजे कि़यामत है।

आयत न. 4 :- मुराद इस से रोजे जुमुआ़ है जैसा कि हदीस शरीफ़ में है।

आयत न. 5:- आदमी और फ़रिश्ते, मुराद इस से रोजे अरफ़ा है।

आयत न. 6:- यहाँ मुसलमानों को सज़ा देने के लिए खंदक खोदने वालों पर लानत की गयी है और एक वाक़िये की तरफ़ इशारा किया गया है जो हदीस की किताब मुस्लिम शरीफ़ में मौजूद है वो वाकिया ये है।

एक नेक अल्लाह के बन्दे का हैरतअंगेज वाकिया

पहले ज़माने में एक बादशाह किसी जादूगर से काम लिया करता था, जब उस बादशाह का वो जादूगर बूढ़ा होने लगा तो उसने बादशाह से कहा : किसी नौजवान को मेरे पास भेज दिया कीजिये ताकि मैं उसको अपना जादू सिखा दिया करूँ।

इस पर बादशाह ने एक लड़के को भेजना शुरू किया और वह लड़का जादू सीखने लगा। उस लड़के के रास्ते में एक खुदा परस्त ईमान वाले इन्सान का घर पड़ता था। वो लड़का उस के पास भी बैठने लगा। धीरे-धीरे उस राहिब का कलाम उस लड़के के दिल नशीन होता गया और आखिर वो लड़का भी ईमान ले आया।

एक रोज़ वो लड़का कहीं जा रहा था तो रास्ते में उसने किसी जानवर को देखा कि वो रास्ता रोके हुए है और लोग उससे परेशान हैं उस लड़के ने एक पत्थर उठाया और ये कहते हुए उस जानवर को मारा “अगर वो ख़ुदा का बंदा ( जिस के पास वो बैठा करता था ) हक़ पर है और सच्चा है तो रास्ता साफ़ हो जाये।”

वो पत्थर उस जानवर के लगा और वह जानवर उस के पथ्थर से मर गया।

उस लड़के की इस करामत की लोगों में खूब चर्चा हुई। बादशाह का एक मुसाहिब नाबीना हो गया था वोह आया आकर उस से कहा : मुझे ठीक कर दो।

तो लड़के ने कहा “ मैं ठीक करने वाला नहीं हूँ ये काम अल्लाह का है, अगर तुम ईमान ले आओ तो मैं दुआ कर दूं।” उसने शर्त मान ली तो लड़के ने दुआ की और लड़के ने दुआ की वोह अच्छा हो गया और अल्लाह तआला पर ईमान ले आया और बादशाह के दरबार में पहुंचा।

बादशाह ने कहा : तुझे किस ने अच्छा किया ? कहा : मेरे रब ने । बादशाह ने कहा : मेरे सिवा और भी कोई रब है ! यह कह कर बादशाह ने उस पर सख्तियां शुरू की यहां तक कि उसने लड़के का पता बताया, लड़के पर सख़्तियां कीं, तो राहिब का पता बताया।

बादशाह ने तीनों (लड़का, खुदा परस्त इन्सान, नाबीना) को इकठ्ठा किया और उन से कहा “ तुम अपने ईमान से फिर जाओ।”

वो लोग नहीं माने तो उस लड़के के सामने ही खुदा परस्त इन्सान और नाबीना को आरे से चिरवा दिया और लड़के के बारे में अपने सिपाहियों को हुक्म दिया कि इसको पहाड़ पर लेजा कर नीचे फेंक दिया जाये।

जब सिपाही उसको लेकर पहाड़ पर गए तो लड़के ने दुआ की, एक ज़लज़ला आया और वो लोग खुद नीचे गिर गए और अल्लाह के कहर से हलाक हो गए और लड़का सही सलामत वापस आ गया।

फिर बादशाह ने हुक्म दिया कि इसको दरिया में डुबो दिया जाये। वहां भी पहले ही जैसा हाल हुआ जाने वाले डूब गए और लड़का ठीक ठाक वापस आ गया।

आखिर लड़के ने बादशाह से कहा ,तुम अगर मुझे मारना ही चाहते हो तो उसका एक ही तरीक़ा है, वो ये है कि तुम सबको मैदान में एक जगह इकठ्ठा करो, और सबके सामने मुझे खजूर के ढुन्ड (सूखे तने) पर सूली दे, और ये कहकर तीर मार दो “बिस्मि रब्बि हाज़ल ग़ुलाम” ( ” بِاسْمِ اللَّهِ رَبِّ الْغُلَامِ ” ) (इस लड़के के रब के नाम से) तो मैं मर जाऊँगा।

बादशाह ने यही किया और वो लड़का आख़िरकार शहीद हुआ, जब ये मन्ज़र एक बड़ी तादाद के सामने हुआ तो बहुत सारे लोग अल्लाह पर ईमान ले आए।

बादशाह ने गुस्से में आकर बड़ी बड़ी ख़न्दकें खुद्वायीं और उन में आग भड़काई और कहा “जो दीन से न फिरे उसे इस आग डाल दिया जायेगा।”

लोग उस आग में डाले जाने लगे लेकिन इस्लाम से नहीं फिरते थे।

यहाँ तक कि एक मुसलमान औरत लायी गयी उसकी गोद में बच्चा था। औरत कूदने में थोड़ा सा हिचकिचाई तो बच्चा बोला “ऐ मां ! सब्र कर, न झिजक, तू सच्चे दीन पर है।”

आयत न. 7 :- कुरसियां बिछाए और मुसल्मानों को आग में डाल रहे थे। ये सब हो रहा था और बादशाह और उसके दरबारी सब बैठे देख रहे थे और उनको ज़रा भी रहम न आ रहा था और उन मुसलमानों का कुसूर सिर्फ़ इतना था कि वो अल्लाह पर ईमान ले आए थे।

आयत न. 8:- शाही लोग बादशाह के पास आ कर एक दूसरे के लिये गवाही देते थे कि उन्हों ने ता’मीले हुक्म में कोताही नहीं की, ईमानदारों को आग में डाल दिया।

मरवी है कि जो मोमिन आग में डाले गए अल्लाह तआला ने उन के आग में पड़ने से क़ब्ल उन की रूहें कब्ज फ़रमा कर उन्हें नजात दी और आग ने ख़न्दक़ के कनारों से बाहर निकल कर कनारे पर बैठे हुए कुफ्फार को जला दिया।

फाएदा:- इस वाकिए में मोमिनीन को सब्र और अहले मक्का की ईज़ा रसानियों पर तहम्मुल करने की तरगीब फ़रमाई गई।

आयत न. 9:- आग में जला कर।

आयत न. 10:- और अपने कुफ्र से बाज़ न आए।

आयत न. 11:- आख़िरत में बदला उनके कुफ्र का।

आयत न. 12:- दुनिया में कि उसी आग ने उन्हें जला डाला, यह बदला है मुसलमानों को आग में डालने का।

आयत न. 13:- जब वोह ज़ालिमों को अजाब में पकड़े। 

आयत न. 14:- या’नी पहले दुन्या में पैदा करे फिर कियामत में आ’माल की जज़ा देने के लिये मौत के बाद दोबारा जिन्दा करे। 

आयत न. 15:- जिन को काफ़िर, अम्बिया عَلَيْهِ ٱلسَّلَام के मुका़बिल लाए। 

आयत न. 16:- जो अपने कुफ्र के सबब हलाक किये गए । 

आयत न. 17:- ऐ सय्यिदे आलम ! صلّی اللہ تعالٰی علیہ واٰلہ وسلّم आप की उम्मत के।

आयत न. 18:- आप को और कुरआने पाक को जैसा कि पहले काफिरों का दस्तूर था।

आयत न. 19:- उस से उन्हें कोई बचाने वाला नहीं।

ज्यादा तफ़सील से देखने के लिए क़ुरान की तफ़सीर देखें।

सूरह बुरूज से जुड़े कुछ सवाल जवाब

1. सवाल:- सूरह बुरूज में क्या बताया गया है?

जवाब :- सूरह बुरूज कुछ कसमो से शुरू होती है और फिर लोगों के एक गिरोह के ओर इशारा करती है जिसे उखदुद के लोगो के नाम से जाना जाता है। जो ईमान वालों को आग की खायी में फेंक के अजाब पहुंचाते थे।

2. सवाल:- यह सूरह बुरूज कहाँ नाजिल हुई?

जवाब :- यह सूरत मक्का में गालिबन नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि बसल्लम की तबलीग के आखिरी मरहले में नाजिल हुई थी, जब जुल्मो सितम सदीद हो चूका था।

3. सवाल:- सूरह बुरूज में कितनी आयतें हैं?

जवाब :- इस सूरह में 22 आयतें हैं।

4. सवाल:- सूरह बुरूज कुरआन के कौन से पारा में मौजूद है?

जवाब :- यह सूरत कुरआन के 30वें पारा में मौजूद है।

5. सवाल:- सूरह अल-बुरूज कितने नंबर की सूरह है?

जवाब :- यह सूरत 85वें नंबर की सूरत है।

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