Surah Duha in Hindi Tarjuma and Pdf | सूरह दुहा हिंदी में तर्जुमा के साथ

दोस्तों इस पोस्ट में आपको सूरह दुहा से जुड़ी सभी तरह की जानकारी पढ़ने को मिलेगी, जैसे की सूरह दुहा हिंदी में (Surah Duha in Hindi), सूरह दुहा का हिंदी तर्जुमा और सूरह दुहा की पीडीऍफ़ और तफसीर हिंदी में।

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दोस्तों, Surah Duha को Hindi Mein पढ़ने से पहले हम सूरह दुहा के बारे में कुछ जरूरी बातें जान लेते हैं। जो हर मुस्लिम शख्स को पता होना चाहिए।

सूरह दुहा कुरान मजीद के 30 वें पारा में मौजूद है। यह मक्की सूरह है।

सूरह का नामसूरह अद-दुहा
पारा नंबर30
सूरह नंबर93
कुल आयतें11
कुल शब्द40
कुल अक्षर167

सूरह दुहा हिंदी में (Surah Duha in hindi Text)

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह दुहा की तिलावत करने के लिए Surah Duha in Hindi Text के जरिये मौजूद कराया है। आप आसानी के साथ इस सूरह दुहा को पढ़ कर इसकी तिलावत कर सकते हैं।

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमानिर्रहीम

1. वद दुहा

2. वल लैलि इजा सजा

3. मा वद दअका रब्बुका वमा क़ला

4. वलल आखिरतु खैरुल लका मिनल ऊला

5. व लसौफ़ा युअ’तीका रब्बुका फतरदा

6. अलम यजिद्का यतीमन फआवा

7. व वजदाका दाललन फ हदा

8. व वजदाका आ इलन फअग्ना

9. फ अम्मल यतीमा फ़ला तक्हर

10. व अम्मस सा इला फ़ला तन्हर

11. व अम्मा बि निअ’मति रब्बिका फ हददिस

तो आपने सूरह दुहा को हिंदी में तो पढ़ लिया। अगर आप Surah Duha Translation in Hindi भी पढ़ना चाहते है, तो हमने सूरह दुहा का तर्जुमा हिन्दी में नीचे मौजूद कराया है, इसे जरूर पढ़ें।

सूरह अद-दुहा तर्जुमा (Surah Duha Ka Tarjuma)

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमानिर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।

वद दुहा
चढ़ते हुए रोशन दिन की क़सम

वल लैलि इजा सजा
और रात की क़सम जब कि छा जाये

मा वद दअका रब्बुका वमा क़ला
आप के रब ने न आप को छोड़ा और न आप से नाराज़ हुआ

वलल आखिरतु खैरुल लका मिनल ऊला
और बाद में आने वाले हालत आप के लिए पहले वाले हालात से ज़्यादा बेहतर हैं

व लसौफ़ा युअ’तीका रब्बुका फतरदा
और जल्द ही आप का रब आपको इतना नवाजेगा कि आप खुश हो जायेंगे

अलम यजिद्का यतीमन फआवा
क्या उसने आपको यतीम नहीं पाया तो उसने ठिकाना दिया

व वजदाका दाललन फ हदा
आपको रास्ते से नावाकिफ़ पाया तो रास्ता दिखाया

व वजदाका आ इलन फअग्ना
आप को ग़रीब पाया तो दौलतमंद कर दिया

फ अम्मल यतीमा फ़ला तक्हर
अब जो यतीम है उस पर सख्ती मत करना

व अम्मस सा इला फ़ला तन्हर
और मांगने वाले को झिड़कना नहीं

व अम्मा बि निअ’मति रब्बिका फ हददिस
और जो तुम्हारे परवरदिगार की नेअमत है उसका तज़करा करते रहना

सूरह दुहा इमेज (Surah Ad-Duha Image)

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सूरह दुहा पीडीऍफ़ (surah duha pdf in hindi)

दोस्तों जैसा की आपने सूरह दुहा को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह दुहा का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।

लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह दुहा की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Duha Pdf Download कर सकते हैं।

सूरह दुहा अरबी में (Surah Duha in Arabic)

بِسْمِ اللهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِيْمِ

•وَالضُّحٰى• وَالَّيْلِ اِذَاسَجٰى• مَاوَدَّعَكَ رَبُّكَ وَمَاقَلٰى
وَلَلْاٰخِرَةُ خَيْرٌلَّكَ مِنَ الْاُوْلٰى• وَلَسَوْفَ يُعْطِيْكَ رَبُّكَ
•فَتَرْضٰى• اَلَمْ يَجِكَ يَتِمًا فَاٰوٰ• وَوَجَدَكَ ضَآلًّا فَهَدٰضٰى
وَوَجَدَكَ عَآىِلًا فَاَغْنٰى• فَاَمَّا الْيَتِيْمَ فَلَا تَقْهَرْ• وَاَمَّا السَّآىِلَ
•فَلَاتَنْهَرْ• وَاَمَّابِنِعْمَةِ رَبِّك فَحَدِّث

सूरह दुहा ऑडियो (Surah ad-Duha Mp3 Download)

दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह दुहा को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह दुहा की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।

अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस सूरह दुहा की mp3 डाउनलोड करने का button दिया है। आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

सूरह दुहा की तफसीर (Surah Ad-Duha Tafseer)

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह दुहा की हिंदी में मुख़्तसर सी तफसीर मौजूद करायी है।

यह सूरह कब नाज़िल हुई?

हज़रत बिन जुन्दुब बिन सुफियान र.अ. से रिवायत है, कि रसूल्लुललाह सल्लललाहु अलैहि वसल्लम एक बार बीमार पड़ गए और दो तीन दिन तक तहज्जुद न पढ़ सके।

एक औरत उने पास आई उसने कहा ए मुहम्मद ! मेरा ख्याल है कि तेरे शैतान ने तुझे छोड़ रखा है और तुम्हारे करीब नहीं आया तब ये सूरह नाज़िल हुई और ये औरत कोई और नहीं बल्कि अबू लहब कि बीवी थी जो ईमान नहीं लायी थी।

यह सूरह क्यूँ नाज़िल हुई?

अबू लहब कि बीवी के गुस्ताखी भरे अलफ़ाज़ और इलज़ाम को रद्द करने के लिए और नबी ए पाक सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम की तसल्ली और दिलदारी के लिए ये सूरह नाज़िल हुई।

आयत न. 1,2,3 में,

इस सूरह की आयत नंबर 1,2 और 3 में अल्लाह तआला ने रात और दिन की क़सम खाकर नबी स.अ. को ये यक़ीन दिलाया है कि आपके रब ने न आप को (यानी नबी स.अ.ब. को) छोड़ा है और न आप से नाराज़ हुआ, यक़ीनन वो आप के साथ है।

आयत न. 4 में,

आयत नंबर 4 में अल्लाह ने फ़रमाया है कि बाद में आने वाले हालात का मतलब आख़िरत की नेअमतें भी हो सकती हैं और ये भी हो सकता है कि आख़िरकार ये तकलीफें ख़त्म होने के बाद आप ही का बोलबाला होगा।

आयत न. 5 में,

आयत नंबर 5 में अल्लाह तआला फरमाता है कि आप का रब आपको इतना नवाजेगा कि आप खुश हो जायेंगे, का मतलब है कि आप की पसंदीदा चीज़े, अल्लाह इतनी दे देगा कि आप खुश हो जायेंगे और वो पसंदीदा चीज़ों में दीन इस्लाम की तरक्क़ी, और उसका दुनिया में फैलना, दुश्मनों पर ग़ालिब आना, और अल्लाह का कलिमा बलंद करना सब दाखिल हैं।

हदीस में है कि नबी स.अ. ने फ़रमाया कि मैं उस वक़्त तक राज़ी नहीं होंगा, जब तक मेरी उम्मत में से एक भी आदमी जहन्नम में रहेगा। (क़ुरतुबी)

आयत न. 6 से 8 में अल्लाह ने तीन नेअमतों को गिनाया है।

पहली नेअमत : आप याने प्यारे नबी सल्लल्लाहु अलैह बसल्लम यतीम थे, और उस वक़्त अरब में यतीमों का हाल बहुत ख़राब था। लेकिन अल्लाह तआला ने आप के चचा अबू तालिब के दिल में ऐसी मुहब्बत डाली कि उन्होंने एक बाप की तरह आप की परवरिश की।

दूसरी नेअमत : आप अगरचे शिर्क और कुफ्र से महफूज़ थे। लेकिन हक़ रास्ते से बेखबर थे, तो अल्लाह ने आपको पैग़म्बर और कयामत तक के लिए आखिरी नबी बनाय, जिससे बढ़कर कोई दर्जा हो ही नहीं सकता।

दूसरी नेअमत : आप ग़रीब थे, और हमने (यानी अल्लाह ने) आपको दौलतमंद कर दिया और इसका ज़रिया हज़रत ख़दीजा र.अ. को बनाया। जो कि एक अमीर खातून थीं और जब उन्होंने नबी स.अ. से निकाह किया तो अपना सारा माल नबी के क़दमों में डाल दिया।

आयत न. 9 से 11 में इरशाद फ़रमाया कि;

9. अल्लाह ने यतीमी में आपको सहारा दिया तो आप भी यतीमों के साथ अच्छा सुलूक करें। इसीलिए हम देखते हैं कि हमारे नबी स.अ. ने यतीमों के साथ अच्छे सुलूक की ख़ूब तलकीन की है हदीसों में कई बार इसका ज़िक्र मिलता है।

10. और जब ग़रीबी में आपको दौलत से नवाज़ा तो किसी सवाल करने वाले को झिड़किये नहीं बल्कि कुछ न कुछ देकर वापस करें या अगर न दे सकें तो नरमी से उज्र या मअज़रत कर लें।

11. जब अल्लाह ने आपको पैगमबरी से और उन तालीमात से नवाज़ा है जिस से लोग महरूम हैं तो आप भी तो इन तालीमात को लोगों तक पहुंचाएं।

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