Surah Ghashiyah in Hindi Pdf with Tarjuma | सूरह गाशियह हिंदी तर्जुमा

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह अल-गाशियह (Surah Ghashiyah in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है,

जैसे की सूरह गाशियह हिंदी में, सूरह अल-गाशियह का हिंदी तर्जुमा और सूरह गाशियह की पीडीऍफ़।

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दोस्तों, सूरह अल-गाशियह हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।

आपको बताते चलें की Surah Ghasiyah में अल्लाह तआला ने कयामत के दिन, जन्नत और जहन्नम और साथ-साथ अपनी कुदरत को बयाँ किया है, जिसको समझने के लिए आपको सूरह गाशियह का हिंदी तर्जुमा जरूर पढ़ना चाहिए।

सूरह गाशियह कुरान करीम के 30वें पारा में मौजूद 88वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।

सूरह का नामसूरह अल-गाशियह
पारा नंबर30
सूरह नंबर88
कुल आयतें26
कुल शब्द (अलफ़ाज़)92
कुल अक्षर (हर्फ़)382

सूरह गाशियह हिंदी में | Surah Ghashiyah In Hindi Text

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह गाशियह को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Ghashiyah Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह गाशियह की तिलावत कर सकते हैं।

अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला हिर रहमानिर रहीम

1. हल अताक हदीसुल ग़ाशियह

2. वुजूहुय यौ मइजिन ख़ाशिअह

3. आमिलतुन नासिबह

4. तस्ला नारन हामियह

5. तुस्क़ा मिन ऐनिन आनियह

6. लैस लहुम तआमुन इल्ला मिन दरीअ

7. ला युस्मिनु वला युग्नी मिन जूअ

8. वुजूहुय यौम इजिन नाइमह

9. लि सअ’यिहा रादियह

10. फ़ी जन्नतिन आलियह

11. ला तसमउ फ़ीहा ला गियह

12. फ़ीहा ऐनुन जारियह

13. फ़ीहा सुरुरुम मरफूअह

14. व अक्वाबुम मौदूअह

15. व नमारिक़ु मस फ़ूफ़ह

16. व ज़रा बिय्यु मब्सूसह

17. अफ़ला यन्ज़ुरूना इलल इबिलि कैफ़ा ख़ुलिक़त

18. व इलस समाइ कैफ़ा रुफ़िअत

19. व इलल जिबालि कैफ़ा नुसिबत

20. व इलल अरदि कैफ़ा सुतिहत

21. फ़ ज़क्किर इन्नमा अंता मुज़क्किर

22. लस्ता अलैहिम बिमु सैतिर

23. इल्ला मन तवल्ला व कफ़र

24. फ़ युअज्ज़िबुहुल लाहुल अज़ाबल अकबर

25. इन्ना इलैना इयाबहुम

26. सुम्मा इन्ना अलैना हिसाबहुम

जैसा की आपने ऊपर सूरह फज्र को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Gashiyah Translation in Hindi को भी पढ़ें।

क्यूंकि Surah Gashiyah का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।

सूरह गाशियह का तर्जुमा | Surah Gashiyah Ka Tarjuma

बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान निहायत रहम वाला है।

हल अताक हदीसुल ग़ाशियह
क्या तुम्हें उस वाक़िये की ख़बर पहुँची, जो सब पर छा जाने वाला है

वुजूहुय यौ मइजिन ख़ाशिअह
बहुत से चेहरे उस दिन उतरे हुए होंगें

आमिलतुन नासिबह
मुसीबत के मारे, और थके मांदे होंगें

तस्ला नारन हामियह
जो दहकती हुई आग में दाख़िल होंगे

तुस्क़ा मिन ऐनिन आनियह
उनको एक खौलते हुए चश्मे का पानी पिलाया जायेगा

लैस लहुम तआमुन इल्ला मिन दरीअ
उनके लिए कांटेदार झाड़ के सिवा और कोई खाना नहीं होगा

ला युस्मिनु वला युग्नी मिन जूअ
जो न जिस्म का वज़न बढ़ाएगा और न ही भूक मिटाएगा

वुजूहुय यौम इजिन नाइमह
उस दिन बहुत से चेहरे तरोताज़ा होंगे

लि सअ’यिहा रादियह
(दुनिया में) अपने किये हुए आमाल से ख़ुश होंगे

फ़ी जन्नतिन आलियह
आलीशान जन्नत में होंगे

ला तसमउ फ़ीहा ला गियह
जिसमें वो कोई बेहूदा बात नहीं सुनेंगे

फ़ीहा ऐनुन जारियह
उस जन्नत में बहते हुए चश्में होंगे

फ़ीहा सुरुरुम मरफूअह
ऊंचे ऊंचे तख़्त

व अक्वाबुम मौदूअह
और सामने रखे हुए प्याले

व नमारिक़ु मस फ़ूफ़ह
एक लाइन से रखे हुए तकिये

व ज़रा बिय्यु मब्सूसह
और हर तरफ़ फैले हुए क़ालीन होंगे

अफ़ला यन्ज़ुरूना इलल इबिलि कैफ़ा ख़ुलिक़त
क्या वो लोग ऊँट को नहीं देखते, कि कैसे पैदा किये गए हैं?

व इलस समाइ कैफ़ा रुफ़िअत
और आसमान को ( नहीं देखते ) कि किस तरह बलंद किया गया है

व इलल जिबालि कैफ़ा नुसिबत
और पहाड़ों को, कि कैसे खड़े किये गए हैं

व इलल अरदि कैफ़ा सुतिहत
और ज़मीन को, कि कैसे बिछाई गयी है

फ़ ज़क्किर इन्नमा अंता मुज़क्किर
तो ( ए पैग़म्बर ) आप नसीहत करते रहिये, इसलिए कि आप सिर्फ़ नसीहत करने वाले हैं

लस्ता अलैहिम बिमु सैतिर
आप उन पर दरोगा तो हैं नहीं (आप को उन पर ज़बरदस्ती करने के लिए मुसल्लत नहीं किया गया है)

इल्ला मन तवल्ला व कफ़र
हाँ ! मगर जो मुंह मोड़ेगा, और कुफ़्र इख्तियार करेगा

फ़ युअज्ज़िबुहुल लाहुल अज़ाबल अकबर
तो अल्लाह उसको बड़ा ज़बरदस्त अज़ाब देंगे

इन्ना इलैना इयाबहुम
यक़ीन जानो ! उन सबको हमारे पास ही लौट कर आना है

सुम्मा इन्ना अलैना हिसाबहुम
फ़िर यक़ीनन उन का हिसाब हमारे जिम्मे है

सूरह अल-गाशियह इमेज | Surah Al-Ghashiyah Hindi Image

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सूरह गाशियह पीडीऍफ़ | Surah Gashiyah Hindi Pdf

दोस्तों जैसा की आपने सूरह गाशियह को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह गाशियह का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।

लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह गाशियह की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Ghashiyah in Hindi Pdf Download कर सकते हैं।

सूरह अल-गाशियह अरबी में | Surah Ghashiyah In Arabic

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

(1) هَلْ أَتَاكَ حَدِيثُ الْغَاشِيَةِ
(2) وُجُوهٌ يَوْمَئِذٍ خَاشِعَةٌ
(3) عَامِلَةٌ نَاصِبَةٌ
(4) تَصْلَىٰ نَارًا حَامِيَةً
(5) تُسْقَىٰ مِنْ عَيْنٍ آنِيَةٍ
(6) لَيْسَ لَهُمْ طَعَامٌ إِلَّا مِنْ ضَرِيعٍ
(7) لَا يُسْمِنُ وَلَا يُغْنِي مِنْ جُوعٍ
(8) وُجُوهٌ يَوْمَئِذٍ نَاعِمَةٌ
(9) لِسَعْيِهَا رَاضِيَةٌ
(10) فِي جَنَّةٍ عَالِيَةٍ
(11) لَا تَسْمَعُ فِيهَا لَاغِيَةً
(12) فِيهَا عَيْنٌ جَارِيَةٌ
(13) فِيهَا سُرُرٌ مَرْفُوعَةٌ
(14) وَأَكْوَابٌ مَوْضُوعَةٌ
(15) وَنَمَارِقُ مَصْفُوفَةٌ
(16) وَزَرَابِيُّ مَبْثُوثَةٌ
(17) أَفَلَا يَنْظُرُونَ إِلَى الْإِبِلِ كَيْفَ خُلِقَتْ
(18) وَإِلَى السَّمَاءِ كَيْفَ رُفِعَتْ
(19) وَإِلَى الْجِبَالِ كَيْفَ نُصِبَتْ
(20) وَإِلَى الْأَرْضِ كَيْفَ سُطِحَتْ
(21) فَذَكِّرْ إِنَّمَا أَنْتَ مُذَكِّرٌ
(22) لَسْتَ عَلَيْهِمْ بِمُصَيْطِرٍ
(23) إِلَّا مَنْ تَوَلَّىٰ وَكَفَرَ
(24) فَيُعَذِّبُهُ اللَّهُ الْعَذَابَ الْأَكْبَرَ
(25) إِنَّ إِلَيْنَا إِيَابَهُمْ
(26) ثُمَّ إِنَّ عَلَيْنَا حِسَابَهُمْ

हल अता क हदीसुल सूरह अरबी इमेज

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सूरह गाशियह की ऑडियो | Surah Gashiyah Mp3

दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह गाशियह को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह गाशियह की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।

अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah Al-Ghashiyah Mp3 डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

सूरह गाशियह की तफसीर | Surah Ghashiyah Tafseer

📜 आयत न. 1 :- सूरह गाशियह में “गाशियह” के असल माने ‘ढांप लेने वाली चीज़’ के हैं, क्यूंकि क़यामत के दिन, एक हौलनाक का दिन होगा और उस दिन की हौलनाकी पूरी कायनात को ढांप लेगी, इसलिए इस का एक नाम गाशियह भी है और यहाँ पर इसका मतलब क़यामत है।

📜 आयत न. 2 से 7 तक :- इन आयतों में जहन्नमियों का तज्करा किया गया है। वहां पर उन का क्या हाल होगा ये भी बयान किया गया। और इन आयतों में अल्लाह ने फ़रमाया है कि उस दिन कुछ लोग मुसीबत के मारे थके मांदे होंगे।

(इसलिए कि उनके गुनाहों की वजह से उन की गर्दनों में तौक, पैरों में बेड़ियाँ पड़ी होंगी, नंगे पैर नंगे बदन मैदाने हश्र में खड़े किये जायेंगे और चेहरे के बल घसीटे जायेंगे।)

📜 आयत न. 8 से 16 तक :- इन आयतों में अल्लाह तआला ने जन्नतियों का तज्करा किया गया है और वहां पर उनकी कैसे मेहमान नवाज़ी होगी इसको भी बयान किया गया है।

📜 आयत न. 17 से 20 तक :- इन आयतों में अल्लाह अरब के लोगों को मुखातिब करके सारे जहाँ के लोगो को बताया है की जिस तरह अरब के लोग जब ऊँट पर सफ़र करते थे तो उन्हें ज़मीन आसमान पहाड़ नज़र आते थे।

तो अल्लाह तआला फ़रमाते हैं कि ये लोग अपने आस पास की चीज़ों ( ज़मीन, आसमान, पहाड़, ऊँट ) पर ही गौर कर लें।

तो उन्हें अल्लाह की क़ुदरत का यक़ीन आ जाये कि जो अल्लाह इन चीज़ों को पैदा करने पर क़ादिर है तो वो यक़ीनन इस बात पर भी क़ादिर है कि इंसानों को मरने के बाद दूसरी ज़िन्दगी अता करे और उन से उनके आमाल का हिसाब ले।

📜 आयत 21 से 26 तक :- हज़रत मुहम्मद (सल्लल लाहू अलैहि वसल्लम) को काफ़िरों की हटधर्मी से जो तकलीफ़ होती थी जब वो ईमान नहीं लाते थे।

तो उस पर आपको क़ुरआन ने ये तसल्ली दी कि आप का काम बस तबलीग़ किये जाना और समझाना है, ज़बरदस्ती किसी को हिदायत और मुसलमान बना देना नहीं है।

अल्लाह तआला हमारी हिफ़ाज़त फ़रमाए और सच्चे मोमिन की हालत में अपने पास बुलाये।

आमीन

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