Surah Mulk in Hindi Pdf | सूरह मुल्क हिंदी में तर्जुमा और फ़ज़ीलत के साथ

Last updated on नवम्बर 2nd, 2022 at 07:07 अपराह्न

इस आर्टिकल में हमने सूरह मुल्क हिंदी में (Surah Mulk in Hindi) या कहें Tabarakal lazi Surah in Hindi की पूरी जानकारी मौजूद करायी है, जिससे कि वो लोग जो हिंदी अल्फाज़ में इस सूरह मुल्क को जानना या पढ़ना चाहते हैं, वे आसानी से पढ़ सके।

सूरह मुल्क हिंदी में (Surah Mulk Hindi Mein), कुरान मजीद के 29वें पारा में मौजूद 67वीं सूरह है। Surah Mulk का Hindi Meaning होता है : – बादशाहत

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Surah mulk ko padhne ke fayde बहुत ज्यादा हैं और तो और सूरह को पढ़ने का हुकुम हमें हमारे नबी सल्लल्लाहो अलैह बसल्लम ने भी दिया है।

आपको बता दें कि सूरह मुल्क इतनी अजमत वाली सुरह है, कि कई हदीसों में यह आया है; कि हुजूर सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम रात को तब तक नहीं सोते जब तक वह सूरह सजदा और सूरह मुल्क ना पढ़ ले।

इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं, कि यह सुरह (सूरह मुल्क) कितनी उंची शान है; इसलिए आप इस सुरह को एक मर्तबा जरूर पढ़ें।

सूरह का नामसूरह मुल्क ( Surah Mulk )
सूरह नंबर67
पारा नंबर29
सूरह का मतलबबादशाहत
कुल आयतें30
कुल रुकु2
शब्द337

सूरह मुल्क हिंदी में | Surah Mulk in Hindi text

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमा-निर्रहीम

1. तबाराकल्लाजी बियादीहिल मुल्कु वहूवा अला कुल्ली शएंयिन कदीर।

2. अल्लजी खलाकल मौता वल हयाता लियाबलुवाकुम अय्यूकुम अहसानु अमाला अहुवल अज़ीजुल गफ़ूर।

3. अल्लजी खलाका सबाआ समावतिन तिबाका मा तरा फ़ी खलकिर रहमानी; मिन तफाउत फर्जियिल बसारा हल तरा मिन फुतूर।

4. सुम्मर जीयिल बसारा कर्ररतैनी यानकलीबु इलाईकल बसारू खाशिऔं वहूवा हसीर।

5. वलाक़द ज़य्यन्नस समााआद्दुनिया बिमासा बीहा वजा अलनहा रूजूमल लिश्शयातीन; वआ तदना लहुम अजाबस सईर।

6. वालिल्लाजिना कफारू बिराब्बिहिम आजबु जहान्नमा वा बीसल मसीर।

7. इज़ा उलकू फीहा समिऊ लहा शहीकनवं वहिया तफूर।

8. तकादु तमाय्यजु मिनल गैज कुल्लमा उल्किया फीहा फौजुं सआलाहुम खाजानतुहा अलम यातिकूम नजीर।

9. कालू बला कद जाअना नजीरूं फकज़्ज़बना वकुलना मा नज्जलललाहू मिंन शय इन अंतुमइल्ला फी जलालिनं कबीर।

10. वकालु लव कुन्ना नस्मऊ औे नआकिलु मा कुन्ना फी असहाबिस सयीर।

11. फातराफु बिज़नंबिहिम फसुहकल लियसहाबिस सईर।

12. इन्नललजिना यख्शौना रब्बाहुम बिलगैबी लहुम मगफिरातुं वा अजरून कबीर।

13. वा असिर्रू कौलाकुम अविजहरु बिही इन्नहु अलीमुम बिजतिस सूदूर।

14. अला यालामु मन खलक़ वहुवल लतीफुल खबीर।

15. हुवललज़ी जाआला लकुमुल अर्जा जलूलन फामशू फी मनाकिबिहा वकुलू मिर रिज्किही वा इलैहिन नुशूर।

16. आ आमिंतुम मन फीस समाई अंय यखसिफा बीकुमुल अरजा फइज़ा हिया तमूर।

17. अम अमिंतुम मंन फिस्समाई अंय युरसिला अलैयकूम फइज़ा हासिबन फसातालामूना कईफा नज़ीर।

18. वलाकद कज्जबल्लजीना मिन क़ब्लिहिम फकईफ़ा काना नकीर।

19. अवालम यराऊ इलत्तयरी फौकाहुम साफ्फातिंव वयकबिज्न मा युम्सिकुहुन्ना; इल्लर रहमानु इन्नहु बिकुल्ल शैइंम बसीर।

20. अम्मन हाजल्लजी हुआ जुंदुल लकुम यनसुरुकुम मिन दूनिर रहमानी इनिल काफिरूना इल्ला फी गुरुर।

21. अम्मन हाजाल्लजी यार्जुकुकुम इन अमसका रिज्कहु बल लज्जु फी उतुव्विंव वा नुफ़ूर।

22. अफा मइंय यमशी मुकिब्बन अला वजहिहि अहदा अम्मय यमशी सविय्यन अला सिरतिम मुस्तकीम।

23. कुल हुवाल्लजी अंशाआकुम वजाअला लकुमु्स समआ वल अफइदता कलीलम मा तश्कुरून।

2. कुल हुवललजी ज़राआकुम फिल अरजी वईलईहि तुहशरून।

2. व या कूलूना मता हाज़ल वआदू इन कुंतुम सादिकीन।

26. कुल इन्नमल इलमु इंदाल्लाह वाइन्नमा अना नज़ीरुम्म मुबीन।

27. फलम्मा राऊहु जुलफतन सीअत वुजूहुल्लजीना कफ़ारू वकीला हजाल्लजी कुंतुम बिही तद्दाऊन।

28. कुल अराअयतुम इन अहलकानियल्लाहु वमम् मईया अव रहिमाना फामैययुजीरुल काफिरीना मिन अजाबिल अलीम।

29. कुल हुवार्रह्मानू आमन्ना बिही वाअलैहि तवाकल्लना फसातालमूना मन हुआ फ़ी जालालिम मुबीन।

30. कुल अराअयतुम इन असबहा मा ऊकुम गौरन फमैयांतिकुम बीमाइम्म मुबीन।

सूरह मुल्क का तर्जुमा हिंदी में | Surah Al-Mulk Hindi Tarjuma

हमारे प्यारे दीनी दोस्तों, हमने आपके लिए ऊपर surah mulk hindi transliteration उपलब्ध कराया, बैसे ही यहाँ नीचे हमने आपके लिए हिंदी ट्रांसलेशन के साथ सूरह मुल्क का हिंदी तर्जुमा भी उपलब्ध कराया है, जिससे की आप इस सूरह को और अच्छे से समझ सको।

बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो रहमान व रहीम है

तबाराकल्लाजी बियादीहिल मुल्कु वहूवा अला कुल्ली शएंयिन कदीर (1)
जिस (ख़ुदा) के कब्ज़े में (सारे जहाँन की) बादशाहत है वह बड़ी बरकत वाला है और वह हर चीज़ पर कादिर है

अल्लजी खलाकल मौता वल हयाता लियाबलुवाकुम अय्यूकुम अहसानु अमाला अहुवल अज़ीजुल गफ़ूर। (2)
जिसने मौत और ज़िन्दगी को पैदा किया ताकि तुम्हें आज़माए कि तुममें से काम में सबसे अच्छा कौन है और वह ग़ालिब (और) बड़ा बख्शने वाला है

अल्लजी खलाका सबाआ समावतिन तिबाका मा तरा फ़ी खलकिर रहमानी मिन तफाउत फर्जियिल बसारा हल तरा मिन फुतूर। (3)
जिसने सात आसमान तले ऊपर बना डाले भला तुझे ख़ुदा की आफ़रिनश में कोई कसर नज़र आती है तो फिर ऑंख उठाकर देख भला तुझे कोई शिग़ाफ़ नज़र आता है

सुम्मर जीयिल बसारा कर्ररतैनी यानकलीबु इलाईकल बसारू खाशिऔं वहूवा हसीर । (4)
फिर दुबारा ऑंख उठा कर देखो तो (हर बार तेरी) नज़र नाकाम और थक कर तेरी तरफ पलट आएगी

वलाक़द ज़य्यन्नस समााआद्दुनिया बिमासा बीहा वजा अलनहा रूजूमल लिश्शयातीन वआ तदना लहुम अजाबस सईर। (5)
और हमने नीचे वाले (पहले) आसमान को (तारों के) चिराग़ों से ज़ीनत दी है और हमने उनको शैतानों के मारने का आला बनाया और हमने उनके लिए दहकती हुई आग का अज़ाब तैयार कर रखा है

वालिल्लाजिना कफारू बिराब्बिहिम आजबु जहान्नमा वा बीसल मसीर। (6)
और जो लोग अपने परवरदिगार के मुनकिर हैं उनके लिए जहन्नुम का अज़ाब है और वह (बहुत) बुरा ठिकाना है

इज़ा उलकू फीहा समिऊ लहा शहीकनवं वहिया तफूर। (7)
जब ये लोग इसमें डाले जाएँगे तो उसकी बड़ी चीख़ सुनेंगे और वह जोश मार रही होगी

तकादु तमाय्यजु मिनल गैज कुल्लमा उल्किया फीहा फौजुं सआलाहुम खाजानतुहा अलम यातिकूम नजीर। (8)
बल्कि गोया मारे जोश के फट पड़ेगी जब उसमें (उनका) कोई गिरोह डाला जाएगा तो उनसे दारोग़ए जहन्नुम पूछेगा क्या तुम्हारे पास कोई डराने वाला पैग़म्बर नहीं आया था

कालू बला कद जाअना नजीरूं फकज़्ज़बना वकुलना मा नज्जलललाहू मिंन शय इन अंतुम इल्ला फी जलालिनं कबीर। (9)
वह कहेंगे हॉ हमारे पास डराने वाला तो ज़रूर आया था मगर हमने उसको झुठला दिया और कहा कि ख़ुदा ने तो कुछ नाज़िल ही नहीं किया तुम तो बड़ी (गहरी) गुमराही में (पड़े) हो

वकालु लव कुन्ना नस्मऊ औे नआकिलु मा कुन्ना फी असहाबिस सयीर। (10)
और (ये भी) कहेंगे कि अगर (उनकी बात) सुनते या समझते तब तो (आज) दोज़ख़ियों में न होते

फातराफु बिज़नंबिहिम फसुहकल लियसहाबिस सईर।(11)
ग़रज़ वह अपने गुनाह का इक़रार कर लेंगे तो दोज़ख़ियों को ख़ुदा की रहमत से दूरी है

इन्नललजिना यख्शौना रब्बाहुम बिलगैबी लहुम मगफिरातुं वा अजरून कबीर। (12)
बेशक जो लोग अपने परवरदिगार से बेदेखे भाले डरते हैं उनके लिए मग़फेरत और बड़ा भारी अज्र है

वा असिर्रू कौलाकुम अविजहरु बिही इन्नहु अलीमुम बिजतिस सूदूर।(13)
और तुम अपनी बात छिपकर कहो या खुल्लम खुल्ला वह तो दिल के भेदों तक से ख़ूब वाक़िफ़ है

अला यालामु मन खलक़ वहुवल लतीफुल खबीर।(14)*
भला जिसने पैदा किया वह तो बेख़बर और वह तो बड़ा बारीकबीन वाक़िफ़कार है

हुवललज़ी जाआला लकुमुल अर्जा जलूलन फामशू फी मनाकिबिहा वकुलू मिर रिज्किही वा इलैहिन नुशूर।(15)
वही तो है जिसने ज़मीन को तुम्हारे लिए नरम (व हमवार) कर दिया तो उसके अतराफ़ व जवानिब में चलो फिरो और उसकी (दी हुई) रोज़ी खाओ

आ आमिंतुम मन फीस समाई अंय यखसिफा बीकुमुल अरजा फइज़ा हिया तमूर।(16)
और फिर उसी की तरफ क़ब्र से उठ कर जाना है क्या तुम उस शख़्श से जो आसमान में (हुकूमत करता है) इस बात से बेख़ौफ़ हो कि तुमको ज़मीन में धॅसा दे फिर वह एकबारगी उलट पुलट करने लगे

अम अमिंतुम मंन फिस्समाई अंय युरसिला अलैयकूम फइज़ा हासिबन फसातालामूना कईफा नज़ीर।(17)
या तुम इस बात से बेख़ौफ हो कि जो आसमान में (सल्तनत करता) है कि तुम पर पत्थर भरी ऑंधी चलाए तो तुम्हें अनक़रीेब ही मालूम हो जाएगा कि मेरा डराना कैसा है

वलाकद कज्जबल्लजीना मिन क़ब्लिहिम फकईफ़ा काना नकीर।(18)
और जो लोग उनसे पहले थे उन्होने झुठलाया था तो (देखो) कि मेरी नाख़ुशी कैसी थी

अवालम यराऊ इलत्तयरी फौकाहुम साफ्फातिंव वयकबिज्न मा युम्सिकुहुन्ना इल्लर रहमानु इन्नहु बिकुल्ल शैइंम बसीर।(19)
क्या उन लोगों ने अपने सरों पर चिड़ियों को उड़ते नहीं देखा जो परों को फैलाए रहती हैं और समेट लेती हैं कि ख़ुदा के सिवा उन्हें कोई रोके नहीं रह सकता बेशक वह हर चीज़ को देख रहा है

अम्मन हाजल्लजी हुआ जुंदुल लकुम यनसुरुकुम मिन दूनिर रहमानी इनिल काफिरूना इल्ला फी गुरुर।(20)
भला ख़ुदा के सिवा ऐसा कौन है जो तुम्हारी फ़ौज बनकर तुम्हारी मदद करे काफ़िर लोग तो धोखे ही (धोखे) में हैं भला ख़ुदा अगर अपनी (दी हुई) रोज़ी रोक ले तो कौन ऐसा है जो तुम्हें रिज़क़ दे

अम्मन हाजाल्लजी यार्जुकुकुम इन अमसका रिज्कहु बल लज्जु फी उतुव्विंव वा नुफ़ूर।(21)
मगर ये कुफ्फ़ार तो सरकशी और नफ़रत (के भँवर) में फँसे हुए हैं भला जो शख़्श औंधे मुँह के बाल चले वह ज्यादा हिदायत याफ्ता होगा

अफा मइंय यमशी मुकिब्बन अला वजहिहि अहदा अम्मय यमशी सविय्यन अला सिरतिम मुस्तकीम।(22)
या वह शख़्श जो सीधा बराबर राहे रास्त पर चल रहा हो (ऐ रसूल) तुम कह दो कि ख़ुदा तो वही है जिसने तुमको नित नया पैदा किया

कुल हुवाल्लजी अंशाआकुम वजाअला लकुमु्स समआ वल अफइदता कलीलम मा तश्कुरून। 23)
और तुम्हारे वास्ते कान और ऑंख और दिल बनाए (मगर) तुम तो बहुत कम शुक्र अदा करते हो

कुल हुवललजी ज़राआकुम फिल अरजी वईलईहि तुहशरून।(24)
कह दो कि वही तो है जिसने तुमको ज़मीन में फैला दिया और उसी के सामने जमा किए जाओगे

वया कूलूना मता हाज़ल वआदू इन कुंतुम सादिकीन।(25)
और कुफ्फ़ार कहते हैं कि अगर तुम सच्चे हो तो (आख़िर) ये वायदा कब (पूरा) होगा

कुल इन्नमल इलमु इंदाल्लाह वाइन्नमा अना नज़ीरुम्म मुबीन। 26)
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि (इसका) इल्म तो बस ख़ुदा ही को है और मैं तो सिर्फ साफ़ साफ़ (अज़ाब से) डराने वाला हूँ

फलम्मा राऊहु जुलफतन सीअत वुजूहुल्लजीना कफ़ारू वकीला हजाल्लजी कुंतुम बिही तद्दाऊन। (27)
तो जब ये लोग उसे करीब से देख लेंगे (ख़ौफ के मारे) काफिरों के चेहरे बिगड़ जाएँगे और उनसे कहा जाएगा ये वही है जिसके तुम ख़वास्तग़ार थे

कुल अराअयतुम इन अहलकानियल्लाहु वमम् मईया अव रहिमाना फामैययुजीरुल काफिरीना मिन अजाबिल अलीम।(28)
(ऐ रसूल) तुम कह दो भला देखो तो कि अगर ख़ुदा मुझको और मेरे साथियों को हलाक कर दे या हम पर रहम फरमाए तो काफ़िरों को दर्दनाक अज़ाब से कौन पनाह देगा

कुल हुवार्रह्मानू आमन्ना बिही वाअलैहि तवाकल्लना फसातालमूना मन हुआ फ़ी जालालिम मुबीन।(29)
तुम कह दो कि वही (ख़ुदा) बड़ा रहम करने वाला है जिस पर हम ईमान लाए हैं और हमने तो उसी पर भरोसा कर लिया है तो अनक़रीब ही तुम्हें मालूम हो जाएगा कि कौन सरीही गुमराही में (पड़ा) है

कुल अराअयतुम इन असबहा मा ऊकुम गौरन फमैयांतिकुम बीमाइम्म मुबीन।30)*
ऐ रसूल तुम कह दो कि भला देखो तो कि अगर तुम्हारा पानी ज़मीन के अन्दर चला जाए कौन ऐसा है जो तुम्हारे लिए पानी का चश्मा बहा लाए

यह भी पढ़ें: – सूरह कौसर हिंदी में पीडीऍफ़ डाउनलोड

सूरह मुल्क हिंदी इमेज | surah mulk hindi photo

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सूरह मुल्क हिंदी पीडीऍफ़ | surah mulk pdf in hindi

दोस्तों आप अगर सूरह अल मुल्क की हिंदी पीडीएफ (Surah Mulk in Hindi Pdf) को डाउनलोड करना चाहते है तो आपको निचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करना है और आपकी surah mulk hindi पीडीएफ फाइल डाउनलोड हो जाएगी।

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सूरह मुल्क की फ़ज़ीलत | Surah mulk ki fazilat in hindi

दोस्तों जैसा कि हमने आपको इस पोस्ट की शुरुआत में ही सूरह की शान बयान कर दी ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं; कि surah mulk ki fazilat कितनी ज़्यादी होगी।

हमने आपको यह भी बताया कि यह सुरह हमारे नबी पढ़ा करते थे; तो ऐसे में इस सूरह मुल्क की तिलावत करना हमारे लिए सुन्नत हुई और जो इस सूरह की तिलावत करेगा उसे ज्यादा सवाव मिलेंगे।

दोस्तों सूरह मुल्क को पढ़ने के कई फायदे है, इतने कि आप सोच भी नहीं सकते हैं और ऐसे ही आयतुल कुर्सी पड़ने के फायदे है अगर आप पढ़ना चाहते है तो क्लिक करे।

हां लेकिन हम आपको सूरह मुल्क कि चंद फजीलतें बता देते हैं, ताकि आपको इस सूरह की रहमत और बरकत का अंदाजा लग जाए।

1. कब्र का आजाब से महफूज रहेगा।
2. सूरह मुल्क पढ़ने वाले को बक्श दिया जाएगा।
3. चेहरे पर नूर आएगा।
4. इस चुरा को पढ़ने वाले की मगफिरत होगी।
5. सूरह मुल्क इसे पढ़ने वाले की मगफिरत की सिफारिश अल्लाह से करेगी।

हजरत यह तो हो गई सूरह मुल्क की चंद फजीलतें अगर आप सूरह मुल्क की तमाम फजीलतों को जानना चाहते हैं; तो नीचे हमने Surah Mulk Benefits in Hindi और भी बयाँ की है उनको भी जरूर पढ़ें।

इस सूरह को पढ़ने से सिर्फ दुनिया मे ही नहीं बल्कि जो हमेशा-हमेश कि ज़िंदगी उसमे भी आपको इसका सवाब मिलेगा, और आप बुरी चीजों से महफूज रहेंगे।

एक हदीस में, आता है कि पैगंबर मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने हर रात सोने से पहले सूरह मुक पढ़ने की कोशिश कि है, क्यू कि इसको पढ़ने से कब्र मे होने वाले अजाब से आप महफूज रहेंगे।

अब्दुल्ब्दलाह इब्ने मसूद से रिवायत है कि – जो कोई हर रात तबारक अल्लाही बी यदीहि-मुल्क [यानी, सूरत अल-मुल्क] पढ़ता है, अल्लाह उसे कब्र की के अजाब से बचाएंगे, अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के समय हम इसे अल-मानिआ (जो हिफाजत करता है) कहते थे। {Abu Dawud 1400 and At Tirmidhi 2891 Grade: Hasan (Darussalam) Reference: Vol। 5, Book 42, Hadith 289}

🤲 अपने तिलावत करने वाले की शफाअत

रसूलुल्लाह ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने यह फरमाया – “बेशक कुरआन में 30 आयातों पर मुश्तमिल एक सूरह है, जो अपने पढ़ने वाले के लिए शिफ़ारिश करती रहेगी यहाँ तक कि इस की मग़फिरत भी कर दी जाएगी, और यह सूरह मुल्क है।

🤲 हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम के जैसा हुस्न

हज़रत अली इब्ने अबी तालिब (अ।स।) से रिवायत है कि हज़रत मुहम्मद ﷺ सलल्लाहो अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया जो शख्स इस सूरह को पढ़ेगा वो क़यामत के रोज निजात यानि छुटकारा पाएगा, फरिश्तों के परों पर उड़ेगा और हजरत युसूफ अलैहिस्सलाम जैसा हुस्न पाएगा।

🤲 अज़ाब-ए-कब्र से निज़ात

इमाम मोहम्मद बाक़र (अ. स.) ने फ़रमाया कि सूरह मुल्क (Surah Mulk) “सूरह मना” है इसलिए ये अपने पढ़ने वालों को अजाब-ए-कब्र (कब्र के अज़ाब) से बचाता है । तौरेत में भी इसका नाम सूरह मुल्क (Surah Mulk) है । जो शख्स इस सूरह को शब्ह के वक्त (शाम के बाद) पढ़ेगा वो साहब-ए-बरक़त करार पाएगा और खुश रहेगा।

🤲 कयामत के दिन खुदा की पनाह

हज़रत इमाम ज़ाफर सादिक (अ. स.) फरमाते हैं जो शख्स सूरह मुल्क (Surah Mulk Hindi) पढ़ेगा खासकर सोने से पहले, तब वो इंसान हमेशा अल्लाह के अमान में रहेगा और क़यामत के दिन अल्लाह की पनाह (यानि हिफाज़त) में होगा।

सूरह मुल्क की हदीस हिंदी में | Surah mulk ki hadees in hindi

👉1. एक हदीस से मालूम पड़ा कि हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्ला वाले वसल्लम फरमाते हैं; कि बेशक हकीकत में एक ऐसी सूरह कुरान मजीद में जिसमें 30 आयतें मौजूद हैं, जो उसके पढ़ने वाले की तब तक वकालत करती है, जब तक कि वह माफ ना हो जाए।

और यह भी कहा बा – बरकत है, वह लोग जिनके हाथ में बादशाही यानी सुरह मुल्क हो।

👉2. हमारे नबी का इरशाद है, कि जो शख्स इस सुरह (surah al mulk) को पड़ता है; तो यह सूरह उसे कब्र के आजाब से महफूज रखती है।

👉3. एक हदीस से यह भी साबित है कि हमारे नबी रात को सोने से पहले यह दो सुरह जरूर पढ़ा करते थे; और वह सूरह है सूरहअस सजदा और सूरह अल मुल्क।

Surah Mulk से जुड़े कुछ सवाल और जवाब

सवाल 1. सूरह मुल्क कौन से पारे मे हैं ?

जवाब: – सूरह मुल्क कुरान कि 29 वे पारे में है।

सवाल 1. सूरह मुल्क कहा नजिल हुई ?

जवाब: – दोस्तों सुरह मुल्क मक्का में नाजिल हुई थी और यह बहुत ही खास सूरह है।

सवाल 1. सूरह मुल्क कब पढ़ना चाहिए?

जवाब: – दोस्तों जैसा कि हमने आपको बताया कि हमारे नबी इस सूरह को सोने से पहले पढ़ते थे क्यूकि ये सूरह अजाब-ए-कब्र से महफूज रखती है, बेहतर है कि आप भी इसे सोने से पहले पढ़ें और इसके अलावा भी आप इसे पढ़ें क्यूकि इस सूरह को पढ़ने की कई फज़िलते हैं जो हमने ऊपर बयाँ की है।

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