Surah Naas in Hindi Meaning Pdf | सूरह नास हिंदी में तर्जुमा के साथ

Last updated on अगस्त 23rd, 2022 at 11:11 पूर्वाह्न

सूरह नास हिंदी में ( Surah Naas in Hindi ) मक्की है, इसमें 6 आयतें हैं। सूरह नास में पाँच बार (नास) शब्द आने के कारण इसका यह नाम है और नास (surah naas meaning in hindi) का हिंदी मतलब होता है : – इन्सान।

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नास सूरह की आयत 1 से 3 तक पनाह (शरण) देने वाले के गुण बताये गये हैं।

• आयत 4 में जिस की बुराई से पनाह (शरण) मांगी गई है उस के घातक शत्रु होने से सावधान किया गया है।

• आयत 5 में बताया गया है कि वह इन्सान के दिल पर आक्रमण करता है।

• आयत 6 में सावधान किया गया है कि यह शत्र जिन्न तथा इन्सान दोनों में होते हैं।

हदीस में है कि नबी ए अकरम (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) हर रात, जब बिस्तर पर जाते तो सूरह इख्लास और यह और इस के पहले की सूरह (अर्थातः फलक) पढ़ कर अपनी दोनों हथेलियाँ मिला कर उन पर फूंकते, फिर जितना हो सके दोनों को अपने शरीर पर फेरते। सिर से शरुआत करते और फिर आगे के शरीर से गुज़ारते। ऐसा आप तीन बार करते थे। (सहीह बुख़ारी: 6319, 5748)

सूरह नास हिंदी में (Surah Naas in Hindi)

दोस्तों हमने आपके लिए सूरह नास हिंदी में मौजूद करायी है, इसको पढ़कर आप सूरह नास की तिलावत आसानी से कर सकते हैं।

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

कुल अऊजु बिरब्बिन नास [1]
मलिकिन नास [2]
इलाहिन नास [3]
मिन शर रिल वसवा सिल खन्नास [4]
अल्लज़ी युवस विसु फी सुदूरिन नास [5]
मिनल जिन्नति वन नास [6]

सूरह नास हिंदी में तर्जुमा के साथ (Surah Naas ka Tarjuma in Hindi)

मेरे प्यारे दोस्तों, जैसा की आपने ऊपर सूरह नास हिंदी में पढ़ी ही होगी। तो हमें चाहिए की अब हम सूरह नास का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ लें, जिससे हमे समझ आए की अल्लाह ताअला ने इस सूरह नास में क्या संदेश दिया है।

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।

कुल अऊजु बिरब्बिन नास[1]
(हे नबी!) कहो कि मैं उसकी पनाह में आया जो सब लोगों का रब है।

मलिकिन नास[2]
सब लोगो का बादशाह।

इलाहिन नास[3]
सब लोगों का खुदा है।

मिन शर रिल वसवा सिल खन्नास[4]
बसबसे डालने वाले और छुप जाने वाले (राक्षस) की बुराई से।

अल्लज़ी युवस विसु फी सुदूरिन नास[5]
जो लोगों के दिलो में बसबसे डालता रहता है।

मिनल जिन्नति वन नास[6]
जो जिन्नों में से है और मनुष्यों में से भी।

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Surah An Nas in Hindi Pdf Download

मेरे प्यारे दीनी भाइयों और बहनों जैसा की आपने ऊपर सूरह नास को हिंदी में तर्जुमा के साथ पढ़ा ही होगा। साथ ही साथ आपने Surah Naas की Hindi Image भी देखी होंगी।

यहाँ हमने Surah Naas Hindi Pdf उपलब्ध करायी है आप आसानी के साथ सूरह सूरह नास की पीडीऍफ़ को डाउनलोड कर सकते है।

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Surah Naas Mp3/Audio Download

मेरे प्यारे भाइयों और बहनों जैसा की आपने इस पोस्ट में सूरह नास को सभी भाषाओं में टेक्स्ट और इमेजेज के जरिये पढ़ा ही होगा।

लेकिन अगर आप Soorah Naas सुनना पसंद करते है, जिससे आपने दिल और दिमाग को आराम मिलता है, तो आप इसकी ऑडियो डाउनलोड करके सुन सकते हैं।

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सूरह नास की हदीस हिंदी में (Some Hadith On Surah Naas)

[1] आयशा रजिअल्लाहो से रिवायत है: जब भी अल्लाह के रसूल(ﷺ) बिस्तर पर जाते थे, तो वह सूरत-अल-इखलास, सूरत-अल-फलक और सूरत-ए-नास की तिलावत करते थे।

फिर अपनी हथेलियों पर फूंक मारते थे और उन्हें अपने चेहरे और उन हिस्सों पर फेरते थे ,जहाँ तक हाथ पहुंच सकें और जब वे बीमार पढ़ते, तो मुझे उनके लिए वैसा ही करने का हुकुम देते थे। (Sahih al-Bukhari 5748)

[2] आयशा रजिअल्लाहो अन्हो से रिवायत है: जब भी अल्लाह के रसूल (ﷺ) बीमार हो जाते, तो वह मुअव्विदत (सूरत अल-फलक और सूरत अन-नास) पढ़ते और फिर अपने जिस्म पर दम करते।

जब वे शदीद बीमार हो जाते तो, (इन दो सूरह) की तिलावत करते थे और उसके अहसानात (अल्लाह) की उम्मीद में अपने जिस्म पर हाथ फेरते थे। (Sahih al-Bukhari 5016)

[3] हदीस में है कि नबी (सल्लल्लाह अलैहि व सल्लम) हर रात जब बिस्तर पर जाते तो सूरह इख्लास और यह सूरह नास और इस के पहले की सूरह (सूरह अल फलक) पढ़ कर अपनी दोनों हथेलियाँ मिला कर उन पर फूंकते।

फिर जितना हो सके दोनों को अपने शरीर पर फेरते। सिर से शुरू करते और फिर आगे के शरीर से गुज़ारते। ऐसा आप तीन बार करते थे। (सहीह बुख़ारी: 6319, 5748)

यह भी पढ़ें: – सूरह फातिहा हिंदी में

Surah Naas ki Fazilat aur Wazifa

दोस्तों जैसा की आप जानते ही है की कुरआन की हर सूरह और आयत को पढने की कोई न कोई फ़ज़ीलत होती ही है।

अल्लाह ताला ने हमे कुरआन को एक निहायत कीमती तोहफे के रूप में दिया है। यहाँ हम सूरह नास की फ़ज़ीलत के बारे में कुछ बता रहे है इसे जरूर पढ़े।

  1. जब कोई शख्स बीमारी की हालत में हो तो उसको चाहिए की सूरह नास की तिलावत करे।
  2. हमें चाहिये कि सोने से पहले हम सूरह नास और सूरह अल फलक की तिलावत करें क्यूंकि यह हमारे प्यारे नबी सल्लल्लाह अलैहि व सल्लमसल्ल्लाल ने ऐसा किया। जिसकी ऊपर हदीस ब्यान की गयी है।

सूरह नास कब और कहाँ नाज़िल हुई?

यह सूरत मक्का में नाज़िल हुई ( कुछ रवायत में इस सूरह को मदीना में नाज़िल होना भी बताया गया है ) जैसे जैसे इस्लाम की दावत फैलती गयी वैसे वैसे कुफ्फार और कुरेश की मुखालिफत भी बढ़ती गयी।

जिन लोगो ने इस्लाम कबूल किया था उन के खानदान के दिलों में तो हुज़ूर ल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के खिलाफ हर वक्त गुस्सा भरा रहता था। घर-घर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को कोसा जा रहा था।

लोग तरकीब बना रहे थे की किसी वक़्त रत को छुप कर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को कतल कर दें, ताकि बनी हाशिम को कातिल का पता भी ना चले। आप के खिलाफ जादू टोना किया जा रहा था ताकि आपका या तो इंतकाल हो जाये या फिर बीमार पड़ जाएँ।

बहुत से लोगों के दिलों में हसद की आग भी जल रही थी, कियोंकि वो अपने सिवा या अपने कबीले की किसी आदमी के सिवा दूसरे किसी शख्स का चिराग जलती नही देख सकते थे।

सूरह नास का खुलासा

रसूल अल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि इन लोगों से कह दो की में पनाह मांगता हूँ सभी के रब से,

तमाम मख़लूक़ात के शर से और जादू गरौ और जादू गरनियों के शर से, और हासादो के शर से। और उन से केह दो की में पनाह मांगता हूँ इंसानों के रब,

इंसानो के बादशाह और इंसानों के माबूद की हर उस वस वसा अंदाज़ के शर से जो बार बार पलट कर आता हैं,और लोगों के दिलों में वस वसे डालता है, वो शैतान जिन में से हो या शैतान इंसान में से हो।

ये इस तरह की बात है जैसे हज़रत मूसा अले हिस्सलाम ने उस वक़्त फ़रमाई थी जब फिरोन ने भरे दरबार में इन के कतल का इरादा ज़ाहिर किया था

अगर सूरह नास के बारे में आपके कोई भी सवाल हे तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हो।

सूरह नास की हिंदी तफसीर ( Surah Naas Tafseer in Hindi )

(कुल) “कहो”— इस इरशाद के अव्वलीन मुख़ातब तो, हुज़ूर अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हैं, मगर क़यामत तक आने वाले तमाम इन्सान व जिन्न भी इसके मुख़ातब हैं।

(अऊज़ु) “मैं पनाह मांगता हूँ” — पनाह मांगने से मुराद किसी चीज़ से ख़ौफ महसूस करके अपने आपको उससे बचाने के लिए किसी दूसरे की हिफ़ाज़त में जाना। मोमिन ऐसी तमाम आफ़तों जिनको दूर करने पर वो ख़ुद अपने आपको क़ादिर नहीं समझता, सिर्फ़ अल्लाह तआला की तरफ रुजू करता है और उसी की पनाह मांगता है।

(फलक़) के लफ़्ज़ी माना फटने के हैं, यहाँ सुबह का नमूदार होना मुराद है। (रब्बिलफ़लक़) से अल्लाह जल्ला जलालुहू मुराद हैं। (मिन शर्रि मा ख़लक़) में सारी मख़लूक़ दाख़िल है, यानी मैं अल्लाह की पनाह मांगता हूँ सारी मख़लूक के शर से। यहाँ तीन चीज़ों के शर से ख़ास तौर से पनाह मांगी गई है।

(मिन शर्रि ग़ासिक़िन इज़ा वक़ब, वमिन शर्रिंन नफ़्फ़ासाति फ़िल उक़द) और (वमिन शर्रि हासिदिन इज़ा हसद) और अँधेरी रात के शर से जब वो फैल जाए और उन जानों के शर से जो (गंडे की) गिरहों में फूँक मारती हैं और हसद करने वाले के शर से जब वो हसद करे।

अँधेरी रात के शर से ख़ास तौर से इसलिए पनाह मांगी गई है कि आम तौर पर जादूगरों की कार्रवाइयाँ रात के अँधेरों में हुआ करती हैं। (नफ़्फासात) में मर्द व औरत दोनों दाख़िल हैं, जादूगर मर्द हो या औरत धागे के गंडे बना कर उसमें गिरह लगाते जाते हैं और उन पर कुछ पढ़-पढ़ कर फूंकते रहते हैं, उनके शर से पनाह मांगी गई है।

नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर जादू रात में किया गया था, गिरहें बांध कर किया गया था और आपसे हसद की बुनियाद पर किया गया था, इसलिए इन तीन चीज़ों से ख़ासतौर पर पनाह मांगी गई।

(हसद) के मायने हैं किसी की नेमत व राहत को देख कर जलना और ये चाहना कि उससे ये नेमत ख़त्म हो जाए चाहे उसको भी हासिल न हो। हसद हराम और गुनाहे कबीरा है। सूरह अल फलक़ में अल्लाह की एक सिफत रब्बुल फलक़ ज़िक्र करके तीन चीज़ों से पनाह मांगी गई थी।

सूरह अन्नास में अल्लाह तआला की तीन सिफात (रब्बिन्नास , मलिकिन्नास) और (इलाहिन्नास) ज़िक्र करके एक चीज़ से पनाह मांगी गई है और वो है शैतान के वसवसे डालने से।

(वस्वासिल ख़न्नास) वसवास के मायने बार बार वसवसा डालने के हैंऔर ख़न्नास के मायने ज़ाहिर होने के बाद छुपने या आने के बाद पीछे हट जाने के हैं। यानी वो बार बार वसवसा अन्दाज़ी की कोशिश करता है, एक बार नाकामी पर दोबारा,और बार बार आता रहता है।

Surah Naas से जुड़े कुछ सवाल और जवाब

सूरह नास का क्या महत्व है?

Ans. सूरह अन-नास और सूरह अल फलक अल्लाह द्वारा हमें दिया एक तोहफा हैं, जिसका इस्हतेमाल हम दाखली और खारजी बुराइयों से उसकी पनाह लेने के लिए कर सकते हैं। शैतान की फुसफुसाहट, जिन्नों के हमले, हमारे आसपास के लोगों की बुरी नजर और हसद, ये सभी जहरीले दुश्मन हैं जिनसे ये खूबसूरत अव्वाव हमारी हिफाजत कर सकते हैं।

सूरह नास का हिंदी मतलब क्या होता है?

Ans. Surah Naas का मतलब, “मैं इंसानों के मालिक की पनाह चाहता हूं…” सूरा नास (अरबी पाठ: لنَّاس) कुरान का 114 वां सूरह है। इसका अंग्रेजी में मतलब “मैनकाइंड” है।

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