Surah Naba in Hindi Pdf, Tarjuma, Tafseer | सूरह अन-नबा हिंदी में

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह अन-नबा (Surah Naba in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है,

जैसे की सूरह नबा हिंदी में, सूरह नबा का हिंदी तर्जुमा और सूरह नबा की पीडीऍफ़।

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दोस्तों, सूरह नबा हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।

आपको बताते चलें की Surah Naba का हिंदी मतलब होता है: – “ख़बर”।

सूरह नबा कुरान करीम के 30वें पारा में मौजूद 78वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।

सूरह का नामसूरह अन-नबा
पारा नंबर30
सूरह नंबर78
कुल आयतें40
कुल रुकू2
कुल शब्द (अलफ़ाज़)174
कुल अक्षर (हर्फ़)796

सूरह नबा हिंदी में | Surah Naba In Hindi Text

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह नबा को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Naba Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह नबा की तिलावत कर सकते हैं।

अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम

1. अम्मा यतासा अ लून

2. अनिन नबाअिल अज़ीम

3. अल्लज़ी हुम फीहि मुख्तलिफून

4. कल्ला सा यअ ल मून

5. सुम्मा कल्ला सा यअ ल मून

6. अलम यज अलिल अर्दा मिहादा

7. वल ज़िबाला औतादा

8. व खलक़ ना कुम अज वाजा

9. वजा अलना नौ म कुम सुबाता

10. वजा अल्नल लै ल लिबासा

11. वजा अल्नन नहा र म आशा

12. वबा नैइ ना फौ क़ कुम सब अन शिदादा

13. वजा अलना सिरजौं वह्हाजा

14. व अन्जलना मिनल मु अ सिराति मा अन सज्जाजा

15. लिनुखरिज़ा बिही हब्बऔ व नबाता

16. व जन्नातिन अल्फाफा

17. इन्ना यौमल फसलि का न मी क़ाता

18. यौमा युन् फखु फिस सूरि फता तूना अफ् वाजा

19. व फुतिहतिस् समाउ फ कानत अब् वाबा

20. व सुत्तिरतिल जिबालु फ कानत सराबा

21. इन्ना जहान्नमा कानत मिर सादा

22. लित् त्वागीना म आबा

23. ला बिसीना फी हा अह क़ाबा

24. ला यजू कूना फीहा बरदौं वला शराबा

25. इल्ला हमीमौओं व गस्साक़ा

26. जजा औं वि फाक़ा

27. इन्नहुम कानू ला यर्जूना हिसाबा

28. व कज्ज़बू बि आयातिना किज़ाबा

29. व कुल्ला शैइन अह सैइनाहू किताबा

30. फ जूकू फ लन नजी’दकुम इल्ला अजाबा

31. इन्ना लिल मुत्तकीना मफाज़ा

32. हदाइका व अअ् नाबा

33. व कवाइबा अतराबा

34. व कासन दिहाक़ा

35. ला यस मऊना फीहा लग वौ वला किज़ाबा

36. जज़ाअम मिर् रब्बिका अता अन हिसाबा

37. रब्बिस् समाबाती वल अर्दी वमा बै’नहुमर् रहमानि ला यम्लिकूना मिन्हु खिताबा

38. यौमा यकूमुर् रुहु वल् मलाइकतु सफ्फा, ला यता कल्लामूना इल्ला मन अजि न लहुर् रहमानु व क़ाला सवाबा

39. ज़ालिकल यौमुल हक्क़, फ मन शा’अत् त ख ज इला रब्बिही म आबा

40. इन्ना अंज़र ना कुम अज़ाबन क़रीब, यौ म यंजुरुल मर उ मा कद् दमत यदाहु व यकूलुल् काफिरु या लैतनी कुन्तु तुराबा

जैसा की आपने ऊपर सूरह नबा को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Naba Translation in Hindi को भी पढ़ें।

क्यूंकि Surah Naba का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।

क्या आप तहज्जुद की नमाज़ का तरीका जानते हैं? अभी जाने: – तहज्जुद की नमाज़ का तरीका

सूरह नबा का तर्जुमा | Surah Naba Ka Tarjuma in Hindi

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान , रहम करने वाला है।

अम्मा यतासा अ लून
लोग किस चीज़ के बारे में पूछ रहे हैं।

अनिन नबाअिल अज़ीम
उस बड़ी ख़बर के बारे में,

अल्लज़ी हुम फीहि मुख्तलिफून
जिसमें वे लोग इख्तिलाफ़ कर हैं।

कल्ला सा यअ ल मून
हरगिज़ नहीं, अनक़रीब वे जान लेंगे।

सुम्मा कल्ला सा यअ ल मून
फिर, हरगिज़ नहीं, अनक़रीब वे जान लेंगे।

अलम यज अलिल अर्दा मिहादा
क्या हमने ज़मीन को बिछौना (फ़र्श) नहीं बनाया

वल ज़िबाला औतादा
और पहाड़ों को मेख़ें।

व् खलक़ ना कुम अज वाजा
और तुम्हें हमने जोड़े जोड़े पैदा किया,

वजा अलना नौ म कुम सुबाता
और नींद को बनाया तुम्हारी थकान दूर करने के लिए।

वजा अल्नल लै ल लिबासा
और हमने रात को पर्दा बनाया

वजा अल्नन नहा र म आशा
और हमने दिन को मआश (जीविका) का वक़्त बनाया।

वबा नैइ ना फौ क़ कुम सब अन शिदादा
और हमने तुम्हारे ऊपर सात मज़बूत आसमान बनाए।

वजा अलना सिरजौं वह्हाजा
और हमने उसमें एक चकमता हुआ चराग रख दिया।

व अन्जलना मिनल मु अ सिराति मा अन सज्जाजा
और हमने पानी भरे बादलों से मूसलाधार पानी बरसाया

लिनुखरिज़ा बिही हब्बऔ व नबाता
ताकि हम उसके ज़रिए से उगाएं गल्ला और सब्जी।

व जन्नातिन अल्फाफा
और पत्तों में लिफ्टे हुए बाग।

इन्ना यौमल फसलि का न मी क़ाता
बेशक फ़ैसले का दिन एक मुक़र्रर वक़्त है।

यौमा युन् फखु फिस सूरि फता तूना अफ् वाजा
जिस दिन सूर फूंका जाएगा, फिर तुम गिरोह दर गिरोह चले आओगे।

व फुतिहतिस् समाउ फ कानत अब् वाबा
और आसमान खोल दिया जाएगा, फिर उसमें दरवाज़े ही दरवाज़े हो जाएंगे।

व सुत्तिरतिल जिबालु फ कानत सराबा
और पहाड़ चला दिए जाएंगे तो वे रेत की तरह हो जाएंगे।

इन्ना जहान्नमा कानत मिर सादा
बेशक जहन्नम घात है

लित् त्वागीना म आबा
सरकशों का ठिकाना,

ला बिसीना फी हा अह क़ाबा
उसमें वे मुद्दतों पड़े रहेंगे।

ला यजू कूना फीहा बरदौं वला शराबा
उसमें वे न किसी ठंडक को चखेंगे और न पीने की चीज़,

इल्ला हमीमौओं व गस्साक़ा
मगर गर्म पानी और बहती पीप,

जजा औं वि फाक़ा
यह पूरा पूरा बदला होगा

इन्नहुम कानू ला यर्जूना हिसाबा
वे हिसाब का अंदेशा नहीं रखते थे।

व कज्ज़बू बि आयातिना किज़ाबा
और हमारी आयतों को झुठलाते थे झूठ जानकर।

व कुल्ला शैइन अह सैइनाहू किताबा
और हमने हर चीज़ को लिखकर शुमार कर रखा है।

फ जूकू फ लन नजी’दकुम इल्ला अजाबा
पस मज़ा चखो कि हम तुम्हारी सज़ा ही बढ़ाते जाऐँगे।

इन्ना लिल मुत्तकीना मफाज़ा
बेशक डरने वालों परहेजगारों के लिए कामयाबी है।

हदाइका व अअ् नाबा
बाग़ और अंगूर।

व कवाइबा अतराबा
और नौजबान औरतें हम उम्र।

व कासन दिहाक़ा
और भरे हुए जाम।

ला यस मऊना फीहा लग वौ वला किज़ाबा
वहां वे लग्व (घटिया, निरर्थक) और झूठी बात न सुनेंगे।

जज़ाअम मिर् रब्बिका अता अन हिसाबा
बदला तेरे रब की तरफ़ से होगा, उनके अमल के हिसाब से

रब्बिस् समाबाती वल अर्दी वमा बै’नहुमर् रहमानि ला यम्लिकूना मिन्हु खिताबा
रहमान की तरफ़ से जो आसमानों और ज़मीन और उनके दर्मियान की चीज़ों का रब है, कोई कुदरत नहीं रखता कि उससे बात करे।

यौमा यकूमुर् रुहु वल् मलाइकतु सफ्फा, ला यता कल्लामूना इल्ला मन अजि न लहुर् रहमानु व क़ाला सवाबा
जिस दिन रूह और फ़रिश्ते सफ़बस्ता (पंक्तिबद्ध) खड़े होंगे, कोई न बोलेगा मगर जिसे रहमान इजाजत दे, और वह ठीक बात कहेगा।

ज़ालिकल यौमुल हक्क़, फ मन शा’अत् त ख ज इला रब्बिही म आबा
यह दिन बरहक़ है, पस जो चाहे अपने रब की तरफ़ ठिकाना बना ले।

इन्ना अंज़र ना कुम अज़ाबन क़रीब, यौ म यंजुरुल मर उ मा कद् दमत यदाहु व यकूलुल् काफिरु या लैतनी कुन्तु तुराबा
हमने तुम्हें क़रोब आ जाने वाले अज़ाब से डरा दिया है, जिस दिन आदमी उसको देख लेगा जो उसके हाथों ने आगे भेजा है, और काफ़िर कहेगा, काश मैं मिट॒टी होता।

सूरह अन-नबा इमेज | Surah An-naba Hindi Image

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सूरह नबा पीडीऍफ़ | Surah Naba in Hindi Pdf

जैसा की आपने सूरह नबा को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह नबा का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।

लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह नबा की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Naba in Hindi Pdf Download कर सकते हैं।

सूरह नबा अरबी में | Surah naba In Arabic

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

(1) عَمَّ يَتَسَاءَلُونَ
(2) عَنِ النَّبَإِ الْعَظِيمِ
(3) الَّذِي هُمْ فِيهِ مُخْتَلِفُونَ
(4) كَلَّا سَيَعْلَمُونَ
(5) ثُمَّ كَلَّا سَيَعْلَمُونَ
(6) أَلَمْ نَجْعَلِ الْأَرْضَ مِهَادًا
(7) وَالْجِبَالَ أَوْتَادًا
(8) وَخَلَقْنَاكُمْ أَزْوَاجًا
(9) وَجَعَلْنَا نَوْمَكُمْ سُبَاتًا
(10) وَجَعَلْنَا اللَّيْلَ لِبَاسًا
(11) وَجَعَلْنَا النَّهَارَ مَعَاشًا
(12) وَبَنَيْنَا فَوْقَكُمْ سَبْعًا شِدَادًا
(13) وَجَعَلْنَا سِرَاجًا وَهَّاجًا
(14) وَأَنْزَلْنَا مِنَ الْمُعْصِرَاتِ مَاءً ثَجَّاجًا
(15) لِنُخْرِجَ بِهِ حَبًّا وَنَبَاتًا
(16) وَجَنَّاتٍ أَلْفَافًا
(17) إِنَّ يَوْمَ الْفَصْلِ كَانَ مِيقَاتًا
(18) يَوْمَ يُنْفَخُ فِي الصُّورِ فَتَأْتُونَ أَفْوَاجًا
(19) وَفُتِحَتِ السَّمَاءُ فَكَانَتْ أَبْوَابًا
(20) وَسُيِّرَتِ الْجِبَالُ فَكَانَتْ سَرَابًا
(21) إِنَّ جَهَنَّمَ كَانَتْ مِرْصَادًا
(22) لِلطَّاغِينَ مَآبًا
(23) لَابِثِينَ فِيهَا أَحْقَابًا
(24) لَا يَذُوقُونَ فِيهَا بَرْدًا وَلَا شَرَابًا
(25) إِلَّا حَمِيمًا وَغَسَّاقًا
(26) جَزَاءً وِفَاقًا
(27) إِنَّهُمْ كَانُوا لَا يَرْجُونَ حِسَابًا
(28) وَكَذَّبُوا بِآيَاتِنَا كِذَّابًا
(29) وَكُلَّ شَيْءٍ أَحْصَيْنَاهُ كِتَابًا
(30) فَذُوقُوا فَلَنْ نَزِيدَكُمْ إِلَّا عَذَابًا
(31) إِنَّ لِلْمُتَّقِينَ مَفَازًا
(32) حَدَائِقَ وَأَعْنَابًا
(33) وَكَوَاعِبَ أَتْرَابًا
(34) وَكَأْسًا دِهَاقًا
(35) لَا يَسْمَعُونَ فِيهَا لَغْوًا وَلَا كِذَّابًا
(36) جَزَاءً مِنْ رَبِّكَ عَطَاءً حِسَابًا
(37) رَبِّ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَمَا بَيْنَهُمَا الرَّحْمَٰنِ ۖ لَا يَمْلِكُونَ مِنْهُ خِطَابًا
(38) يَوْمَ يَقُومُ الرُّوحُ وَالْمَلَائِكَةُ صَفًّا ۖ لَا يَتَكَلَّمُونَ إِلَّا مَنْ أَذِنَ لَهُ الرَّحْمَٰنُ وَقَالَ صَوَابًا
(39) ذَٰلِكَ الْيَوْمُ الْحَقُّ ۖ فَمَنْ شَاءَ اتَّخَذَ إِلَىٰ رَبِّهِ مَآبًا
(40) إِنَّا أَنْذَرْنَاكُمْ عَذَابًا قَرِيبًا يَوْمَ يَنْظُرُ الْمَرْءُ مَا قَدَّمَتْ يَدَاهُ وَيَقُولُ الْكَافِرُ يَا لَيْتَنِي كُنْتُ تُرَابًا

अम्मा यतासा अ लून सूरह अरबी इमेज

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सूरह अन-नबा की ऑडियो | Surah An-Naba Mp3

दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह नबा को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह नबा की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।

अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah An-Naba Mp3 डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

सूरह नबा की तफसीर | Surah Naba in hindi Tafseer

यहाँ नीचे हमने सूरह अन-नबा की मुख़्तसर सी तफसीर मौजूद करायी है, ज्यादा समझने के लिए कुरआन की तफसीर देखें।

📜 इसका मौजूअ है क़यामत और आख़िरत की तस्दीक करना और उसको मानने या न मानने के परिणामों से लोगों को आगाह करना है।

अल्लाह के रसूल (सल्ल0) ने जब पहले-पहल मक्का मुअज़्ज़मा में इस्लाम की तबलीग शुरू की, तो उसकी बुनियाद तीन चीज़ों पर थी: – तौहीद, हज़रत मुहम्मद (सल्ल0) की नबूबत और आख़िरत।

यहाँ तक की इन तीनों चीज़ों में से पहली दो चीजें अगरचे मक्का वालों को इन्यतेहाई नागवार थीं (और अहले मक्नका के लिए ना काबिले कुबूल थीं) लेकिन ये बातें उतनी ज़्यादा उलझन का कारण न थीं, जितनी तीसरी बात थी।

जब उसे उनके सामने पेश किया गया तो उन्होंने सबसे ज़्यादा उसी की हँसी उड़ाई। लेकिन उनको इस्लाम की राह पर लाने के लिए यह बिल्कुल जरूरी था कि आखिरत का तसब्बुर उनके दिलों में डाला जाए,

क्योंकि इस तसब्बुर को कुबूल किए बिना यह मुमकिन ही न था कि हक और बातिल के मामले में उनके सोचने के तरीके में संजीदगी आ सकती।

यही बजह है कि मक्का मुअज़्ज़मा के इब्तदाई दौर की सूरतों में ज़्यादा ज़ोर आख़िरत के तसब्बुर को दिलों में बिठाने पर दिया गया है।

आयत 1-20 में की मुख़्तसर तफसीर

📜 इसमें सबसे पहले उन चर्चाओं और अटकल बाज़ियों की ओर इशारा किया गया है जो कयामत की खबर सुन कर मक्का की हर गली और बाज़ार और मक्का वालों की हर बैठक में हो रही थीं।

📜 इसके बाद कुफ्फर से पूछा गया है कि क्या तुम्हें जमीन से लेकर आसमान तक का कुदरत का कारखाना और उसमें पाई जाने वाली हिकमतें और सोद्देश्यता दिखाई नहीं देतीं?

इसकी सारी चीज़ें क्या तुम्हें यही बता रही हैं कि जिस अल्लाह ने इनको पैदा किया है उसकी कुदरत कयामत लाने और आख़िरत को बजूद देने आजिज़ है?

और इस पूरे कारखाने में जो पूर्ण श्रेणी की तत्त्वदर्शिता और बुद्धिमत्ता स्पष्टतः क्रियाशील क्या उसको देखते हुए तुम्हारी समझ में यह आता है कि इस कारखाने का एक-एक हिस्सा और इसका हर एक अमल बा मकसद है, किन्तु खुद पूरे का पूरा कारखाना बे मकसद है?

आखिर इससे बढ़कर फ़िज़ूल और तुच्छ बात क्या हो सकती है कि कारखाने में पेशकार के ओहदे पर एक आदमी को तैनात करके उसे यहाँ अत्यन्त में बसी अधिकार तो दे दिए जाएँ, किन्तु जब वह अपना काम पूरा करके यहाँ से विदा हो तो उसे यूं ही छोड़ दिया जाए, न काम बनाने पर पेंशन और इनाम, न बिगाड़ने पर पूछ-गछ और दण्ड?

📜 यह दलील देने के बाद पूरे ज़ोर के साथ कहा गया है कि फैसले का दिन अपने मुक़र्रर वक़्त पर ही आ कर रहेगा। तुम्हारा इन्कार इस घटना को होने से नहीं रोक सकता।

आयत 21-30 की मुख़्तसर तफसीर

📜 इसके बाद आयत 21 से 30 तक बताया गया है कि जो लोग हिसाब-किताब की उम्मीद नहीं रखते और हमारी आयतों को जिन लोगों ने झुठला दिया है, उनकी एक-एक करतूत गिन-गिन कर हमारे यहाँ लिखी हुई है और उनकी ख़बर लेने के लिए जहन्नम घात लगाए हुए तैयार है।

आयत 31-36 की मुख़्तसर तफसीर

📜 फिर आयत 31 से 36 तक उन लोगों के लिए बेहतरीन अजर बयान किया गया है जिन्होंने अपने आपको ज़िम्मेदार और उत्तरदायी समझ कर इस दुनिया में अपनी आखिरत को सुधारने का ख्याल रख लिया है।

आयत 37-40 की मुख़्तसर तफसीर

📜 आखिर में बारगाहे इलाही में ये बयान किया गया है कि वहाँ किसी के अड़ कर बैठ जाने और अपने काफिले को दिया कर आजाद कराने का सवाल ही क्या है, वहाँ अल्लाह की बिना इजाजत ज़बान तक न खोल सकेगा,

और इज़ाज़त भी इस शर्त के साथ मिलेगी कि जिसके हक में सिफारिश की इजाजत हो, केवल उसी के लिए सिफारिश करे और सिफारिश में कोई गैर माकूल बात न कहे।

मजीद सिफारिश की इजाजत केवल उनके हक में दी जाएगी जिन्होंने दुनिया में कलमा हक को माना और गुनहगार हैं। अल्लाह के बागी और हक से इन्कार करने वाले किसी सिफारिश के अहल न होंगे।

📜 फिर गुफ्तगू इस चेतावनी पर खत्म की जाती है कि जिस दिन के आने की ख़बर दी जा रही है उसका आना बरहक़ है, उसे दूर न समझो, वह करीब ही आ लगा है, जो आज उसके इनकार पर तुला बैठा है,

कल वह पछता-पछता कर कहेगा कि क्या ही अच्छा होता कि मैं दुनिया में पैदा ही न होता। उस समय उसका यह एहसास उसी दुनिया के तरफ होगा, जिस पर आज वह लट्टू हो रहा है।

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