Surah At-Tariq in Hindi with Translation | सूरह तारिक़ हिंदी तर्जुमा संग

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने पूरी कोशिश की है कि आपको सूरह अत-तारिक़ (Surah Tariq in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में एक ही जगह मिल सके।

जैसे की सूरह तारिक़ हिंदी में, सूरह अत-तारिक़ का हिंदी तर्जुमा और सूरह तारिक़ की पीडीऍफ़।

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दोस्तों, सूरह अत-तारिक़ हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।

आपको बताते चलें की सूरह तारिक़ का हिंदी में मतलब (Surah Taariq Meaning in Hindi) होता है: – “चमकदार सितारा या रात का सितारा“, जो रात में ही नज़र आता है,

और इसका इंग्लिश में मतलब होता है: – “The Bright Star, The Night-Star, The Night-comer”.

सूरह तारिक़ कुरान करीम के 30वें पारा में मौजूद 86वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।

सूरह का नामसूरह अत-तारिक़
पारा नंबर30
सूरह नंबर86
कुल आयतें17
कुल शब्द (अलफ़ाज़)61
कुल अक्षर (हर्फ़)254

सूरह तारिक़ हिंदी में | Surah Tariq In Hindi Text

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह तारिक़ को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Tariq Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह तारिक़ की तिलावत कर सकते हैं।

अऊजुबिल्लाहिमिनशशैतानिररजीम
बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम

1. वस समाइ वत तारिक

2. वमा अद राका मत तारिक

3. अन नज्मुस साक़िब

4. इन कुल्लु नफ्सिल लम्मा अलैहा हाफ़िज़

5. फ़ल यनज़ुरिल इंसानु मिम्म खुलिक़

6. खुलिक़ा मिम माइन दाफ़िक़

7. यख़रुजू मिम बैनिस सुल्बि वत तरा..इब

8. इन्नहू अला रजइही लक़ादिर

9. यौमा तुब्लस सराइर

10. फ़मा लहू मिन क़ुव्वतिव वला नासिर

11. वस समाइ जातिर रजइ

12. वल अरदि जातिस सदअ

13. इन्नहू लक़ौलुन फ़स्ल

14. वमा हुवा बिल हज्ल

15. इन्नहुम यकीदूना कैदा

16. व अकीदु कैदा

17. फ़मह हिलिल काफ़िरीना अमहिल हुम रुवैदा

जैसा की आपने ऊपर सूरह तारिक़ को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Tariq Translation in Hindi को भी पढ़ें।

क्यूंकि Surah Tariq का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।

इसे भी पढ़ें: – Surah Kausar in Hindi Tarjuma Ke Sath

सूरह अत-तारिक़ का तर्जुमा | Surah Tariq Ka Tarjuma

बिस्मिल्लाहिररहमानिररहीम
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा महेरबान निहायत रहम वाला है।

वस समाइ वत तारिक
क़सम है रात की और रात को आने वाले की

वमा अद राका मत तारिक
और क्या तुम्हें मालूम है कि वो रात को आने वाला कौन है

अन नज्मुस साक़िब
वो चमकदार सितारा है

इन कुल्लु नफ्सिल लम्मा अलैहा हाफ़िज़
कोई जान ऐसी नहीं है जिसकी निगरानी करने वाला कोई मौजूद न हो

फ़ल यनज़ुरिल इंसानु मिम्म खुलिक़
अब इन्सान को ये देखना चाहिए कि उसे किस चीज़ से पैदा किया गया है

खुलिक़ा मिम माइन दाफ़िक़
उसको एक उछलते हुए पानी से पैदा किया गया है

यख़रुजू मिम बैनिस सुल्बि वत तरा..इब
जो पीठ और सीने की हड्डी के बीच से निकलता है

इन्नहू अला रजइही लक़ादिर
यक़ीनन अल्लाह उसको दोबारा पैदा करने पर क़ादिर है ( यानि क़ुदरत रखने वाले हैं )

यौमा तुब्लस सराइर
जिस दिन पोशीदा बातों की भी जांच होगी

फ़मा लहू मिन क़ुव्वतिव वला नासिर
तो उस दिन न तो इन्सान का ख़ुद कोई जोर होगा और न उसका कोई मददगार होगा

वस समाइ जातिर रजइ
और क़सम है आसमान की जिस से बारिश होती है

वल अरदि जातिस सदअ
और ज़मीन की जो फट जाती है

इन्नहू लक़ौलुन फ़स्ल
यक़ीनन ये (कुरान) एक जाचा तुला कलाम है

वमा हुवा बिल हज्ल
कोई हंसी मज़ाक़ की बात नहीं है

इन्नहुम यकीदूना कैदा
बेशक ये (काफ़िर) चालें चल रहे हैं

व अकीदु कैदा
और मैं भी एक तदबीर कर रहा हूँ

फ़मह हिलिल काफ़िरीना अमहिल हुम रुवैदा
इसलिए (ए पैग़म्बर) उन काफ़िरों को ढील दे दो, उन्हें थोड़े दिनों अपने हाल पर छोड़ दो

अत-तारिक़ सूरह इमेज | Surah At-Tariq Hindi Image

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सूरह तारिक़ पीडीऍफ़ | Surah Tariq Hindi Pdf

दोस्तों जैसा की आपने सूरह तारिक़ को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह तारिक़ का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।

लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह तारिक़ की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Tariq in Hindi Pdf Download कर सकते हैं।

सूरह अत-तारिक़ अरबी में | Tariq Surah In Arabic

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

(1) وَالسَّمَاءِ وَالطَّارِقِ
(2) وَمَا أَدْرَاكَ مَا الطَّارِقُ
(3) النَّجْمُ الثَّاقِبُ
(4) إِنْ كُلُّ نَفْسٍ لَمَّا عَلَيْهَا حَافِظٌ
(5) فَلْيَنْظُرِ الْإِنْسَانُ مِمَّ خُلِقَ
(6) خُلِقَ مِنْ مَاءٍ دَافِقٍ
(7) يَخْرُجُ مِنْ بَيْنِ الصُّلْبِ وَالتَّرَائِبِ
(8) إِنَّهُ عَلَىٰ رَجْعِهِ لَقَادِرٌ
(9) يَوْمَ تُبْلَى السَّرَائِرُ
(10) فَمَا لَهُ مِنْ قُوَّةٍ وَلَا نَاصِرٍ
(11) وَالسَّمَاءِ ذَاتِ الرَّجْعِ
(12) وَالْأَرْضِ ذَاتِ الصَّدْعِ
(13) إِنَّهُ لَقَوْلٌ فَصْلٌ
(14) وَمَا هُوَ بِالْهَزْلِ
(15) إِنَّهُمْ يَكِيدُونَ كَيْدًا
(17) وَأَكِيدُ كَيْدًا
(18) فَمَهِّلِ الْكَافِرِينَ أَمْهِلْهُمْ رُوَيْدًا

वस समाइ वत तारिक सूरह अरबी इमेज

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सूरह तारिक़ ऑडियो | Surah Tariq Mp3

दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह तारिक़ को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह तारिक़ की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।

अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah At-Tariq Mp3 डाउनलोड करने का बटन दिया है।

आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

सूरह तारिक़ तफसीर | Surah Tariq Hindi Tafseer

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह अत-तारिक़ की मुख़्तसर तफसीर बताई है। आपसे उम्मीद है आप इसे जरूर पढेंगे।

📜 आयत न. 1 से 2: – इन सूरतों तारिक़ के असल मायने “खटखटाने” वाले के हैं, आम तौर पर जब रात को मेहमान आते हैं तो दरवाज़ा बंद होता है और उन्हें दरवाजा खटखटाना पड़ता है।

इसी वजह से रात को आने वाले शख्स को तारिक़ कहा जाता है, और यहाँ इन सूरतों में एक सितारे को तारिक़ कहा गया है क्यूंकि वो रात के वक़्त ही नज़र आता है दिन में नहीं, बिलकुल रात के मेहमान की तरह।

📜 आयत न. 3: – साक़िब के असल मायने सुराख़ करने के हैं। रात के अँधेरे में जब कोई सितारा चमक रहा होता है तो मानो ऐसा लगता है जैसे किसी काली सी चादर में कोई एक सुराख़ कर दिया गया है इसीलिए रौशन सितारे को साक़िब कहा गया है।

📜 आयत न. 4: – इस आयत में अल्लाह ने एक सितारे की क़सम खाकर फ़रमाया है कि कोई इंसान ऐसा नहीं है जिस पर कोई निगरान मुक़र्रर न हो।

यहाँ सितारे की क़सम क्यूँ खायी है?

सितारे की क़सम इसलिए खायी गयी है कि जिस तरह सितारे आसमान पर दुनिया की हर जगह से नज़र आते हैं और दुनिया की हर चीज़ उन सितारों के सामने होती है।

उसी तरह अल्लाह तारिक़ के सामने हर चीज़ हैं और हर इंसान के हर अमल की निगरानी फ़रमाते हैं और इस काम के लिए अल्लाह ने फ़रिश्ते मुक़र्रर कर दिए हैं।

📜 आयत न. 5 से 7: – इसका मतलब इन्सान के अन्दर मौजूद मनी जिस से इंसान पैदा होता है और उसके पीठ और सीने के दरमियान निकलने का मतलब ये है कि इंसान के धड़ का ये दरमियानी हिस्सा ही असल माद्दे की जगह है।

📜 आयत न. 8: – जब पहले वो मनी से पैदा करने पर क़ुदरत रखता है, तो दोबारा उसके लिए पैदा करना कौन सा मुश्किल काम है।

📜 आयत न. 11 से 14: – इन आयतों मिन ज़मीन और आसमान की क़सम खाकर ये बात गयी है कि अल्लाह के कलाम यानि कुरान में बिलकुल सच्ची और नपी तुली बात कही गयी है इसलिए इसको मज़ाक़ में बिलकुल भी न लेना।

📜 आयत न. 15 और 16: – इन आयतों में अल्लाह तआला फ़रमाता है कि काफ़िर अपनी चाल चल रहे हैं तो चलने दो, मैंने भी प्लानिंग कर रखी है जो उनकी तमाम चालों को नाकाम बना देगी।

📜 आयत न. 17: – यानि उन काफ़िरों को सज़ा देने का वक़्त नहीं आया, इसलिए उनको फ़िलहाल अपनी हालत पर छोड़ दो जब वक़्त आएगा तो अल्लाह ख़ुद उनकी पकड़ फरमाएगा।

और ज़्यादा तफ़सील के लिए आप क़ुरान की तफ्सीरें देंखें।

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