Taqwa Meaning in Hindi or Fayde | तक़वा का हिंदी मतलब क्या है?

Last updated on फ़रवरी 13th, 2023 at 06:49 अपराह्न

Taqwa Meaning in Hindi: – दोस्तों, इस्लाम एक ऐसा मजहब है कि जिसमें मुसलमानों की जिंदगी के हर मोड़ पर रहनुमाई की गयी है।

आज की इस पोस्ट में हम तकवा के बारे में जानेंगे।

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इस पोस्ट में हम Taqwa Meaning in Hindi तो जानेंगे ही, साथ ही साथ हम तक़वा क्या है, और हमारे अन्दर तक़वा कैसे आये यह भी जानेंगे।

साथ ही साथ हम तकवे के दुन्याबी फायदों को भी पढेंगे।

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तकवा का मतलब | Taqwa Meaning in Hindi

दोस्तों, तक़वा का असल मायने होते हैं कि “अल्लाह ताअला से ऐसा खौफ रखना कि जो बन्दे को अल्लाह ताअला की नाफ़रमानी और हराम काम से रोक दे और उसको नेक काम की तरफ दिलचस्पी दिलाये।”

अगर आप चाहते हैं कि अपनी जिंदगियों को पुर सुकून और खुशगवार अच्छी जिंदगी बनाना है तो आपको चाहिए कि तकवा इख्तिआर करें।


अपने अन्दर तक़वा कैसे लायें?

अगर हम लोग चाहते हैं कि हमारे अन्दर तक़वा आये तो इसके लिए हमें चाहिए कि हम अल्लाह के हुक्मों पर अम्ल करें,

और नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बताये तरीकों को अम्ल में लायें।

अल्लाह के हुक्मों से मायने हैं कि अल्लाह का डर अपने दिलों में पैदा करें,

और अल्लाह ने जिन चीज़ों को करने का हुक्म दिया है उन कामों को करें और जिन कामों को करने से मना फ़रमाया है, उन कामों से दूर रहे।

अगर हम लोग चाहते हैं कि हमारे अन्दर तक़वा आये तो हमें चाहिए कि हम लोग अपने नफ्स पर काबू करें और हलाल कामों को करें और हराम कामों से दूर रहे।

अगर हम लोग अपने नफ्स पर काबू करके अल्लाह के बताये तरीके और हुक्मों पर चलेंगे, तो इंशाअल्लाह हम परहेजगार और तक़वा वाले बन जायेंगे।

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तक़वा के फायदे क्या हैं? | Taqwa Ke Fayde in Hindi

जैसा कि ऊपर हमने Taqwa Meaning in Hindi तो पढ़ लिया। तो अब यहाँ हम इसके फायदों के बारे में भी जान लेते हैं।

आपको बताते चलें कि क़ुरान में तक़वा लफ्ज़ इतनी बार और इतनी जगह आया है कि अगर इसको इकठ्ठा किया जाये तो एक बहुत लम्बी लिस्ट बन जाएगी।

तो यहाँ हमने तक़वा के कुछ चुनिन्दा 25 दुनियाबी फायदों को बताया है। लेकिन इसके अलावा भी तक़वा के बहुत सारे फायदे हैं।

आईये फायदों को जानने से पहले अल्लाह ने क़ुरान में तक़वा के बारे में क्या इरशाद फ़रमाया है जान लेते हैं।

तक़वा के फायदे कुरान में

अल्लाह ने सूरह अत-तलाक़ 65 की आयात 2-3 में फ़रमाया है जिसका तर्जुमा ये है कि

“जो लोग अल्लाह का तक़वा इख़्तियार करते हैं, अल्लाह उनके लिए ग़मों से, मुसीबतों से, परेशानियों से निकलना आसान करता है,

और ऐसी जगह से रोज़ी देता है जहाँ से उन्होंने सोचा भी नहीं होगा।”

इसकी तफसीर में जायें तो यहाँ एक वाकया पेश आता है जो कुछ इस तरह है कि

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के ज़माने में एक सहाबी को रोमी लोगों ने गिरफ्तार कर लिया था।

उनकी वालिदैन नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास आये और कहा कि हमारे बच्चे को रोमियों ने पकड़ लिया और उनको बेड़ियों में कैद कर दिया है, हम क्या करें?

नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: – अल्लाह का तक़वा इख्तियार करो और कसरत से इस्तिग्फार करो।

वालिदैन ने तक़वा इख्तियार किया और कसरत से इस्तिग्फार किया।

इसका फायदा ये हुआ कि उन सहाबी की बेड़ियाँ अचानक टूट गयीं।

वो सहाबी वहां से निकले और एक ऊँट पर सवार हुए।

जिसके नतीजे में ये हुआ कि बाड़े के दुसरे ऊंट भी बाहर निकलकर उन सहाबी के पीछे-पीछे उनके साथ चले आये।

फज्र के वक़्त ये सहाबी अपने घर पहुंचे अपने वालिदैन को आवाज़ दी और वालिदैन पहचान गए हमारा बेटा है।

वालिदैन से मुलाकात हुई और कहा चलो नमाज़ के लिए।

फज्र का वक़्त था और बोले की हम नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास जायेंगे।

रोज़ी का मसला पेश आना

तो वो अपने वालिदैन के साथ नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास पहुंचे और कहा कि ए अल्लाह के रसूल एक मसला है।

तो आप नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: – बताओ क्या है?

सहाबी ने फ़रमाया: – मैं तो आजाद होकर आ गया, लेकिन ये ऊँट भी मेरे साथ आ गए हैं। ये तो मेरे नहीं हैं।

तो अल्लाह ने उस वक़्त नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर ये आयतें नाजिल की। जो हमने ऊपर बतायी हैं।

आईये अब तक़वा के फायदों के बारे में जान लेते हैं।

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❇️ 1. मामलाते दुनिया में आसानी

कुरान में सूरह अत-तलाक़ 65 की आयत 4 में अल्लाह का इरशाद है कि

जो अल्लाह का तक़वा इख्तियार करता है तो अल्लाह उसके काम में आसानी पैदा कर देता है।

❇️ 2. शैतान से हिफाज़त

कुरान में सूरह अल-आ’राफ 7 की आयत 201 में अल्लाह का इरशाद है कि

जब तक़वा वालों को शैतान की तरफ से कोई वसवसा पहुँचता है,

तो वो आगाह हो जातें हैं और फौरन उनके लिए सही सूरते हाल वाज़ह हो जाती है।

❇️ 3. बरकत हासिल करने का जरिया

कुरान में सूरह अल-आ’राफ 7 की आयत 96 में अल्लाह का इरशाद है कि

अगर ये बस्ती वाले ईमान लाये और अल्लाह का डर इख्तियार करें।

तो हम इनके लिए आसमानों और जमीन की बरकतों के दरवाजे खोल देंगे।

❇️ 4. हक और वातिल की पहचान

कुरान में सूरह अन्फाल 8 की आयत 29 में अल्लाह का इरशाद है कि ए ईमान वालों अगर तुम अल्लाह का डर इख़्तियार करो,

तो अल्लाह तुम्हारे लिए हक़ और वातिल में फर्क कर देगा।

❇️ 5-6. दुनिया की मुश्किलों से निकलना और रोज़ी हासिल होना

अल्लाह ने सूरह अत-तलाक़ 65 की आयात 2-3 में फ़रमाया है कि जो अल्लाह का डर इख़्तियार करता है,

तो अल्लाह उसके लिए दुन्याबी मुश्किलों से निकलना आसान कर देता है और वहाँ से रोज़ी देगा जहाँ से उसने गुमान भी न किया हो।

❇️ 7. तक़वा हासिल करना यानी अल्लाह से दोस्ती का सबब

अल्लाह ने सूरह अल-अन्फाल 8 की आयात 34 में फ़रमाया है कि अल्लाह के दोस्त सिर्फ परहेजगार लोग होते हैं।

क़ुरान में दूसरी जगह अल्लाह ने सूरह अल-जाशिया 45 की आयत 19 में फ़रमाया है कि बाज ज़ालिम लोग आपस में एक-दुसरे के दोस्त हैं और अल्लाह ताअला मुत्तकीन का दोस्त है।

❇️ 8. काफिरों से हिफाज़त होती है

अल्लाह ने सूरह आले-इमरान 3 की आयात 120 में फ़रमाया है कि अगर तुम सब्र इख्तियार करो,

और तक़वा इख़्तियार करो, तो उनकी चलें तुम्हें कुछ भी नुक्सान नहीं पहुंचा सकतीं।

❇️ 9. जुल्म करने से बचाव का सबब

सुनन इब्न माजह की हदीस 2324 की हदीस है कि नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जो शख्स जुल्म करेगा, जन्नत में दाखिल नहीं होगा।

सहाबा ने कहा: – जुल्म क्या है?

तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि पीलू (मिस्बाक) की लड़की के बराबर भी जुल्म करेगा तो जन्नत में नहीं जायेगा।

क़ुरान में अल्लाह ने सूरह अल-माइदा 5 की आयात 2 में फ़रमाया है कि एक दुसरे की मदद करो, नेकी और अच्छाई के कामों के अन्दर और गुनाह और मा’आफियत के कामों में मदद मत करो।

और अल्लाह का डर इख़्तियार करो। अल्लाह सख्त पकड़ करने वाला है।

❇️ 10. तक़वा से इन्सान अल्लाह के शायर की ताज़ीम करता है

अल्लाह ने सूरह हज 22 की आयत 32 में फ़रमाया है कि जो अल्लाह की निशानियों की ताज़ीम (एहतिराम) करे, ये दिलों के तकवों में से है।

❇️ 11-12. तक़वा, आमाल की इस्लाह और गुनाहों की माफ़ी का जरिया

अल्लाह ने सूरह अल-अहज़ाब 33 की आयात 70-71 में फ़रमाया है कि

ए ईमान बालों अल्लाह से डर जाओ और सीधी बात करो।

तो अल्लाह तुम्हारी इस्लाह कर देगा और तुम्हारे गुनाहों को माफ़ कर देगा।

❇️ 13. तक़वा से, रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का एहतिराम

अल्लाह ने सूरह अल-हुजुरात 49 की आयत 3 में फ़रमाया है कि

जो लोग अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास अपनी आवाजें पस्त (नीची) रखते हैं।

अल्लाह ने इनके दिलों को तक़वे के लिए जांच लिया है।

❇️ 14. अल्लाह की मोहब्बत का जरिया है तक़वा

अल्लाह ने सूरह आले-इमरान 3 की आयात 76 में फ़रमाया है कि

अल्लाह ताअला तक़वा इख़्तियार करने बालों को पसंद करता है।

❇️ 15. तक़वा से, इल्म के दरवाज़े खुल जाते हैं

अल्लाह ने सूरह अल-बक़ारह 2 की आयत 282 में फ़रमाया है कि

अल्लाह का तक़वा इख़्तियार करो, अल्लाह तुम्हे इल्म सिखाएगा।

❇️ 16. गुमराही से बचाव का जरिया है तक़वा

आपको चाहिए कि इसके पहले की भी आयात को भी पढ़ें।

अल्लाह ने सूरह अल-अनाम 6 की आयत 153 में फ़रमाया है कि ये मेरा सीधा रास्ता है।

इसकी इत्तिवा करना, इसके अलावा दूसरे रास्तों पर मत चलना, नहीं तो तुम मेरे बताये सीधे रास्तों से हट जाओगे।

अल्लाह तुम्हे वसीयत करता है, ताकि तुम तक़वा इख़्तियार करो।

❇️ 17. रहमते इलाही का जरिया है तक़वा

अल्लाह ने सूरह अल-आ’राफ 7 की आयत 156 में फ़रमाया है कि मेरी रहमत ने हर चीज़ को घेरा हुआ है,

और उन लोगों के लिए लिख दूंगा जो परहेजगार होंगे,

और जो अल्लाह का तक़वा इख़्तियार करते हैं और जकात अदा करते हैं और अल्लाह ने जो आयतें उतारी हैं, क़ुरान पर ईमान लाते हैं।

❇️ 18. अल्लाह की खुसीसी साथ का वादा, तक़वा इख्तियार करने बालों के लिए

अल्लाह ने सूरह अन-नहल 16 की आयत 128 में फ़रमाया है कि

बेशक अल्लाह ताअला परहेजगारों और नेकी करने वालों के साथ है और जो एहसान करने वाले नेक लोग हैं।

❇️ 19. तक़वे वालों का अच्छा अंजाम होगा

अल्लाह ने सूरह ताहा 20 की आयत 132 में फ़रमाया है कि आखिरत तो मुत्तकीन के लिए है।

और दुसरी जगह कुरान में अल्लाह ने सूरह हुद 11 की आयत 49 में फ़रमाया है कि सब्र करो, आखिर बेहतरीन बदला तो सिर्फ मुत्तकीन के लिए है।

❇️ 20. तक़वा से, खुशखबरी का मिलना

अल्लाह ने सूरह युनुस 10 की आयत 63-64 में फ़रमाया है कि

जो लोग ईमान लाये और तक़वा इख़्तियार किया उनके लिए बशारतें हैं। इस दुनिया में और आखिरत में।

❇️ 21. खवातीन की हिफाजत होना

अल्लाह ने सूरह अहज़ाब 33 की आयत 32 में फ़रमाया है कि

ए नबी की बीबियों तुम आम औरतों की तरह नहीं हो। अगर तुम परहेजगारी इख़्तियार करो।

पस तुम नर्म बात ना करो।

वरना जिनके दिल में बीमारियाँ हैं उनकी बीमारियाँ बढ़ जायेंगी और अच्छी बात कहो।

❇️ 22. तक़वा वाला वसीयत में जुल्म नहीं करेगा

अल्लाह ने सूरह अल-बक़राह 2 की आयत 180 में फ़रमाया है कि अगर तुममे से किसी के मरने का वक़्त करीब हो और वो माल छोड़ रहा हो।

तो अपने वालिदैन और रिश्तेदारों के साथ अच्छाई के साथ वसीयत करना फ़र्ज़ है।

ये अल्लाह की तरफ से मुत्तकीन पर ये हक़ है कि वो जैसा हक़ है वैसी वसीयत करे।

❇️ 23. मुतल्लाखाह औरतों से अच्छा बर्ताव करना

अल्लाह ने सूरह अल-बक़राह 2 की आयत 241 में फ़रमाया है कि तलाक वाली औरतों से मारूफ तरीके से फायदा देना है, यह मुत्तकीन पर फ़र्ज़ है।

❇️ 24. अज़्रो-सवाब जाया नहीं होगा

अल्लाह ने सूरह युसुफ़ 12 की आयत 90 में फ़रमाया है कि जिसने तक़वा इख़्तियार किया और सब्र किया।

तो अल्लाह ताअला बेशक नेकी करने वालों के अज्र को जाया नहीं करता।

❇️ 25. हिदायत का जरिया है तक़वा

अल्लाह ने अल-बकराह 2 की आयत 2 में फ़रमाया है कि इस क़ुरान का अल्लाह की तरफ से आने में कोई शक नहीं है, हिदायत है मुत्तक़ीन के लिए।


आखिरी शब्द

तो जैसा कि हमें इस पोस्ट में जाना कि तक़वा का हिंदी मतलब (Taqwa Meaning in Hindi) क्या होता है और साथ ही साथ हमने इसके फायदों को भी जाना।

अगर आपको सीधे रस्ते पर चलना है और अल्लाह की रहमतों को हासिल करना है तो तक़वा इख़्तियार करके एक मुत्तकीन बन्दा बनना होगा।

आप सभी को चाहिए कि तक़वा इख़्तियार करें।

अगर ऐसा नहीं करेगे तो हम क़ुरान की हिदायत से भी महरूम रह जायिंगे।

अल्लाह से दुआ करें कि अल्लाह हमें मुत्तकीन बनाये।

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