Pehla Kalma in Hindi Aur Fazilat | पहला कलमा तय्यब हिंदी में फ़ज़ीलत

Last updated on जनवरी 26th, 2023 at 08:49 अपराह्न

अस्सलामु अलैकुम, प्यारे दीनी साथियों, हम सभी को चाहिए कि हमें 🕌 इस्लाम की पांच बुनियादी बातें मालूम होना चाहिए। जिनमें पहला कलमा (Pehla Kalma in Hindi) सबसे पहले आता है।

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तो आज की इस पोस्ट में हम पहला कलमा हिंदी में पढ़ेंगे और साथ ही साथ पहले कलमे की फ़ज़ीलत को हदीस के जरिये जानेंगे।

यहाँ से पढ़ें: – 2. दूसरा कलमा हिंदी में | 3. तीसरा कलमा हिंदी में

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पहला कलमा हिंदी में | Pehla Kalma in Hindi

दोस्तों आपको मालूम होना चाहिए कि पहले कलमा को, कलमा तौहीद भी कहते हैं और यह Pahla Kalma Tayyaba हमारे दीन का सुतून (बुनियाद) भी है।

पहले कलमे की इतनी अहमियत है कि अगर कोई इस कलमे का इनकार करता है तो वह दोजखियों में गिना जायेगा,

और जो इस कलमे का इकरार करता है वो जन्नत का हक़दार होगा।

📿 कलमा तय्यबा हिंदी में | Pehla Kalma In Hindi

” ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्-मदुर रसूलुल्लाह (सल्ल०) “

तर्जुमा: – नहीं कोई मआबूद (इबादत के लायक़) सिवाये अल्लाह के और मुहम्मद सल्ल० अल्लाह के बंदे और रसूल (पैगम्बर) है।

📿 कलमा तय्यबा अरबी में | Pehla Kalma In Arabic

لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدُ رَّسُوْلُ اللّٰهِ َ

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पहले कलमे की फ़ज़ीलत | Pahla Kalma Ki Fazilat

दोस्तों हमारा दीन 5 चीजों पर टिका हुआ है, जिन्हे हम 5 pillar of islam भी कहते है।

(1) कलमा या कलमा शहादत
(2) नमाज़ (नमाज़ के बाद की दुआ )
(3) रोज़ा
(4) ज़कात
(5) हज

जैसा कि हम जानते हैं कि अगर हमें अपना घर मजबूत और टिकाऊ बनाना है तो हमारे घर की बुनियाद को मजबूत बनाना होता है।

ठीक इसी तरह जब हमारा कलमा तय्यबा सही और मजबूत होगा,

तो बाकी की 4 चीज़ें ज्यादा मज़बूत हो जाएँगी और इंशाअल्लाह हमे दीन और दुनिया दोनों में कामयाबी मिलना आसान हो जाएगा।

तो नीचे हमनें Kalma Tayyaba ki Fazilat को बताया है।

आपको चाहिए कि पोस्ट को पूरा पढ़ें और पहला कलमा तय्यब की फ़ज़ीलत को बेहतर तरीके से जानें।


कलमा तय्यब की फ़ज़ीलत हदीस से | Pehla Kalma in Hindi Fazilat

दोस्तों इससे पहले की हम कलमा से जुड़ी हदीस को पढ़ें,

आपको यह जान लेना जरूरी है कि पहला कलमा पढ़ने की ताकत इतनी बड़ी है कि

अगर एक इंसान भी दुनिया में कलमा पढ़नें वाला मौजूद है, तब तक कयामत बरपा नहीं होगी।

दोस्तों अल्लाह तआला ने कुरान पाक मे बहुत जगह पर इसका जिक्र किया है।

दोस्तों बा-वुजु जो इस कलमे को कसरत से पढ़ता है तो अल्लाह तआला उसे ये नियामते अता फरमाता है, जो हमनें नीचे बताई हैं

  • मौत के बाद जन्नत मिलना।
  • दुनिया और आखिरत मे निजात का जरिया।
  • कलमा तययबा इस्लाम की जड़।
  • कलमा तययबा पाकीज़ा दरख्त है।
  • कब्र मे इस्तेक़ामत।
  • सबसे बेहतरीन जिक्र।
  • रोज ऐ क़यामत नबी की शिफ़ात।
  • दौजख से निजात।
  • आसमान के दरवाजे खुलना।

✍ मौत के बाद जन्नत मिलना।

दोस्तों जो भी शख्स सच्चे दिल से कलमा तय्यबा की तिलावत करता है

और अगर इस कलमे को पढ़ते हुए उसकी मौत आ जाती है तो इंशाअल्लाह वो सीधे जन्नत में दाखिल होगा।

लेकिन ध्यान देने की बात ये है कि कलमे को सिर्फ जुबानी पढ़ना नहीं है, बल्कि इसे दिल से पढ़ना और इकरार करना है।

साथ ही साथ इसके मुताबिक जिंदगी को गुजरना है और अल्लाह के बताये हुक्मों और बताये रास्ते पर चलना है।

✒️ हदीस में है कि

रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया कि जब कोई बंदा ये कहता है (यानी कलमा तय्यबा पढ़ता है)

और इसी पर उसकी मौत आ जाती है, तो वो सीधा जन्नत मे चला जाएगा। (सहीह बुखारी)

✍ दुनिया और आखिरत में निजात का जरिया।

दोस्तों हर इंसान चाहता है और उसकी ख्वाहिश और अल्लाह से यह दुआ भी होती है कि

अल्लाह हमे दोनों जहान (दुनिया और आखिरत) में कामयाबी नसीब फरमाये।

तो इंशाअल्लाह कलमा तय्यबा को पढ़ने से हम दुनिया की तमाम आफत और मुसीबत से तो बचेंगे ही,

साथ ही साथ इस कलमे का पढ़ना हमें आखिरत मे भी कामयाबी दिलाएगा।

✒️ हदीस में है कि

एक मर्तबा अबूबकर सिद्दीक रजि ० ने रसूल अल्लाह सल्ल ० से दरयाफ्त फरमाया कि ऐ नबी दीन में निजात का जरिया क्या है?

तो आप (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने इरशाद फरमाया कि जो मेरा लाया हुआ कलमा पढ़ ले और इसे दिल से कुबूल करले,

जिसकों मैंने अपने चाचा (अबु तालिब) पर पेश किया था और उन्होंने इसका इनकार कर दिया था,

वो कलमा मानने वाले के लिए नजात है। (मुसनद अहमद)

✍ कलमा तययबा इस्लाम की जड़।

दोस्तों जिस तरह एक पेड़ बिना जड़ के खड़ा नहीं रह सकता है और बिना जड़ के पेड़ सूख जाता है।

ठीक इसी तरह Kalma Tayyaba को इस्लाम की जड़ की मिसाल दी गई है।

यानि इस्लाम की जड़ कलमा तय्यबा है जिसका मजबूत होना बेहद जरूरी है

और इसकी शाखें हमारे नेक आमल आमाल (नमाज़ , रोज़ा , हज , ज़कात , खैरात , सदक़ा , जिहाद और तमाम नेक काम करना और बुरे कामों से बचना) हैं।

तो जब हमारी जड़ मजबूत होती है तो हमारी शाखे भी अपने आप मज़बूत हो जाएंगी।

✒️ हदीस में आया है कि

रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया कि ईमान की 70 से ज्यादा शाखे है और इनमें सबसे बेहतरीन शाख ला इलाहा इल्लल-लाह है

और सबसे छोटी शाख रास्ते से तकलीफ देह चीज को हटाना है और शर्म-ओ-हया भी ईमान की एक शाख है। (बुखारी शरीफ)

✍ कलमा तययबा पाकीज़ा दरख्त है।

दोस्तों अल्लाह तआला ने Kalma Tayyaba ki fazilat को कुरान मजीद में पाकीज़ा दरख्त की मिसाल से बयान की है।

जब आप कुरान मजीद में सूरह इब्राहीम की आयत 24-25 को पढ़ेंगे तो इसमें अल्लाह ने इरशाद फ़रमाया है कि

सूरह इब्राहीम आयत-24

“क्या तुमने गौर नहीं किया कि अल्लाह ने कैसी मिसाल बयान की है कलिमा-ए-तैय्यबा की!”

“(इसकी मिसाल ऐसी है) जैसे एक पाकीज़ा दरख़्त, उसकी जड़ मज़बूत और शाखें आसमान में हैं।”

सूरह इब्राहीम आयत-25

“यह (दरख़्त) हर फ़सल में अपना फल लाता है अपने रब के हुक्म से।”

“और अल्लाह मिसालें बयान करता है लोगों के लिए ताकि वो नसीहत अख़ज़ करें।”

✍ कब्र में इस्तेक़ामत।

दोस्तों Kalma Tayyaba की fazilat यह भी है कि जब हम मरने के बाद कब्र में होंगे, तो कलमा तय्यबा कब्र में हमारी मदद फरमाएगा।

ऐसा इसलिए होगा जब हमने दुनिया में इसकी बिना पर ज़िंदगी गुज़ारी होगी और अल्लाह के हुक्मों की ताबेदारी की होगी।

एक रिवायत में लिखा है कि आयशा रजि ० अन्हा ने अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) से कहा कि

“मैं तो एक बहुत कमज़ोर औरत हूँ और मरने के बाद जब मैं कब्र में जाऊँगी और जब मुनकर-नकीर मेरे पास आएंगे तो मेरा क्या हाल होगा? मैं तो बिल्कुल अकेली रह जाऊँगी।

तो आपने फरमाया के अल्लाह तआला कलमा तय्यबा से मोमिनो के कदम जमा देंगे।

ये दुनिया में भी मोमिनो के कदम जमा देगा और अल्लाह तआला जो चाहता है वो करता है।” (मुसनद बज्जार)

✍ सबसे बेहतरीन जिक्र।

कलमा तय्यबा की एक और बड़ी फ़ज़ीलत यह भी है कि हमारे हुज़ूर रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया कि

अल्लाह के सभी जिक्रों में सबसे अफजल जिक्र कलमा तय्यबा की तिलावत करना है और तमाम दुआओं में सबसे अफ़ज़ल दुआ अलहमदुलिल्लाह (यानी सूरह फातिहा) है।

तो साथियों हमें चाहिए कि हर वक़्त हम अपनी जुबान पर अल्लाह का कलमा कि तिलावत करते रहेंगे, तो इंशाअल्लाह हमारी तमाम परेशानियाँ खत्म हो जाएंगी।

✍ रोज ऐ क़यामत नबी की शिफ़ात।

जिस दिन क़यामत का दिन होगा तो उस दिन अल्लाह तआला पक्के सच्चे मोमिन को हमारे प्यारे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का दीदार और उनकी शिफ़ात नसीब फरमाएगा।

✒️ हदीस में है कि

रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया कि जिसने इस कलमे को सच्चे दिल से पढ़ा होगा,

तो क़यामत के रोज उसे मेरी शिफ़ात नसीब होगी या मेरी शिफात का मुस्तहक इंसान वो बनेगा,

जिसने सच्चे दिल से अपने नफ़्स में ही सही ये कहा होगा ला इलाहा इल्लल-लाह। (बुखारी शरीफ)

✍ दौजख से निजात ।

Kalma Tayyaba ki fazilat एक फ़ज़ीलत यह भी है कि जो शख्स इस कलमे को पढ़ता है और इस पर अमल करता है, तो वो दोजख में नहीं डाला जायेगा।

न ही उस शख्स को जहन्नुम की आग छु पाएगी।

✒️ हदीस में है कि

अबु याला से रिवायत है कि अबु हुरै० रजि० ने रसूल अल्लाह सल्ल० को यह इरशाद फरमाते हुए सुना,

तुम कसरत से कलमा तययब या पाकीज़ा कलाम को पढ़ा करो।

इससे पहले इसके और तुम्हारे दरमियान मौत आ जाए और तुम इससे महरूम रह जाओ और जो मौत के वक़्त इस कलाम को पढ़ता है तो इनशाल्लाह जन्नत में जाएगा।

रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया कि मैं एक ऐसा कलमा जानता हूँ जो इसको सच्चे दिल से पढ़ता है और उसकी मौत आ जाए तो उस पर दौजख की आग हराम हो जाती है। (मुसनद अहमद)

✍ आसमान के दरवाजे खुलना।

अगर कोई भी शख्स कलमा तय्यबा को सच्चे दिल से पढ़ता है,

तो उसके लिए अर्श के दरवाजे खुल जाते हैं और ये कलमा वहाँ पहुँच जाता है।

✒️ हदीस में आया है कि

एक मर्तबा रसूल अल्लाह सल्ल० ने इरशाद फरमाया कि जब अल्लाह का बंदा अपने सच्चे दिल से Pehla Kalma in Hindi पढ़ता है,

तो इसके लिए आसमान के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और ये कलमा अर्श ऐ इलाही तक पहुँच जाता है। (जामिया तिरमीजी)


10 मर्तबा कलमा तययबा पढ़ने की फ़ज़ीलत

अगर कोई शख्स 10 मरतबा कलमा तय्यबा को पढ़ता है तो उस शख्स की मिसाल ऐसी है जैसे उसने 4 ग़ुलामों को आजाद किया।

रसूल अल्लाह सल्ल ० ने इरशाद फरमाया कि

जो शख्स ला इलाहा इल्लल-लाहु वहदहू ला शरीका लहू लहुल मुलकु वला हुलहमदु वहुवा अला कुल्ली शैइन क़दीर 10 मर्तबा पढ़ता है,

तो उसको ऐसा सवाब मिलता है जैसे उसने इस्माइल अलै० की औलाद से 4 ग़ुलामों को आजाद किया हो। (सहीह बुखारी)


आखिरी शब्द

दोस्तों हमने ऊपर Pehla Kalma in Hindi Fazilat पढ़ी है। इसके अलावा भी कलमा तय्यबा की बहुत सारी फज़िलतें आई हैं।

अल्लाह से दुआ करते रहे कि अल्लाह हम सबको कलमा तय्यबा को कसरत से पढ़ने की तौफीक दे।

अगर इस पोस्ट को लिखने में हमसे कोई गलती हुई हो तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताये।

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