Teesra Kalma in Hindi with Tarjuma | तीसरा कलमा और फ़ज़ीलत हिंदी में

Teesra Kalma in Hindi: – अस्सलामु अलैकुम, दोस्तों जैसा की हमने अपनी 📖 पिछली पोस्ट में पहला और दूसरा कलमा पढ़ ही लिया है।

अगर आपने हमारी पहले और दुसरे कलमें वाली पोस्ट नहीं पढ़ीं तो अभी पढ़ें।

यहाँ से पढ़ें: – 1. पहला कलमा हिंदी में | 2. दूसरा कलमा हिंदी में

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दोस्तों इस पोस्ट में हम Teesra Kalma in Hindi With Tarjuma पढ़ेंगे।

साथ ही साथ हम तीसरे कलमे की फ़ज़ीलत को भी हिंदी में जानेंगे।

कलमा कलमे का नाममायने (मतलब)
तीसरातमजीदबुजुरगी

आईये जानते हैं कि तीसरा कलमा हिंदी में क्या है और इसका हिंदी तर्जुमा क्या होता है?

📌 Note: - किसी भी कलमा या दुआ को पढ़ने से पहले अऊज़ुबिल्लाही मिनश शैतानिर्रजीम बिस्मिल्लाह हिर्रह् मानिर्रहीम पढ़ें।

➤ तीसरा कलमा हिंदी में | Teesra Kalma in Hindi

दोस्तों तीसरा कलमा तमजीद हिंदी में कुछ इस तरह है –

सुब्हानल्लाही, वल् हम्दु लिल्ला हि, वला इला ह इलल्ला हु, वल्ला हु अकबर, वला हौ ला वला कूव् व त, इल्ला बिल्ला हिल अलीय्यिल अजीम।

➤ तीसरा कलमा हिंदी तर्जुमा – Teesra Kalma in Hindi Tranlation

“अल्लाह की ज़ात हर चीज से पाक है और तमाम तारीफें अल्लाह ही के लिए हैं।

अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं और अल्लाह सबसे बड़ा है और किसी में ना तो ताकत है न ही बल, ताकत और बल तो सिर्फ अल्लाह ही में है, जो बहुत मेहरबान निहायत रेहम वाला है।“

➤ Teesra Kalma In Arabic | तीसरा कलमा अरबी में

दोस्तों तीसरा कलमा तमजीद अरबी में इस तरह है –

سُبْحَان اللهِ وَالْحَمْدُلِلّهِ وَلا إِلهَ إِلّااللّهُ وَاللّهُ أكْبَرُ وَلا حَوْلَ وَلاَ قُوَّةَ إِلَّا بِاللّهِ الْعَلِيِّ الْعَظِيْم


Teesra Kalma in Image in Hindi and Arabic

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Kalma Tamjeed Mp3 | कलमा तमजीद की ऑडियो

दोस्तों यहाँ हमने आपके लिए Teesra Kalma Tamjeed Ki Mp3 फाइल को मौजूद कराया है।

आप इसे आसानी के साथ सुन सकते हैं।


Teesra Kalma पढ़ने की फ़ज़ीलत

मोमिन के लिए तीसरे कलमे का असल मकसद, अल्लाह की अज़मत की गवाही देना, उस की तारीफ़ करने, और उसकी इबादत करने का एक तरीक़ा है।

सुनन अबू दाऊद हदीस 19 में है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम हर वक़्त अल्लाह को याद करते थे।

तो हमें चाहिए कि हम तीसरे कलमे को खूब कसरत के साथ पढ़ा करें और अल्लाह को हमेशा याद किया करें।

अल्लाह की मर्जी से ही सारे मामलात होते हैं।

✅ अबू हुरैरह र. अ. ने बुखारी व मुस्लिम शरीफ में ब्यान किया है कि अल्लाह उनके साथ है, जो उसके साथ हैं।

✅ अल्लाह ताअला ने कुरआन मजीद की सूरह बकराह की आयत 152-153 में भी इरशाद फ़रमाया है

“तुम मुझे याद करो, मैं तुम्हे याद करूँगा। और मेरा शुक्र अदा करो और मेरा इनकार ना करो।

ए ईमान वालों ! सब्र और नमाज़ से मदद मांगो। बेशक अल्लाह सब्र करने वालों के साथ है।”

✅ तीसरा कलमा जिसे कलमा तमजीद भी कहते हैं, यह अल्लाह की हम्द और अल्लाह को याद करने का सही तरीका है।


तीसरा कलमा के फायदे हदीस से | Teesra Kalma Ke Fayde in Hindi

यहाँ हमने तीसरा कलमा की कुछ हदीस बताई हैं। आप इनको पढ़कर तीसरे कलमे के फायदों को जान सकते हैं।

↳ तीसरा कलमा पढ़ने के फायदे हदीस से

⏩ तीसरे कलमा की पहली हदीस 1

दारुस्स्सलाम ने सुनन नसाई 924 में हसन की रिवायत की है के इब्न अबी अव्फा र. अ. कहते हैं कि

एक आदमी नबी अकरम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के पास आया और कहा: – “मैं कुरान को थोड़ा भी नहीं सीख सकता हूँ, मुझे कुछ ऐसा सिखाओ, जो मैं कुरान पढ़ने के अलावा कर सकूँ।”

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया: –

“कहो: सुभानअल्लाह, वल-हम्दुलिल्लाह, व ला इलाहा इल्लल्लाह, व अल्लाहु अकबर, व ला हौला व ला कुव्वता इल्ला बिल्लाहिल-अली अल-अजीम।”

⏩ तीसरे कलमा की दूसरी हदीस 2

सही अल-बुखारी 7386 में अबू मूसा की रिवायत है कि हम नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के साथ सफ़र में थे। जब हम किसी ऊँची जगह पर चढ़ते तो अल्लाहु-अकबर कहते।

आप रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया: –

अपने आप को ज्यादा परेशांन ना करो। तुम किसी बहरे या गायिब इन्सान को नहीं पुकार रहे हो।

बल्कि तुम तो उसको पुकार रहे हो जो सब कुछ सुनता है, देखता है और हमेशा तुम्हारे बहुत करीब है।

फिर वो मेरे पास आये जब मैं अपने दिल में कह रहा था कि ला हौला व ला कुव्वता इल्ला बिल्लाह (न कोई ताकत किसी के पास है न होगी सिबाय अल्लाह के)।

उन्होंने मुझसे कहा: – ए अब्दुल्लाह बिन कैस ! कहो, ला हौला व ला कुव्वता इल्ला बिल्लाह (न कोई ताकत किसी के पास है न होगी सिबाय अल्लाह के)।

क्यूंकि यह जन्नत के खजानों में से एक खजाना है। और कहा, क्या मैं तुम्हे इसके बारे में बताऊँ?

⏩ तीसरे कलमा की तीसरी हदीस 3

उबादह बिन सामित रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है के नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इरशाद फ़रमाया: – जो शख्स रात में उठे और आंख खुलते ही ये दुआ पढ़े,

“ला इला-ह इल्लल्लाहु वहदहु लाशरी-क लहु लहुल-मुलकु वलाहुल हमदु, वहु-व अला कुल्लि शैइनक़दीर, सुब्हानल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि वला इला-ह इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर वला हौ-ल वला क़ुव्व-त इल्ला बिल्ला-हिल अ’लिय-यिल अ’ज़ीम।”

फिर ये दुआ पढ़े

अल्लाहुम्मग फिर ली (ए अल्लाह मुझे माफ़ कर दे।)

वलीद कहते है: – या यूं कहा, अगर वह दुआ करे, तो उसकी दुआ क़बूल होगी और अगर उठकर वज़ू करे, फ़िर नमाज़ पढ़े तो उस की नमाज़ क़बूल होगी।” बुखारी शरीफ़ (1154)


↳ तीसरा कलमा का एक टुकड़ा जन्नत के खज़ानो में से है

⮞ अबु मूसा अश-अरी रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत हे की नबी करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया,

“ए अब्दुल्लाह बिन क़ैस, {ला हव-ल वला क़ुव्व-त इल्ला बिल्लाह} बोला करो क्योंकि ये जन्नत के खज़ानों में से एक खज़ाना है।” (सहीह मुस्लिम 2704)


↳ तीसरा कलमा का एक टुकड़ा सारी दुनिया से प्यारा

⮞ अबु हुरैरा रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है कि

आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया,

मैं ये कलमात बोलूं {सुब्हा-नल्लाहि वल हम्दु लिल्लाहि वला इला-ह इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर}

तो ये मेरे नज़दीक उन सब चीजों से ज़्यादा प्यारा है, जिन पर सूरज निकलता है। (अर्थात् सारी दुनया से ज़्यादा प्यारा)” (तिरमिज़ी 3597)


↳ तीसरा कलमा में से ये हर नमाज़ के बाद पढ़ना

⮞ तीसरा कलमा हिंदी में: “कअ’ब बिन उ’जरह रज़ियल्लाहु अनहु से रिवायत है कि

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कुछ अलफ़ाज़ ऐसे हैं जिनको अगर कोई भी शख्स हर फ़र्ज़ नमाज़ के बाद पढ़ता है तो वो कभी मायूसी नसीब नहीं होगी।

वो ये हैं 33 बार सुब्हा-नल्लाह 33 बार अल हम्दु लिल्लाह 33 बार अल्लाहु अकबर ” (सही मुस्लिम 596)


आखिरी शब्द

तो जैसा कि हमने इस पोस्ट में Teesra Kalma Hindi Me पढ़ने के साथ-साथ इस तीसरे कलमे की फ़ज़ीलत, फायदे और हदीस को भी पढ़ा।

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