Fajar Ki Namaz Ki Rakat aur Time | फ़ज्र की नमाज़ की रकात और समय

Last updated on मार्च 18th, 2023 at 03:50 अपराह्न

प्यारे दीनी साथियों, इस पोस्ट में हम Fajar Ki Namaz Ki Rakat के बारे में पढेंगे।

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लेकिन इससे पहले कि हम फज्र की नमाज़ की रकात के बारे में पढ़ें, हम Fajar ki namaz ki rakat के बारे में जानने से पहले फज्र कि नमाज़ क्या है यह जान लेते हैं।

फज्र की नमाज़ (Fajr Prayer) इस्लाम की रोज़ाना पढ़ी जाने वाली पांच फर्ज़ नमाज़ों में सबसे पहले सुबह में पढ़ी जाने वाली नमाज़ है।

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फज्र की नमाज का समय और हुकुम | Fajar ki namaz ka time

दोस्तों, कुरआन मजीद में कई जगहों पर फजर की नमाज़ के बारे में अल्लाह तआला ने इरशाद फ़रमाया है और Fajr ki Namaz Ka Time भी मौजूद कराया है कि किस वक़्त से फ़ज्र की नमाज़ का टाइम शुरू होकर कब ख़त्म होता है।

📓 बिना किसी शक के ईमानवालों पर समय की पाबन्दी के साथ नमाज़ का पढना फ़र्ज़ है। (क़ुरआन 4:103)

📓 और नमाज़ क़ायम करो दिन के दोनों सिरों पर और रात के कुछ हिस्से में।

बेशक, नेकियाँ बुराइयों को दूर कर देती हैं। यह याद रखनेवालों के लिए एक याद दाहनी है। (क़ुरआन 11:114)

📓 नमाज़ क़ायम करो सूरज के गुरूब (यानी सूर्य के ढलने) से लेकर रात के छा जाने तक और फ़ज्र (प्रभात) के क़ुरआन के पाबन्द रहो।

यकीनी तौर पर फ़ज्र का क़ुरआन पढ़ना हुज़ूरी की चीज़ है। (क़ुरआन 17:78)

📓 और सुबह (फज्र) की नमाज़ का वक़्त तुलु फज़्र से लेकर सूरज के उगने तक रहता है, जब सूर्य निकल जाये,

तो नमाज़ से रूक जाओ क्योंकि यह शैतान की दो सींगों के बीच उगता है।” इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है। (हदीस संख्या : 612)

यानी कि फ़ज्र का वक्त भोर से शुरू होता है और सूरज की रोशनी आने तक रहता है।

तैयारी के लिए अज़ान लगभग एक या आधे घंटे पहले दी जाती है।

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फ़ज्र की नमाज़ की रकात | Fajar Ki namaz ki rakat

दोस्तों, जैसा कि दिन में पांच वक़्त की नमाज़ है और इन नमाज़ों में Fajr Ki Namaz दिन की सबसे पहले पढ़ी जाने वाली नमाज़ है।

तो आइये जानते हैं कि Fajar Ki Namaz की कितनी Rakat होती हैं?

फ़ज्रर नमाज़ की रकात (Fajar Ki Namaz Ki Rakat)

फज्र (फजर) अर्थात भोर की नमाज़ में चार रकात होती हैं।

4 रकात

*2 रकात सुन्नत ( मौक़ीदा )

*2 रकात फ़र्ज़

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फ़ज्र नमाज़ में चार रकात होती हैं। जिनमें से दो रकात सुन्नत मौकीदा होती हैं और दो रकात फ़र्ज होती हैं।

फ़र्ज नमाज़ को अदा करना हर हाल में जरूरी (फ़र्ज) होता है।

सुन्नते मौकीदा को भी अदा करना जरूरी होता है लेकिन फ़र्ज नमाज़ के मुकाबले इसकी फ़ज़ीलत कम होती है।

सुन्नते मौकीदा क्या होती है?

सुन्नत मौकीदा : इस्लामिक शरीयत में, सुन्नत वह अम्ल है जो पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि बसल्लम) ने अपनी पूरी जिंदगी और उनके इस अम्ल को शहाबा किराम ने आम तौर पर कसरत के साथ किया था, और उसके करने को मना नहीं किया।

इसके तर्क करने की वजह गुनाह है और तर्क करने की आदत नाफ़रमानी है।


फ़ज्र की नमाज़ से जुड़े कुछ सवाल और जवाब

Q. 1 फज्र की नमाज़ कितनी रकत होती है?

Ans. फज्र (फजर) अर्थात भोर की नमाज़ में चार रकात होती हैं।

Q. 2 फज्र की नमाज़ का वक्त कब तक है?

Ans. सूरज निकलते ही फजर की नमाज़ का टाइम ख़तम हो जाता है, यानि फजर की नमाज़ का आखिरी वक्त सूरज निकलने से पहले तक होता है। सूरज निकलने के बाद फजर की नमाज़ नहीं पढ़ सकते है।

Q. 3 4 रकात किस नमाज़ में होती हैं?

Ans. फजर की नमाज़ में 4 रकात होती हैं।

Q. 4 फ़ज्र की 4 रकात कौन-कौन सी हैं?

Ans. फ़ज्र की 4 रकात में 2 रकात सुन्नत (मोकीदा) और 2 रकात फ़र्ज होती हैं।

आखिरी शब्द

तो जैसा कि आप सभी ने पढ़ा कि फ़ज्र की नमाज़ में 4 रकात होती हैं,

और साथ ही साथ यह भी पढ़ा कि फज़र की नमाज़ का वक़्त कब शुरू होता है और आखिरी वक़्त कब तक होता है, जब तक हम लोग नमाज़ अदा कर सकते हैं।

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जज़ाकल्लाह खैर

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