Surah Abasa in Hindi Pdf with Tajuma | सूरह अबासा हिंदी में तर्जुमा संग

दोस्तों, इस पोस्ट में हमने आपके लिए सूरह अबासा (Surah Abasa in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी हिंदी में मौजूद कराने की पूरी कोशिश की है,

जैसे की सूरह अबासा हिंदी में, सूरह अबासा का हिंदी तर्जुमा और सूरह अबासा की पीडीऍफ़।

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दोस्तों, सूरह अबासा हिंदी में पढ़ने से पहले हमें चाहिए की हम सूरह से जुड़ी कुछ जरूरी बातें जान लें।

आपको बताते चलें की Surah Abasa का हिंदी में मतलब होता है: – “तेवरी चढ़ाई”।

सूरह अबासा कुरान करीम के 30वें पारा में मौजूद 80वीं सूरह है। यह मक्की सूरह है।

सूरह का नामसूरह अबासा
पारा नंबर30
सूरह नंबर80
कुल आयतें42
कुल रुकू1
कुल शब्द (अलफ़ाज़)133
कुल अक्षर (हर्फ़)538

सूरह अबासा हिंदी में | Surah Abasa In Hindi Text

दोस्तों यहाँ नीचे हमने सूरह अबासा को हिंदी में मौजूद कराया है। आप नीचे दी गयी Surah Abasa Hindi Mein Text, को पढ़कर आसानी के साथ इस सूरह अबासा की तिलावत कर सकते हैं।

अ ऊजु बिल्लाहि मिनश शैतानिर रजीम
बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम

1. अ़ – ब – स व तवल्ला

2. अन् जा – अहुल् अअमा

3. व मा युद्री – क ल अ़ल्लहू यज़्ज़क्का

4. औ यज़्ज़क्करु फ़ – तन्फ़ – अ़हुज़्ज़िक्रा

5. अम्मा मनिस्तग्ना

6. फ़ – अन् – त लहू तसद्दा

7. व मा अ़लै – क अ़ल्ला यज़्ज़क्का

8. व अम्मा मन् जा – अ – क यसआ़

9. व हु – व यख़्शा

10. फ़ – अन् – त अ़न्हु त – लह्हा

11. कल्ला इन्नहा तज्कि – रतुन्

12. फ़ – मन् शा – अज़ – करह्

13. फ़ी सुहुफ़िम् – मुकर्र – मतिम्

14. मरफू – अ़तिम् मुतह्ह – रतिम्

15. बिऐदी स – फ़ – रतिन्

16. किरामिम् ब – र – रह्

17. कुतिलल् – इन्सानु मा अक् – फ़रह्

18. मिन् अय्यि शैइन् ख़ – लक़ह्

19. मिन् नुत्फ़तिन् , ख़ – ल – क़हू फ़ – क़द्द – रहू

20. सुम्मस्सबी – ल यस्स – रहू

21. सुम् – म अमातहू फ़ – अक़्ब – रहू

22. सुम् – म इज़ा शा – अ अन्श – रह्

23. कल्ला लम्मा यक्ज़ि मा अ – मरह्

24. फ़ल्यन्जुरिल् – इन्सानु इला ताआ़मिही

25. अन्ना स – बब्नल् – मा – अ सब्बा

26. सुम् – म शक़फ़्नल् – अर – ज़ शक़्का़

27. फ़ – अम्बत्ना फ़ीहा हब्बंव्

28. -व अि – नबंव् – व क़ज़्बंव

29. व जैतूनंव् – व नख़्लंव्

30. व हदाइ – क गुल्बंव्

31.व फ़ाकि – हतंव् – व अब्बम्

32. मताअ़ल् – लकुम् व लि – अन्आ़मिकुम्

33. फ़ – इज़ा जा – अतिस्साख़्ख़हू

34. यौ – म यफ़िर्रुल् – मरउ मिन् अख़ीहि

35. व उम्मिही व अबीहि

36. व साहि – बतिही व बनीह्

37. लि – कुल्लिम् – रिइम् मिन्हुम् यौमइज़िन् शअनुंय् – युग्नीह

38. वुजूहुंय् – यौमइज़िम् मुस्फ़ि – रतुन्

39. ज़ाहि – कतुम् मुस्तब्शि – रतुन्

40. व वुजूहुंय् यौमइज़िन् अ़लैहा ग़ – ब – रतुन्

41. तर् – हकुहा क़ – तरह्

42. उलाइ – क हुमुल्क – फ़ – रतुल् फ़- जरह्

जैसा की आपने ऊपर सूरह अबासा को हिंदी टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा। हम आपसे दरख्वास्त करते हैं कि आप इस Surah Abasa Translation in Hindi को भी पढ़ें।

क्यूंकि Surah Abasa का तर्जुमा पढ़कर हमें समझ आएगा की अल्लाह ने इस सूरह में क्या इरशाद फ़रमाया है।

सूरह अबासा का तर्जुमा | Surah Abasa Ka Tarjuma

बिस्मिल्ला-हिर्रहमा-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से जो बहुत मेहरबान , रह्म करने वाला है।

अ़ – ब – स व तवल्ला
वह अपनी बात पर चीं ब जबीं हो गया

अन् जा – अहुल् अअमा
और मुँह फेर बैठा कि उसके पास नाबीना आ गया

व मा युद्री – क ल अ़ल्लहू यज़्ज़क्का
और तुमको क्या मालूम यायद वह (तालीम से) पाकीज़गी हासिल करता

औ यज़्ज़क्करु फ़ – तन्फ़ – अ़हुज़्ज़िक्रा
या वह नसीहत सुनता तो नसीहत उसके काम आती

अम्मा मनिस्तग्ना
तो जो कुछ परवाह नहीं करता

फ़ – अन् – त लहू तसद्दा
उसके तो तुम दरपै हो जाते हो

व मा अ़लै – क अ़ल्ला यज़्ज़क्का
हालॉकि अगर वह न सुधरे तो तुम ज़िम्मेदार नहीं

व अम्मा मन् जा – अ – क यसआ़
और जो तुम्हारे पास लपकता हुआ आता है

व हु – व यख़्शा
और (ख़ुदा से) डरता है

फ़ – अन् – त अ़न्हु त – लह्हा
तो तुम उससे बेरूख़ी करते हो

कल्ला इन्नहा तज्कि – रतुन्
देखो ये (क़ुरान) तो सरासर नसीहत है

फ़ – मन् शा – अज़ – करह्
तो जो चाहे इसे याद रखे

फ़ी सुहुफ़िम् – मुकर्र – मतिम् –
(लौहे महफूज़ के) बहुत मोअज़ज़िज औराक़ में (लिखा हुआ) है

मरफू – अ़तिम् मुतह्ह – रतिम्
बुलन्द मरतबा और पाक हैं

बिऐदी स – फ़ – रतिन्
(ऐसे) लिखने वालों के हाथों में है

किरामिम् ब – र – रह्
जो बुज़ुर्ग नेकोकार हैं

कुतिलल् – इन्सानु मा अक् – फ़रह्
इन्सान हलाक हो जाए वह क्या कैसा नाशुक्रा है

मिन् अय्यि शैइन् ख़ – लक़ह्
(ख़ुदा ने) उसे किस चीज़ से पैदा किया

मिन् नुत्फ़तिन् , ख़ – ल – क़हू फ़ – क़द्द – रहू
नुत्फे से उसे पैदा किया फिर उसका अन्दाज़ा मुक़र्रर किया

सुम्मस्सबी – ल यस्स – रहू
फिर उसका रास्ता आसान कर दिया

सुम् – म अमातहू फ़ – अक़्ब – रहू
फिर उसे मौत दी फिर उसे कब्र में दफ़न कराया

सुम् – म इज़ा शा – अ अन्श – रह्
फिर जब चाहेगा उठा खड़ा करेगा

कल्ला लम्मा यक्ज़ि मा अ – मरह्
सच तो यह है कि ख़ुदा ने जो हुक्म उसे दिया उसने उसको पूरा न किया

फ़ल्यन्जुरिल् – इन्सानु इला ताआ़मिही
तो इन्सान को अपने घाटे ही तरफ ग़ौर करना चाहिए

अन्ना स – बब्नल् – मा – अ सब्बा
कि हम ही ने (बादल) से पानी बरसाया

सुम् – म शक़फ़्नल् – अर – ज़ शक़्का़
फिर हम ही ने ज़मीन (दरख्त उगाकर) चीरी फाड़ी

फ़ – अम्बत्ना फ़ीहा हब्बंव्
फिर हमने उसमें अनाज उगाया

-व अि – नबंव् – व क़ज़्बंव
और अंगूर और तरकारियाँ

व जैतूनंव् – व नख़्लंव्
और ज़ैतून और खजूरें

व हदाइ – क गुल्बंव्
और घने घने बाग़

व फ़ाकि – हतंव् – व अब्बम्
और मेवे और चारा

मताअ़ल् – लकुम् व लि – अन्आ़मिकुम्
(ये सब कुछ) तुम्हारे और तुम्हारे चारपायों के फायदे के लिए (बनाया)

फ़ – इज़ा जा – अतिस्साख़्ख़हू
तो जब कानों के परदे फाड़ने वाली (क़यामत) आ मौजूद होगी।

यौ – म यफ़िर्रुल् – मरउ मिन् अख़ीहि
उस दिन आदमी अपने भाई से भागेगा

व उम्मिही व अबीहि
और अपनी माँ और अपने बाप से

व साहि – बतिही व बनीह्
और अपने लड़के बालों से

लि – कुल्लिम् – रिइम् मिन्हुम् यौमइज़िन् शअनुंय् – युग्नीह
उस दिन हर शख़्श (अपनी नजात की) ऐसी फ़िक्र में होगा जो उसके (मशग़ूल होने के) लिए काफ़ी हों

वुजूहुंय् – यौमइज़िम् मुस्फ़ि – रतुन्
बहुत से चेहरे तो उस दिन चमकते होंगे

ज़ाहि – कतुम् मुस्तब्शि – रतुन्
ख़न्दाँ शांदाँ (यही नेको कार हैं)

व वुजूहुंय् यौमइज़िन् अ़लैहा ग़ – ब – रतुन्
और बहुत से चेहरे ऐसे होंगे जिन पर गर्द पड़ी होगी

तर् – हकुहा क़ – तरह्
उस पर सियाही छाई हुई होगी

उलाइ – क हुमुल्क – फ़ – रतुल् फ़- जरह्
यही कुफ्फ़ार बदकार हैं

सूरह अबासा इमेज | Surah Abasa Hindi Image

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सूरह अबासा पीडीऍफ़ | Surah Abasa Hindi Pdf

दोस्तों जैसा की आपने सूरह अबासा को ऊपर टेक्स्ट के जरिये पढ़ ही लिया होगा और साथ ही साथ आपने सूरह अबासा का हिंदी तर्जुमा भी पढ़ा होगा।

लेकिन हम चाहते हैं की हम इस सूरह को जब चाहे तब पढ़ सकें, उसके लिए हमने नीचे इस सूरह अबासा की पीडीऍफ़ डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ यहाँ से Surah Abasa in Hindi Pdf Download कर सकते हैं।

सूरह अबासा अरबी में | Surah Abasa In Arabic

بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَٰنِ الرَّحِيمِ

(1) إِذَا الشَّمْسُ كُوِّرَتْ
(2) وَإِذَا النُّجُومُ انْكَدَرَتْ
(3) وَإِذَا الْجِبَالُ سُيِّرَتْ
(4) وَإِذَا الْعِشَارُ عُطِّلَتْ
(5) وَإِذَا الْوُحُوشُ حُشِرَتْ
(6) وَإِذَا الْبِحَارُ سُجِّرَتْ
(7) وَإِذَا النُّفُوسُ زُوِّجَتْ
(8) وَإِذَا الْمَوْءُودَةُ سُئِلَتْ
(9) بِأَيِّ ذَنْبٍ قُتِلَتْ
(10) وَإِذَا الصُّحُفُ نُشِرَتْ
(11) وَإِذَا السَّمَاءُ كُشِطَتْ
(12) وَإِذَا الْجَحِيمُ سُعِّرَتْ
(13) وَإِذَا الْجَنَّةُ أُزْلِفَتْ
(14) عَلِمَتْ نَفْسٌ مَا أَحْضَرَتْ
(15) فَلَا أُقْسِمُ بِالْخُنَّسِ
(16) الْجَوَارِ الْكُنَّسِ
(17) وَاللَّيْلِ إِذَا عَسْعَسَ
(18) وَالصُّبْحِ إِذَا تَنَفَّسَ
(19) إِنَّهُ لَقَوْلُ رَسُولٍ كَرِيمٍ
(20) ذِي قُوَّةٍ عِنْدَ ذِي الْعَرْشِ مَكِينٍ
(21) مُطَاعٍ ثَمَّ أَمِينٍ
(22) وَمَا صَاحِبُكُمْ بِمَجْنُونٍ
(23) وَلَقَدْ رَآهُ بِالْأُفُقِ الْمُبِينِ
(24) وَمَا هُوَ عَلَى الْغَيْبِ بِضَنِينٍ
(25) وَمَا هُوَ بِقَوْلِ شَيْطَانٍ رَجِيمٍ
(26) فَأَيْنَ تَذْهَبُونَ
(27) إِنْ هُوَ إِلَّا ذِكْرٌ لِلْعَالَمِينَ
(28) لِمَنْ شَاءَ مِنْكُمْ أَنْ يَسْتَقِيمَ
(29) وَمَا تَشَاءُونَ إِلَّا أَنْ يَشَاءَ اللَّهُ رَبُّ الْعَالَمِينَ

हल अता क हदीसुल सूरह अरबी इमेज

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सूरह अबासा की ऑडियो | Surah Abasa Mp3

दोस्तों, हमें उम्मीद है की आपने सूरह अबासा को हिंदी और अरबी में पढ़ लिया होगा। यहाँ हमने सूरह अबासा की ऑडियो फाइल मौजूद करायी है।

अगर आपको कुरान की तिलावत अरबी में उर्दू तर्जुमा के साथ सुनना पसंद है, जिसे सुनकर आपको सुकून हासिल होता है, तो हमें नीचे इस Surah Abasa Mp3 डाउनलोड करने का button दिया है।

आप आसानी के साथ इसे डाउनलोड कर सकते हैं।

सूरह अबासा की तफसीर | Surah Abasa Hindi Tafseer

दोस्तों, यहाँ नीचे हमने सूरह अबासा की मुख़्तसर सी तफसीर मौजूद करायी है, अगर आप अच्छे से इसकी तफसीर जानना चाहते है तो कुरआन को पढ़ें।

📜 आयत (1-10): – इन आयातों का मफहूम ये है कि जो लोग हक की तलाश में है चाहे वो गरीब ही क्यूँ न हो उनकी बेहतरी पर तब्ज्जोह दे। और उन के पीछे वक़्त जाया न करो, जो गुरुर की बजह से हक की परवाह नहीं करते।

यहाँ तक के आपको यह जमादारी भी नहीं कि उन्हें अपनी बात मनवा दें।

📜 आयत (11-16): – इन में क़ुर्आन की अजमत को बताया गया है कि यह एक स्मृति (याद दहानी) है। किसी पर थोपने के लिये नहीं आया है। बल्कि वह तो फ़रिश्तों के हाथों में जन्नत में एक आसमानी सहिफे के अन्दर सूरक्षित है।

और वहीं से वह (क़ुर्आन) इस दुनिया में नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर उतारा जा रहा है।

📜 आयत (17-23): – काफिरों पर धिक्कार है कि यदि वह अपने बजूद पर विचार करें कि हमने कितनी फ़िज़ूल मनी के कतरे से उस की रचना की तथा अपनी रहमत से उसे शऊर और समझ दी।

परन्तु इन सब उपकारों को भूल कर नाशुकरा बना हुआ है, और दूसरों की इबादत करता है।

📜 आयत (24-32): – इन आयतों में इन्सान की ज़िन्दगी के असबाब को दलाइल की सूरत में पेश किया गया है जो अल्लाह की बेपनाह रहमत की दायिल है।

लिहाजा जब तमाम इन्तेज़ामात वही (अल्लाह) करता है तो फिर इन्सान के लिये ये मुनासिब था कि उसकी इताअत करे और उसके अहकामात पर अम्ल करे, जो क़ुर्आन के जरिये से अन्तिम नबी मूह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि बसल्लम) पेश कर रहे हैं। (दावतुल क़ुर्आन)

📜 आयत (33-42): – इन आयतों का मफहूम यह है कि अगर दुनिया में किसी पर कोई आफत आती है तो उस के अपने लोग उस की सहायता और रक्षा करते हैं। परन्तु क़यामत के दिन सब को अपनी अपनी पड़ी होगी और उस के आमाल ही उस की हिफाज़त करेंगे।

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