Surah Liilafi Quraish in Hindi Pdf | सूरह कुरैश हिंदी में तर्जुमा के साथ

Last updated on दिसम्बर 12th, 2022 at 10:13 पूर्वाह्न

सूरह कुरैश हिंदी में (Surah Quraish in Hindi), कुरान मजीद के 30वें पारा में मौजूद 106 नंबर की सूरत है।

सूरह कुरैश कुरान मजीद की उन तमाम सुरतों में शामिल है, जिनकी फजीलत बहुत ज्यादा है, और यह काफी छोटी है; जिन्हें बड़ों से लेकर बच्चे भी याद करके इसकी तिलावत कर सकते हैं और इस सुरह को हम नमाज़ में भी पढ़ा करते हैं।

surah-liilafi-quraish-in-hindi-black-or-red-text-on-pink-background-image

सुरह कुरैश को हम liilafi quraish surah के नाम से भी पहचानते हैं क्योंकि इस सूरह के शुरुआती लफज लिईलाफी कुरैश ही है। आपको बताते चलें Quraish का Hindi Meaning, “जमा करने बाला” या “तलाश करने बाला” होता है, इसका कुरआन में कुरैश कबीला से है।

दोस्तों surah quraish in hindi शुरू करने से पहले हम आपको liilafi quraish surah in hindi में कुछ छोटी मगर जरूरी बातें बता रहे हैं, इन बातों को आपको जानना जरूरी है।

यह भी पढ़ें: – अल्लाह के 99 नाम और उनके मतलब

सूरह का नामसूरह कुरैश (Surah Quraish)
पारा नंबर30
सूरह नंबर106
आयत4
शब्द17
अक्षर73
मक्की है या मदनीमक्की सूरह
सूरह का मतलब (माने)कुरैश कबीला या जमा करने बाला” या “तलाश करने बाला”

सूरह कुरैश हिंदी में (Surah Quraish in Hindi)

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम

लि ईलाफि कुरैश [1]

इलाफिहिम रिहलतश शिताई वस सैफ [2]

फल यअ’बुदू रब्बा हाज़ल बैत [3]

अल्लज़ी अत अमहुम मिन जूअ व आमनहुम मिन खौफ [4]

दोस्तों यहाँ हमने सूरह कुरैश को हिंदी में पढ़ लिया है, तो हमें चाहिए कि अब हम Surah quraish का tarjuma भी हिंदी में जान लें। क्योंकि कुरान पढ़ने का सवाब उस वक़्त कई गुना बढ़ जाता है, जब हम उसे समझ कर यानी तर्जुमे के साथ पढ़ते हैं।

सूरह कुरैश का तर्जुमा हिंदी में (Surah Quraish Hindi Tarjuma)

बिस्मिल्लाह-हिर्रहमान-निर्रहीम
अल्लाह के नाम से, जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम बाला है।

1. लि ईलाफि कुरैश
चूँकि क़ुरैश को जाड़े और गर्मी के सफ़र से मानूस कर दिया है

2. इलाफिहिम रिहलतश शिताई वस सैफ
तो उनको मानूस कर देने की वजह से

3. फल यअ’बुदू रब्बा हाज़ल बैत
इस घर (काबा) के मालिक की इबादत करनी चाहिए

4. अल्लज़ी अत अमहुम मिन जूअ व आमनहुम मिन खौफ
जिसने उनको भूख में खाना दिया और उनको खौफ़ से अमन अता किया

सूरह कुरैश की हिंदी फोटो (Surah Al-Quraish Hindi Image)

surah-liilafi-quaish-in-hindi-and-english-black-green-and-red-text-on-light-green-background-image

क्या आपको दुआ क़ुनूत याद है?: – दुआ ए कुनूत हिंदी में पढ़ें और याद करें

Surah Quraish in Hindi Pdf Download

मेरे प्यारे दीनी भाइयों और बहनों जैसा की आपने ऊपर सूरह कुरैश को हिन्दी में तर्जुमा के साथ पढ़ा ही होगा। साथ ही साथ आपने Surah Quraish की Hindi Image भी देखी होंगी।

यहाँ हमने Surah Quraish Pdf Hindi Me उपलब्ध करायी है आप आसानी के साथ सूरह कुरैश की Pdf को डाउनलोड कर सकते है।

download

Download Surah Quraish Ki Mp3 or Audio File

मेरे प्यारे भाइयों और बहनों जैसा की आपने इस पोस्ट में सूरह कुरैश को सभी भाषाओं में टेक्स्ट और इमेजेज के जरिये पढ़ा ही होगा।

लेकिन अगर आप सूरह सुनना पसंद करते है, जिससे आपने दिल और दिमाग को आराम मिलता है।

उसके लिये हमने नीचे सुरह की Mp3 फाइल डाउनलोड करने का लिंक दिया है। यहाँ से आप आसानी के साथ Surah Quraish Ki Mp3 को डाउनलोड कर सकते हो।

download

सूरह कुरैश के बारे में कुछ बातें

यह सूरह मक्की है, इस में 4 आयतें हैं।

• इस में मक्का के कबीले ((कुरैश)) की चर्चा के कारण इस का यह नाम रखा गया है। [1]

1. इस सूरह के तर्जुमा को समझने के लिये यह जानना जरूरी है कि कुरैश कबीला नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के पूर्वज कुसई इब्न किलाब के ज़माने में “हिजाज” में फैली हुई थी। उन्होंने सब को मक्का में इकठ्ठा किया और अपनी सुनिती से एक राज्य की स्थापना की। और हाजियों की ख़िदमत का इस तरह एहतमाम किया कि पूरे अरब के कबायिल और इलाकों में उन का अच्छा असर पड़ा।

कुसई के बाद रियासती ओहदे उन के चार बेटों में तकसीम हो गये। परन्तु उन में अब्द मनाफ का नाम अधिक मशहूर हुआ। और उन के चार बेटों में से नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के दादा अब्दुल मुत्तलिब के पिता हाशिम ने सब से पहले यह सोचा किः अन्तर्राष्ट्रीय तिज़ारत में हिस्सा लिया जाये, जिसके बजह से कुरैश का संबंध अनेक मुल्कों और तहजीबों से हो गया।

मक्का अरब द्वीप का, तिजारती मरकज बन गया। और अबरहा की हार ने कुरैश की मान मर्यादा और अधिक कर दी। इसलिये सरह के चार वाक्यों में रैश से मात्र इतना ही कहा गया है कि जब तुम इस घर (काबा) अल्लाह का घर मानते हो न की को बुतों का। वह अल्लाह ही है जिस ने इस घर के बजह से तुम्हारे कारोबारों को इतना फैलाया और तुम्हें भूख से बचा लिया, तो तुम्हें भी सिर्फ उसी की इबादत करनी चाहिये।

• इस की आयत 1 से 3 तक में मक्का के वासी कुरैश के अपनी तिजारती दौरों से मोहब्बत रखने के बजह से, जो यात्रा वह बिना डरे और शान्त रह कर किया करते थे क्योंकि काबा के रहने बाले थे उनसे कहा जा रहा है कि वह केवल इस घर के मालिक यानी अल्लाह ही की इबादत करें।

आयत 4 में इसका कारण बताया गया है कि यह रिज्क और शुकून, जो तुम्हें मिलता है वह अल्लाह ही का अता किया हुआ है। इस लिये तुम्हें उस का शुक्र गुजार होना चाहिये और मात्र उसी की इबादत (वंदना) करनी चाहिये।

सूरह कुरैश के फायदे (Surah Al-Quraish Benefits In Hindi)

सूरह अल-कुरैश की तिलावत और इसको हिफ्ज़ करने के फवायिद मुस्तकिल तौर पर लम्बे समय से मुख्तलिफ दीनी किताबों और फरमानों में बयान किये गए है।

लेकिन इन फायदों को शायद ही हमारे पैगंबर (ﷺ) की किसी हदीस द्वारा बताया गया हो। हालांकि बड़ी संख्या में मुसलमान इन फवायिद को अमल में ले रहे हैं।

तो हम भी Surah Quraish ki Fazilat in Hindi में जान लेते हैं।

🤲1. सूरह अल-कुरैश की तिलावत और इसे याद करने की वजह जान लेते हैं।

🤲2. सूरह कुरैश खाने की बीमारी करने वाले असरात दूर होते हैं।

🤲3. तुलु आफताब (सूर्योदय) से पहले सूरह कुरैश की तिलावत करने से रिज्क तलाश करना आसान हो जाता है।

🤲4. इस सूरह कुरैश हिंदी की तिलावत करने वाला उसके जैसा है जिसने काबा तैयबा का तवाफ़ किया और उसमें रहा हो।

🤲5. इस सूरह कुरैश की तिलावत करने बाले के लिए मस्जिदे नब्बी में नमाज़ पढ़ने और तवाफ़ करने वालों की तादाद का दस गुना इनाम मिलेगा।

🤲6. जो बार-बार सूरत की तिलावत करता है। अल्लाह उसे, क़यामत के दिन उसे जन्नत की सबारी में से एक सबारी देगा। जो उसे जन्नत के एक बहुत ही चुने हुए हिस्से में ले जाएगी।

🤲7. अगर खाने से पहले सूरह की तिलावत की जाए, यह खाना, खाने वाले को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और यह हर बीमारी का इलाज होगा, इंशाल्लाह।

🤲8. दिल के रोगियों को इस सूरह कुरैस की तिलावत करना चाहिए और फिर धीरे से पीने के पानी में फूंक मारकर पीना चाहिए।

Surah Quraish Sabab Al-Nazul

सूरह अल-कुरैश, कुरैश के बारे में नाजिल हुई थी और इस सूरह कुरैश में उन रहमतों के बारे में बताया गया था जो अल्लाह ने उन्हें अता की थीं।

उम्म हानी बिन्त अबी तालिब जिन्होंने बताया कि पवित्र पैगंबर (ﷺ) ने फ़रमाया: “अल्लाह ने कुरैश को सात खुशुशियात के साथ नवाज़ा है जो अल्लाह ने उनसे पहले किसी को नहीं दी और उनके बाद कभी किसी को नहीं देगा।

👉 खलीफा (अल-खिलाफा) का पद उनमें से एक को दिया गया।

👉 पवित्र घर (अल-हिजाबा) की हिरासत उनमें से किसी के द्वारा फ़र्ज़ की गई।

👉 हज के दौरान हाजियों को (अल-सिकायाह) को पानी देना उनमें से किसी के द्वारा किया जाता है।

👉 उनमें से किसी को ख्त्में नबूबत दी जाती है।

👉 उन्हें हाथियों की फौज पर जीत दिलाई गई।

👉 उन्होंने सात साल तक अल्लाह की इबादत की जिसके दौरान किसी ने भी अल्लाह की इबादत नहीं की।

👉 सूरह उनके बारे में नाजिल की गयी जिसमें उनके अलावा किसी और का जिक्र नहीं किया गया था (कुरैश की तालीम के लिए …)”।

पवित्र पैगंबर मुहम्मद (ﷺ) की हदीस

कुछ हदीसों में कुरैश शब्द शामिल है। लेकिन उनका संदर्भ ख़ासतौर से सूरह अल-कुरैश से संबंधित नहीं है। हदीस इस प्रकार हैं:

वाथिला बिन अल-असका से रिबायत है, कि अल्लाह के रसूल (ﷺ) ने कहा: “वास्तव में अल्लाह ने इब्राहिम (عليه السلام) के बच्चों में से इस्माइल को चुना है, और उसने इस्माइल के बच्चों में से बनू किनानाह को चुना है, और उसने बनू किनानाह से कुरैश को चुना है, और उसने कुरैश से बनू हाशिम को चुना है, और उसने मुझे बनू हाशिम से चुना है।” (मुस्लिम और तिर्मिधि से संबंधित।)

सूरह कुरैश की तफ़सीर हिंदी में

क़ुरैश किसे कहते हैं?

कुरैश अरब के एक क़बीले का नाम है जो मक्का में आबाद था और काबे की देख रेख उन के जिम्मे थी, और मक्का जहाँ न खेती थी और न ही जानवरों की परवरिश हो पाती थी क्यूंकि उन के लिए चारे का इन्तिज़ाम नहीं था और ऊँट की परवरिश इसलिए की जाती थी कि वो कांटेदार पौधों को भी अपनी ख़ुराक बना लेता है।

चूंकि कुरैश की रोज़ी रोटी का मदार तिजारत पर था और तिजारत के लिए ये लोग आम तौर पर दो सफ़र किया करते थे, एक सर्दी के मौसम में यमन का क्यूंकि वहां का मौसम गर्म होता था।

और गर्मी के मौसम में शाम का क्यूंकि वहां का मौसम ठंडा होता था। लेकिन ये ऐसे इलाक़े थे जहाँ हुकूमत नाम की कोई चीज़ न थी।

चूंकि गरीबी बहुत थी इसलिए रास्ते में काफिलों के साथ लूट मार हो जाती थी और सफ़र करने वालों को जान माल का खतरा रहता था, लेकिन कुरैश कबीले वालों की हर कोई इज्ज़त व इहतिराम करता था और उन पर हमला नहीं करता था।

कबीला कुरैश पर कोई हमला क्यूँ नहीं करता था?

क्यूंकि लोग कहते थे ये काबे के मुतवल्ली हैं अल्लाह के घर के ज़िम्मेदार हैं जो लोग मक्का जाते हैं उन की ये लोग मेहमान नवाजी करते हैं इसलिए पूरे सफ़र में क़ुरैश को कोई नहीं छेड़ता था, ख़ास कर असहाबे फ़ील के वाकिये के बाद तो लोगों की निगाह में कुरैश की इज्ज़त और बढ़ गयी।

कुरैश पर अल्लाह के तीन इनआम

इसलिए इस सूरह में अल्लाह तआला ने कुरैश को तीन इनआमों के अहसान याद दिलाये हैं और ये तीनों इनआम उनको काबे की वजह से ही हासिल थे

  1. गर्म और ठन्डे मौसम में उनका बेख़ौफ़ो खतर ( बगैर किसी डर व खौफ़ के ) लम्बा तिजारती सफ़र करना।
  2. ऐसी सरज़मीन में बसने के बावुजूद जहाँ न पानी था और न घास उगती थी फिर भी खाने पीने की चीज़ें मुहय्या हो जाना।
  3. कोई ऐसी हुकूमत न थी जो अमन कायम करती हर तरफ जानो माल का खतरा लेकिन ऐसे हाल में भी उनका महफूज़ रहना।

अल्लाह तआला ने इन तीन इनामों को ज़िक्र किया जो मक्का के कुरैश कबीले को अल्लाह के घर (काबा) की खिदमत की वजह से हासिल हुआ | तो अगर उन पर ये इनआम किये गए हैं तो उनको भी चाहिए कि शुक्राने के तौर पर वो बुतों को पूजने के बजाये इसी घर के मालिक की इबादत करें।

सूरह कुरैश का सबक़

इस सूरह में सबक का एक अहम पहलू ये है कि ज़िन्दगी की ज़रूरतों का पूरा होना और अमनो- अमान अल्लाह की दो बड़ी नेअमतें हैं।

अगर ये किसी को हासिल हों तो ये समझ लो कि उसे दुनिया की तमाम नेअमतें हासिल हैं और फिर उसका फ़रीज़ा ये बनता है कि उसके लिए अपने परवरदिगार का शुक्र अदा करे।

सूरह कुरैश से जुड़े कुछ सवाल और जवाब

सवाल 1: – सूरह कुरैश से क्या हुक्म मिलता है?

जवाब: – सूरह कुरैश से मालूम होता है कि हमें हमारी ज़िन्दगी के सभी खौफों से महफूज़ रखने बाला एक अल्लाह है। अल्लाह ही है जो इज्ज़तों को अता करने बाला है जैसे की अल्लाह ने कुरैश कबीले को अता की।

सवाल 2: – सूरह कुरैश का Translation क्या होता है?

जवाब: – Surah Quraish को हिंदी में सूरह कुरैश, अरबी में قُرَيْش लिखते हैं और इंग्लिश में Quraish।

सवाल 3: – कुरैश का क्या मतलब होता है?

जवाब: – कुरैश का हिंदी मतलब “जमा करने बाला” या “तलाश करने बाला” होता है।

सवाल 4: – सूरह अल-कुरैश मक्की है या मदनी?

जवाब: – सूरह अल-कुरैश मक्की सूरह है।

और अधिक पढ़ें

1 thought on “Surah Liilafi Quraish in Hindi Pdf | सूरह कुरैश हिंदी में तर्जुमा के साथ”

Leave a Comment